मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति एक ऐसा समय है, जब महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। आमतौर पर इसकी कोई निश्चित उम्र नहीं है, मगर ज्यादातर महिलाओं में मेनोपॉज 40 साल से 55 साल की उम्र के बीच होता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनसे उनके शरीर के अंग भी प्रभावित होते हैं। इनमें ज्यादातर बदलाव उन्हें नुकसान ही पहुंचाते हैं, जैसे- हड्डियों को कमजोर करना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाना आदि।
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद दिल की बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। डॉक्टरों का दावा है कि जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, उनमें कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ता जाता है। वैसे तो ये खतरा पुरुषों में भी होता है, मगर महिलाओं में ये खतरे मेनोपॉज के कारण कई गुना अधिक बढ़ जाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि हार्ट अटैक के कारण पुरुषों से ज्यादा महिलाएं मरती हैं। आइए आपको बताते हैं आप 40 की उम्र के बाद अपने दिल का ख्याल कैसे रखें, ताकि इन बीमारियों से बची रहें।
क्यों बढ़ता है दिल की बीमारी का खतरा?
आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। एस्ट्रोजन वो हार्मोन है, जो महिलाओं में प्रमुख रूप से पाया जाता है। इसे स्त्रीत्व का हार्मोन भी कहते हैं। यही वो हार्मोन है जो महिलाओं के शरीर की क्रियाओं को पुरुषों से अलग बनाता है। जब महिलाओं में इस हार्मोन का बनना कम हो जाता है, तो इनमें endothelial dysfunction का खतरा बढ़ जाता है और उनकी धमनियां की रक्षा करने वाला गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) भी अपना असर खोने लगता है। यही कारण है कि महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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महिलाओं में ज्यादा होता है गुड कोलेस्ट्रॉल, फिर भी खतरा
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि महिलाओं में HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है। इसके बाद भी 40 की उम्र के बाद उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। इसका एक बड़ा कारण मेनोपॉज है। मेनोपॉज के दौरान रिलीज होने वाले हार्मोन्स के कारण ये गुड कोलेस्ट्रॉल कम होने लगते हैं और शरीर में LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है।
आज महिलाओं को ज्यादा जरूरत है हृदय का ध्यान रखने की
पहले की अपेक्षा जिंदगी को स्वस्थ रखने की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। आजकल न हवा-पानी शुद्ध है और न ही खान-पान अच्छा है। ऐसे में शरीर में होने वाले बदलाव और हार्मोन्स भी महिलाओं को कई तरह की बीमारियों का शिकार बनाते हैं। इसीलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पहले की अपेक्षा आज महिलाओं को अपने दिल की सेहत का ख्याल रखने की ज्यादा जरूरत है।
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कैसे रखें महिलाएं 40 के बाद दिल की सेहत का ख्याल
- रोजाना 30 से 40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। अगर कुछ नहीं कर सकती हैं, तो तेज गति से पैदल चलने (brisk walking) की आदत डालें। ये भी आपके लिए काफी फायदेमंद होगा।
- जहां तक संभव हो कोई न कोई शारीरिक गतिविधि या खेल जरूर खेलें जैसे- साइकिल चलाएं, स्विमिंग करें, बैडमिंटन खेलें, जुम्बा डांस करें या योगासन करें, जिससे आपकी मसल्स टोन रहें।
- अपना वजन न बढ़ने दें और अगर पहले ही वजन बढ़ा हुआ है, तो इसे कंट्रोल करें और धीरे-धीरे सामान्य लेवल पर ले आएं।
- अपना खानपान सही रखें। खाने में पाइबर की मात्रा अच्छी रखें, ताकि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रहे।
- शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, अखरोट, बादाम, डार्क चॉकलेट, मछली और ओट्स का सेवन ज्यादा करें और खूब पानी पिएं।
- हर एक साल में अपने शरीर की जांच कराएं और अपनी सेहत पर नजर रखें।
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