Breastfeeding Week 2020: ये हैं शिशुओं में ओवरफीडिंग के 5 लक्षण, स्तनपान के दौरान बरतें सावधानी

शिशु जब धीरे धीरे बड़ा होता है और उसका शरीर भी चबी होने लगता है। हालांकि यह एक नेचुरल है लेकिन कई बार ओवरफीडिंग भी इसकी वजह हो सकती है।
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Breastfeeding Week 2020: ये हैं शिशुओं में ओवरफीडिंग के 5 लक्षण, स्तनपान के दौरान बरतें सावधानी


शिशुओं का आहार सिर्फ दूध ही होता है। इसलिए हर मां इस चीज को लेकिर चिंचित रहती है कि उसके शिशु ने भरपूर मात्रा में दूध पीया भी है या नहीं। बच्चा चाहे कितना भी खा लें, हर मां को यही लगता है कि उसने कम ही खाया है। लेकिन कई बार यह मीठी चिंता तब शिशुओं के लिए नुकसानदायक साबित हो जाती है जब मांए जरूरत से ज्यादा अपने शिशु को दूध पिला देती है। यह समस्या अक्सर उन महिलाओं के साथ देखने को मिलती है जो पहली बार मां बनती हैं।

अगर शिशु जरूरत से ज्यादा स्तनपान/दूध पीता है तो उसके शरीर में कुछ संकेत दिखते हैं। यदि आप इन संकेतों को समझ गए तो समय रहते डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं और जरूरी सावधानी बरत सकते हैं। शिशु की नींद और खाने की आदत अक्सर माओं को कन्फ्यूज कर देती है। इसलिए आपको बहुत सावधानी से चीजों पर निगरानी रखने की जरूरत होती है। जो शिशु बोतल वाला दूध पीते हैं उनके साथ ओवरफीडिंग होने के चांस ज्यादा होते हैं। तो आइए जानते हैं ओवरफीडिंग के बाद शिशुओं के शरीर में दिखने वाले लक्षण—

बढ़ने लगता है शिशु का वजन

शिशु जब धीरे धीरे बड़ा होता है और उसका शरीर भी पहले के मुकाबले चबी होने लगता है। हालांकि यह एक नेचुरल प्रक्रिया है लेकिन कई बार ओवरफीडिंग भी इसकी वजह बन जाता है। कई शोधों में यह साफ हो चुका है कि जब शिशु को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाया जाता है तो वह बढ़ते वजन का शिकार हो जाता है। अभिभावकों की नजरअंदाजी और लापरवाही के चलते शिशु धीरे धीरे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और ओबेसिटी जैसी बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं।

दुर्गंधयुक्त मल

शिशु का दुर्गंधयुक्त मल करना भी ओवरफीडिंग का एक लक्षण है। ओवरफीड करने वाले शिशुओं का मल गहरा भूरा और पीले रंग का होता है। हालांकि, शिशु को अक्सर दस्त लगना भी ओवरफीड का एक संकेत हो सकता है। इसलिए हम यही कहेंगे कि शिशु में इस तरह के लक्षण दिखने पर कुछ समय के लिए शिशु के दूध की मात्रा को सीमित कर दें या डॉक्टर से संपर्क करें।

अत्यधिक गैस छोड़ना

पेट भरने के बाद भी जब शिशुओं को दूध पिलाया जाता है तो इसका खामियाजा उनके द्वारा गैस छोड़ने के रूप में देखा जाता है। यह समस्या सिर्फ यहीं पर नहीं रुकती है बल्कि गैस के बाद शिशु के पेट में कब्ज भी बनने लगती है। इसके अलावा ऐसी स्थिति में शिशु काफी रोते भी हैं।

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दूध की उल्टी होना

उल्टी/भाटा का कारण अलग-अलग हो सकता है और इसलिए यह समझने में काफी मुश्किल भी होता है कि शिशु को आखिर यह क्यों हो रहा है? लेकिन यह सच है कि जब शिशु जरूरत से ज्यादा दूध पी लेता है तो उसे दूध की उल्टी होना, बड़ी बड़ी डकार लेना और हिचकी आने जैसी समस्या हो जाती है। यदि आपके शिशु के साथ भी ऐसा होता है तो ओवरफीडिंग को अपने दिमाग में रखें।

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स्वभाव में चिड़चिड़ाहट आना

जिस तरह हमें ज्यादा खाने से घबराहट और पेट में दर्द जैसी समस्या होने लगती है, ठीक उसी तरह शिशुओं के साथ भी होता है। जब शिशु ओवरफीड कर लेता है तो वह स्वभाव से चिड़चिड़ा और हड़बड़ाहट भरा हो सकता है। ओवरफीड से शिशु के पेट में दर्द और क्रैम्प्स आ सकते हैं। जिससे वह लगातार रोते हैं और फिर सो जाते हैं। यह प्रक्रिया बच्चे के साथ घंटों तक चलती है।

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