
आजकल के बिज़ी लाइफस्टाइल के चलते फिट रहना बहुत मुश्किल हो गया है, और अनहेल्दी फूड्स की तरफ ध्यान ज़्यादा आकर्षित हो गया है। एक ज़माना था जब लोग सुबह जल्दी उठते थे, कसरत करते थे, फल, हरि सब्ज़ियां खाते थे। लेकिन आज पैसा कमाने की होड़ में, जल्द से जल्द पॉपुलर होने के ख्वाब के कारण और सबसे आगे रहने की इच्छा के चलते, लोग हेल्थ पर ध्यान देना भूल गए है। वो पैकेज्ड फूड पर ज़्यादा निर्भर रहते हैं। ना कोई उठने का टाइम है, ना सोने का। बॉडी में इतना स्टैमिना नहीं रह गया कि वॉक ही कर लें। इस मॉडर्न लाइफस्टाइल को जीने वाले इन मॉडर्न लोगों के लिए आज हम बता रहे हैं 4 स्विमिंग वर्कआउट्स, जो कूल भी हैं और फिट रहने में भी मदद करते हैं।
हर एक्सरसाइज़ से पहले वॉर्म-अप बहुत ज़रूरी है, फिर चाहे वो डांस हो, एरोबिक्स, जिम या फिर स्विमिंग। चूंकि, आज हम स्विमिंग वर्कआउट्स की बात कर रहे हैं, तो इसके लिए वॉर्म-अप एक्सरसाइज़ यह है:
अपनी बॉडी को स्ट्रेच करें। इससे जब आप स्विमिंग करेंगे, तो स्ट्रेचिंग करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं आएगी और मसल्स भी फ्लेक्सिबल रहेंगी। स्ट्रेच को 10 से 15 सेकंड्स तक होल्ड करके रखें। स्ट्रेचिंग शुरू करने से पहले, 5 मिनट तेज़ वॉक करें तो बेहतर रिज़ल्ट मिलेगा।
वार्म-अप: 30 मिनटों का होता है।
ये हैं 4 स्विमिंग वर्कआउट्स:
1- फ्रीस्टाइल
कैलोरीज़ को बर्न करने के लिए फ्रीस्टाइल एक आसान स्विमिंग वर्कआउट है। इस वर्कआउट से नए स्विमर्स को कई टेक्नीक्स का पता चलता है, तैराकी के दौरान सही पोजीशन का पता चलता है। जब आप यह ठीक से सीख लेंगे, तो स्ट्रोक्स भी आ जाएंगे। फ्रीस्टाइल स्विमिंग से गर्दन, बाजू और टांग की मांसपेशियों पर असर पड़ता है और यहां से फैट बर्न होता है।
2- बैकस्ट्रोक
फ्रीस्टाइल स्विमिंग की तरह बैकस्ट्रोक भी ऐसा वर्कआउट है जिसमें मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है और कैलोरीज़ बर्न होना शुरू हो जाती हैं। दोनों में फर्क यह है कि इसमें आप अपने पेट पर नहीं, बल्कि पीठ पर स्विम करते हो। इसका फायदा यह है कि चूंकि इसमें सिर पानी से बाहर रहता है, इसलिए सांस रोकने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होती। इस वर्कआउट के दौरान पूरी बॉडी स्ट्रेच होती है और मसल्स फ्लेक्सिबल बनती हैं।
3- ब्रेस्टस्ट्रोक
स्विमिंग वर्कआउट्स में ब्रेस्टस्ट्रोक भी यूज़ होता है। इससे पूरे शरीर की मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग बनती हैं और बॉडी का स्टैमिना भी बढ़ता है। हालांकि, इसे करने से आप थक जाते हैं, लेकिन इसे करते-करते जब बॉडी का स्टैमिना बढ़ता है, तो ज़्यादा कैलोरीज़ भी बर्न होती हैं। इसे करने के दौरान आपकी वेव जैसी मूवमेंट होती है। यानी चेस्ट की अपवर्ड मूवमेंट और डाउनवर्ड मूवमेंट।
4- बटरफ्लाय
यह एक एडवांस्ड स्विमिंग टेक्नीक है और काफी मुश्किल भी। इसमें दोनों बाजुओं का साथ-साथ वर्कआउट होता है। बटरफ्लाय स्ट्रोक, पानी में शरीर को आगे ले जाने के लिए आपके कंधों और बाज़ुओं पर निर्भर करता है। यानी इसमें कंधे और बाज़ू स्ट्रॉन्ग होने चाहिए, ताकि आप आगे की तरफ तैर सकें। इस वर्कआउट को करने से आपकी पेट और पीठ की मांसपेशियां मज़बूत बनती हैं, स्टैमिना बढ़ता है और शरीर में चुस्ती आती है। दरअसल, स्विमिंग के दौरान पानी से बाहर निकलने में और अंदर जाने के लिए पेट की मांसपेशियों पर ज़ोर पड़ता है और इनसे ही स्ट्रेन्थ मिलती है। वैसे, दूसरे स्विमिंग स्ट्रोक्स में टांगे एक साथ नहीं चलानी पड़तीं, लेकिन इसमें दोनों टांगे भी एक साथ मूव करनी होती हैं।
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