जोड़ों का दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसको हो उसी रो मालूम पड़ता है कि ये दर्द कितना भयावह होता है। जोड़ों के दर्द के कारण पैरों या हाथों को हिलाना बेहद मुश्किल हो जाता है। उम्र के साथ जोड़ो में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है और हमारे घुटने में मौजूद ग्रीस खत्म होने लगती है, जिसके कारण धीरे-धीरे जोड़ों का दर्द बढ़ता चला जाता है। जोड़ों के दर्द के कारण किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह का काम करने में ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है फिर चाहे सामान लाने-ले जाने की बात हो या फिर सीढ़ियां चढ़ना। जोड़ों के दर्द में हर तरह की परेशानी व्यक्ति को दर्द झेलने के लिए मजबूर कर देती है। पहले अक्सर ऐसा देखा जाता था कि लोगों को बढ़ती उम्र में जोड़ों के दर्द की समस्या होती है, जिसके पीछे उम्र को सबसे बड़ा कारण माना जाता था लेकिन शरीर में पोषक तत्वों की कमी और खराब खान-पान के कारण आज की युवा पीढ़ी भी जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान रहने लगी है। सामान्य रूप से पैरों की गांठ से शुरू होने वाली ये समस्या हमारे शरीर में हड्डियों के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकती है। एक शोध में सामने आया था कि दुनियाभर में करोड़ों लोग हर साल जोड़ों के दर्द की समस्या से प्रभावित होते हैं। मौजूदा वक्त में खानपान और खराब जीवनशैली व हार्मोनल परिवर्तन जोड़ों के दर्द की सबसे बड़ी वजह बताई जाती है। अगर आप भी जोड़ो और घुटनों की दर्द से परेशना हैं और केमिस्ट की दवाईयां खा-खाकर थक चुके हैं तो कुछ ही मिनट में राहत पाने के लिए आप नीचे बताए गए तेलों का प्रयोग कर ऐसा कर सकते हैं। लेकिन उससे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा होता क्यों है।
जोड़ों में दर्द का कारण
उम्र के साथ जोड़ों में दर्द होना स्वभाविक माना जाता है लेकिन हकीकत में इस परेशानी के पीछे कई वजह हो सकती है, जिसमें किसी प्रकार की गंभीर चोट लगना, संक्रमण के कारण हड्डियों का कमजोर पड़ जाना आदि। हालांकि शुरू में इलाज़ पाकर दर्द को तो खत्म किया जा सकता है लेकिन उम्र बढ़ने पर ये समस्या बहुत ज्यादा तकलीफ योग्य हो जाती है। इतना ही नहीं कुछ स्थितियों में व्यक्ति को जोड़ों का कैंसर भी हो सकता है, जिसमे दर्द बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस तरह के मामलों में ज्यादातर घुटने और कंधों के जोड़ो में दर्द रहता है।
जोड़ों के दर्द का प्राकृतिक उपचार
अक्सर ये देखा गया है कि जोड़ों के दर्द की समस्या में लोग बिना सोचे-समझे मेडिकल की दुकानों से एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। इस बात को जानना बेहद जरूरी है कि ये दवाएं भले ही आपको फौरी उपचार में फायदा करती हो लेकिन इसके बहुत से साइड इफेक्ट भी सामने आते हैं। अगर आप ये सोच रहे हैं कि फिर कैसे इस समस्या से छुटकारा पाए जाए तो आप प्राकृतिक तरीके से इलाज कर बिना किसी साइड इफेक्ट के इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
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इन तेलों से मालिश कर पाएं जोड़ों के दर्द से राहत
महुआ का तेल
आपने इस तेल के बारे में कम ही सुना होगा लेकिन इससे मालिश करने से गजब के फायदे मिलते हैं। अगर आप महुआ के तेल से रोजाना सुबह शाम दो बार जोड़ो पर मालिश करेंगे तो आपके जोड़ों का दर्द धीरे- धीरे दर्द गायब हो जाएगा और साथ ही उनपर आई सूजन भी कम हो जाएगी।
कपूर का तेल
अगर आपके शरीर के किसी भी अंग में दर्द है तो आपको निश्चित रूप से कपूर के तेल से मालिश करनी चाहिए। दरअसल कपूर के तेल से मालिश करने पर प्रभावित हिस्से में रक्त संचार बेहतर होता है। इसके अलावा अर्थराइटिस के मरीज़ों को रोजाना कपूर के तेल से मालिश करने की सलाह दी जाती है।
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अरंडी का तेल
आप इस बात से भलीभांति वाकिफ होंगे कि जोड़ों में सूजन के कारण ही आपके जोड़ों में दर्द होता है। लेकिन अगर अरंडी के तेल से मालिश की जाए तो सूजन के साथ-साथ दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है। आप हफ्ते में तीन बार अरंडी का प्रयोग कर जोड़ों की समस्या से राहत पा सकते हैं।
सरसों का तेल
हर भारतीय रसोई घर में पाया जाने वाला सरसों का तेल जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आपको करना ये है कि आधी कटोरी तेल को गर्म कर उसमें एक या दो लहसुन की कली डाल लें। तेल को हल्का ठंडा करें और उसके बाद इस तेल से जोड़ों की मालिश करें। ऐसे करने पर आपको आरान और राहत दोनों मिलेंगी।
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