सालों से हम यह बात सुनते आ रहे हैं कि विशेषज्ञ वजन घटाने के लिए कैलोरी को कम करने की सलाह देते हैं। लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर आहार, सही समय पर भोजन और आहार में संतुलन बनाये रखने के बावजूद भी कई लोगों का वजन कम नहीं होता है। तो फिर डाइट के अलावा ऐसे कौन से कारक है जो वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। आइए इस आर्टिकल के जरिये ऐसे ही कुछ कारकों के बारे में जानते हैं।
कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि तनाव और अनिद्रा भी वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा जीवन शैली और पर्यावरणीय कारक भी हमारी चयापचय और वजन नियंत्रण को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आर्टीफिशियल प्रिजर्वेटिव
जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसार, प्रोसेस्ड फूड में इस्तेमाल होने वाला आर्टीफिशियल प्रिजर्वेटिव चयापचय संबंधी समस्याओं जैसे ग्लूकोज असहिष्णुता और मोटापे से जुड़ी होता है। इसमें मौजूद केमिकल चयापचय समस्याओं को बढ़ाकर पेट की बीमारियों का कारण बनता हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा पेट के बैक्टीरिया में परिवर्तन के कारण होता है। ऐसा तब होता है जब केमिकल पेट की रक्षा करने वाले बैक्टीरिया और म्यूकस लाइन को तोड़ता है तो अस्वस्थ बैक्टीरिया पेट के कोशिकाओं के संपर्क में अगर सूजन को बढ़ाकर चयापचय में परिवर्तन करने लगता है।
कैसे निपटें
इसके लिए आपको फूड लेबल को अच्छे से पढ़ना चाहिए और स्वच्छ खाना चाहिए। साथ ही बॉक्स, बैग, या जार में आने वाली किसी प्रकार की चीजों को खरीदने से पहले सामग्री सूची को अच्छे से पढ़ना चाहिए। ताकी आपको पता लग सकें कि इसमें आर्टीफिशियल प्रिजर्वेटिव कितनी मात्रा में मौजूद है।
शिफ्ट में काम
शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की दिनचर्या कभी एक सी नहीं रहती है। काम के अनुसार उनके खाने-पीने व सोने-जागने के समय में परिवर्तन होता रहता है जिसका सीधा असर शरीर पर होता है। एक रिसर्च में भी यह सामने आया है कि बेवक्त सोने से मोटापे का खतरा बढ़ता है। रिसर्च के परिणामों के मुताबिक जब नींद की सामान्य प्रक्रिया में कोई बदलाव होता है तो उसका असर शरीर पर भी होता है। चेयर, कंप्यूटर से चिपके रहने और अपनी सीट पर खाना खाना जैसी गलत आदतों के कारण आधुनिक कामकाजी लोगों में मोटापा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
कैसे निपटें
अगर आप नाइट शिफ्ट में या अलग-अलग समय के दौरान काम करते है तो आपको अपने चयापचय दर की वृद्धि और भूख को विनियमित करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार जैसे ताजा सब्जियां और फल, बींस और दाल, नट अदरक, और पानी को भरपूर मात्रा में शामिल करना चाहिए।
पर्यावरण में मौजूद केमिकल
आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है कि वजन बढ़ने के कारणों में पर्यावरण में मौजूद केमिकल भी जिम्मेदार होता है। न्यू हैम्पशायर यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन के अनुसार, फर्नीचर से कालीन पैडिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रिगर चयापचय और लीवर की समस्याएं, इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाकर, मोटापे का प्रमुख कारण बनती है।
कैसे निपटें
आप कृत्रिम पदार्थों के जोखिम को खत्म नहीं कर सकते, लेकिन आप इसे सीमित कर सकते हैं। इसके लिए आप सौंदर्य प्रसाधन, सफाई की आपूर्ति, खिलौने, और घरेलू सामान सहित लगभग हर खरीदारी श्रेणी में प्राकृतिक उत्पादों को चुनें। मदद के लिए, पर्यावरण कार्य समूह जैसे संगठनों से संसाधनों और गाइड की जांच करें।
अनुवांशिक कारण
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अगर माता-पिता में से किसी एक का भी वजन बहुत अधिक हो तो संतान का वजन भी ज्यादा होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। जैनेटिक्स का असर इंसान की भूख, उसके शरीर में फैट और मांसपेशियों पर भी पड़ता है। साथ ही नए शोध से पता चला है कि हमारी पाचन प्रणाली में रहने वाला बैक्टीरिया का प्रकार भी आनुवंशिकी को प्रभावित करता है। यह एक महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि अधिक से अधिक शोध इस बात की ओर इंगित करते हैं कि पेट में मौजूद बैक्टीरिया दृढ़ता से वजन नियंत्रण से जुड़ा होता है।
कैसे निपटें
आप अपने आनुवंशिकी को बदल नहीं सकते, लेकिन रिसर्च के अनुसार, आप अपने पेट में मौजूद बैक्टीरिया को पूरी तरह से बदल सकते हैं। इसके अलावा, कृत्रिम और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से बचें, और अपने आहार में सब्जियों और फलों, साबुत अनाज, बींस और दालों जैसे संयंत्र आधारित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।
Image Courtesy : Getty Images
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