बच्चों को घर पर कराएं ये 6 आसान योगासन, तेज होगा दिमाग और बेहतर होगा मानसिक स्वास्थ्य

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत जरूरी है। यहां कुछ आसन योगासन बताए गए हैं जिन्हें बच्चे घर पर ही कर सकते हैं।
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बच्चों को घर पर कराएं ये 6 आसान योगासन, तेज होगा दिमाग और बेहतर होगा मानसिक स्वास्थ्य

क्या आपका बच्चा बोर्ड परीक्षा के डर से घबराने लगा है? लंबे समय ऑनलाइन कक्षाएं लेने की वजह से   बच्चे  को शारीरिक समस्याएं होने लगी हैं? या फिर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चा घर में सिमट गया है और अवसाद, एग्जाइटी या मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां उसमें देखने को मिल रही हैं, तो घबराइए मत। यहां हम आपको कुछ ऐसे आसान योग बता रहे हैं जिससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा। बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा। उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह सामाजिक जीवन में भी लोगों से मिलजुल कर चल पाएगा। इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने ओन्ली माई हेल्थ के माध्यम से बच्चों के लिए कुछ आसान योगासन बताए हैं जिन्हें घर में ही किया जाता सकता है।

बच्चों के लिए योग आसन

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1. एकाग्रता के लिए करें ताड़ासन (Tadasan for concentration) 

यह आसन बच्चों में एकाग्रता को बढ़ाता है। जब बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है तो वे अपने आसपास को लेकर जागरुक होते हैं। साथ ही साथ इस योग से बच्चों की ब्रिदिंग कैपेसिटी बढ़ती है। योग एक्सपर्ट भोली का कहना है कि यह योग हमारे शरीर में एनर्जी लेवल को बूस्ट करता है। मूड को अच्छ करता है। बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा आसन है।

ताड़ासन करने का तरीका 

  • -सावधान अवस्था में खड़े हो जाएं।
  • -दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें।
  • -दोनों हाथों की ऊंगलियों को आपस में इंटरलॉक करें।
  • -सांस भरते हुए अपने हाथों को आसमान की ओर ले जाएं।
  • -साथ ही साथ अपनी एड़ियों को ऊपर उठाएं।
  • -पूरे शरीर में आसमान की तरफ खींचें।
  • -शरीर को बैलेंस करने का प्रयास करें। 
  • -इस आसन में 25-30 सेकेंड होल्ड करें।

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2. पढ़ाई के स्ट्रेस को कम करता है वृक्षाकासन (Vrikshasan for reducing exam stress)

योग एक्सपर्ट भोली परिहार का कहना है कि परीक्षा आते समय बच्चे पूरे दिन बैठकर पढ़ते रहते हैं जिससे शरीर में दर्द होने लगता है। वृक्षासन करने से बॉडी मजबूत होती है। यह योग बच्चों में मानसिक शांति लाता है। बच्चे चंचल होते हैं जिस वजह से पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाते, लेकिन यह योग बच्चों में ठहराव लाता है। तो वहीं पढ़ाई के तनाव को कम करता है। यह आसन बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। इसका अभ्यास बच्चों को सुबह शाम करना चाहिए।

वृक्षासन करने का तरीका

  • -सावधान अवस्था में खड़े हो जाएं। 
  • -अपने सीधे पैर को मोड़ते हुए उल्टे पैर की जंघा पर दोनों हाथों से सहारा देते हुए रखें लें।
  • -कमर या गर्दन सीधी रहेगी। अब सांस भरते हुए दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाते हुए नमस्कार मुद्रा में कर लें।
  • -अपनी दोनों आईबॉल्स को किसी एक जगह केंद्रित कर दें। 
  • -इस आसन में 30-35 मिनट रुकें।
  • -दूसरे पैर से भी दोहराएं।

इसे भी पढ़ें : बच्चों में पढ़ाई के कारण बढ़ते तनाव के क्या हैं संकेत? एक्सपर्ट से जानें इस तनाव से बच्चों को कैसे निकालें

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3. सुस्ती को खत्म करे अधोमुख स्वानआसन (downward facing dog for reducing lethargicness)

इस आसन को करने से बच्चों के शरीर में लचीलापन आता है। साथ ही साथ यह आसन स्फूर्ति को बढ़ाता है और सुस्ती को भगाता है। हमारे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ा देता है। हमारे हाथों को मजबूत करता है। हमारे पैरों में मजबूती लाता है। बच्चों को पढ़ते समय नींद बहुत आती है यह आसन नींद को भगाता है। साथ ही साथ यह आसन बच्चों के दिमाग को तेज करता है।  हमारे सिर वाले हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है। जिससे हमारे ब्रेन को प्रॉपर ऑक्सीजन मिल पाती है। उसी के कारण बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है। 

अधोमुख स्वानासन करने का तरीका

  • -दोनों को पैरों को मोड़कर अपनी मैट पर बैठ जाएँ।
  • -सामान्य सांस लेते हुए, दोनों हाथों को जमीन पर रख दें। आपके पंजे व एड़ी जमीन में ही रहेंगे।
  • -धीरे से अपने घुटनों को सीधा कर लें।
  • -इसमें शरीर की पहाड़ जैसी शेप बनाएंगे।
  • -एड़िया व पंजे जमीन पर ही रहेंगे और आपके हिप्स आसमान की तरफ रहेंगे।
  • -हमारा सिर जमीन की तरफ रहेगा।
  • -इस आसन को करते समय अपनी दृष्टि को नाभि पर रखें।
  • -इस आसन में 30-35 सेकेंड रुकें।

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4. बच्चों की पीठ को मजबूत करने के लिए धनुरासन 

बच्चे पढ़ाई के कारण पूरे दिन बैठे रहते हैं। जिस कारण उनकी पीठ पर दबाव पड़ता है। यह आसन बच्चों की कमर में मजबूती लाता है, उनके हाथों को मजबूत करता है। साथ ही साथ उनके पूरे शरीर को लचीला बनाता है। 

धनुरासन करने का तरीका

  • -पेट के बल लेट जाएं।
  • -दोनों पैरों को जोड़ लें।
  • -अपने घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों को हिप्स के पास ले आएं।
  • -अपने दोनों हाथों को बाहर से खोलते हुए, अपने एंकल (पंजे) को पकड़ लें।
  • -दृष्टि आसमान की ओर रखें या सामने रखें।
  • -25 से 30 सेकेंड होल्ड करें।

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5. बच्चों की पाचन क्षमता को ठीक रखे अर्धहलासन (Ardhahalasan for digestive system)

यह आसन बच्चों की पाचन क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही साथ पेट की गैस को निकालता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इस आसन को करने से रक्त का संचार पेट की तरफ होता है। जिसके कारण हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत अच्छे से काम कर पाता है। यह हमारे पाचन की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अंदरूनी मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। इस आसन को करने से बच्चों की कमर में भी मजबूती आती है और शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में भी रक्त संचार बढ़ा देता है। जिसके कारण तनाव और एंग्जाइटी खत्म होती है। यह आसन आंखों के लिए भी बहुत अच्छा है।

अर्धहलासन करने का तरीका

  • -पीठ के बल लेट जाएं।
  • -दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें।
  • -अपने दोनों हाथों की हथेलियां कमर के बगल में रखें।
  • -पंजों को अपनी तरफ खींचें।
  • -सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर की ओर 90 डिग्री में उठाएँ। तलवों को आसमान की ओर रहेंगे।
  • -आपकी कमर वाला हिस्सा जमीन पर रहेगा।
  • -इस आसन में 30-35 सेकेंड होल्ड करें। 

6. सिर दर्द से निजात दिलाए पाद हस्तासन (Paad hastasan for get rid of headache)

बच्चों के पूरे शरीर के लिए यह अत्यधिक लाभदायक आसन है। बच्चों के चेहरे की मांसपेशियों को तनाव रहित करता है। साथ ही साथ बच्चों के दिमाग में जो खराब रक्त प्रवाह के कारण सिर में दर्द, अत्यधिक सोचना, पढ़ाई की टेंशन लेना, इन सारी चीजों से मुक्ति दिलाता है। हमारी कमर वाले हिस्से में मजबूती लाता है, साथ ही साथ हमारे पूरे शरीर को तनाव रहित करता है।

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पाद हस्तासन करने का तरीका 

  • -दोनों पैरों को जोड़कर सामान्य स्थिति में खड़े हो जाएँ।
  • -सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाएं।
  • -कमर व गर्दन को सीधा रखते हुए सांस छोड़ते हुए अपने पूरे शरीर को आगे की ओर ले जाएं।
  • -अपने पंजों को पकड़ने का प्रयास करें। अगर आप पंजों को नहीं पकड़ पा रहे हैं तो अपने हाथों को वहीं ढीला छोड़ दें।
  • -इस आसन में 30-35 सेकेंड होल्ड करें।

बच्चों में केवल पढ़ाई का ही डर नहीं होता है, बल्कि यह उनके माता-पिता रिश्तेदारों या दोस्तों के बच्चों के साथ कंपेयर भी करते हैं। जिस कारण बच्चों में एग्जाइटी, तनाव, अवसाद, डर, गुस्सा जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इन सब परेशानियों से निजात पाने के लिए जरूरी है कि बच्चों की फिजिकल और मेंटल फिटनेस पर ध्यान दिया जाए।

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