हाइड्रोसील पुरुषों को होने वाली एक समस्या है। इस समस्या से लगभग 10 फीसदी पुरुष प्रभावित हैं। हाइड्रोसील की समस्या होने पर पुरुषों के अंडकोष में तरल पदार्थ भर जाता है, जिसके कारण सूजन और दर्द जैसी परेशानी महसूस होती है। अंडकोष की इन परेशानियों को दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग की मदद से आप हाइड्रोसील की परेशानी को कम कर सकते हैं। हाइड्रोसील की परेशानी तब होती है, जब पुरुषों के अंडकोष की थैली में तरह पदार्थ जमा होन लगता है, जिसकी वजह से सूजन आने लगती है। अधिकांश शिशुओं में जन्म के समय हाइड्रोशील की परेशानी होती है। वहीं, समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं में हाइड्रोसील का खतरा अधिक रहता है। हाइड्रोसील की परेशानी बढ़ने पर संक्रमण और ट्यूमर जैसी परेशानी से जूझना पड़ सकता है। इसलिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस परेशानी को कंट्रोल करें। योग की मदद से आप हाइड्रोसील से काफी राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगसान के बारे में जिससे हाइड्रोशील की परेशानी कर सकते हैं (Yoga for Hydrocele ) कंट्रोल-
हाइड्रोसील के कारण (Causes of Hydrocele)
- अंडकोष में चोट या सूजन
- यौन संचारित संक्रमण
- प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करने के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली किरणों के कारण
- अंडकोष का कैंसर
वज्रासन करने का तरीका (Vajrasana for Hydrocele Problem)
वज्रासन एक ऐसा योगसान है, जिसकी मदद से आप कई समस्याओं को कंट्रोल कर सकते हैं। यह योगासन बहुत ही आसान है। साथ ही इसे आप कहीं भी बहुत ही आसान तरीके से कर सकते हैं। आइए जानते हैं वज्रासन योग करने की विधि -
- सबसे पहले जमीन पर योगा मैट पर सीधे बैठ जाएं।
- इसके बाद अपने पैरों को घुटनें की ओर से मोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं और इस तरह बैठें कि आपका नितंबों को दोनों पैर छू जाएं।
- इस मुद्रा के बाद अपने एक हाथ को अपने एक जांघ और दूसरे हाथ को दूसरे जांघ पर रखें।
- इस दौरान आपको अपनी पीछ बिल्कुल सीधी रखनी है और आंख बंद करनी है।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए इसे धीरे-धीरे छोड़ें।
- सांस लेते और छोड़ते वक्त अपने मन को शांत रखें।
- शुरुआत में करीब 5 मिनट तक इस मुद्रा में रहें। इसके बाद धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
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गरुड़ासन से करें हाइड्रोसील की समस्या कंट्रोल (Garudasana for Control Hydrocele Problem)
हाइड्रोसील की समस्या होने पर गरुड़ासन भी काफी लाभकारी हो सकता है। आइए जानते हैं गरुड़ासन करने की विधि-
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले किसी साफ स्थान पर योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने बाएं पैर को उठाते हुए दाएं पैर की ओर ले जाएं और पैर की जांघ के ऊपर जांघ रखें। इस दौरान आपके बाएं पैर की उंगलियां फर्श पर स्पर्श होनी चाहिए।
- इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को ऊपर की ओर मोड़ते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं।
- इसके बाद अपने बाएं हाथ को अपने दाहिने हाथ की ओर लपेटते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को मिलाने की कोशिश करें।
- अब अपने कमर की ओर से हल्का सा झुकें और कुल्हों को नीचे ले जाएं। इस दौरान आप उत्कटासन योग का सहारा ले सकते हैं।
- इस मुद्रा में आने पर आपके बाएं पैर का पंजा दाएं पैर की पिंडली पर आ जाएगा।
- करीब 30 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें और सांस को अंदर बाहर छोड़ते हुए वापस अपनी मुद्रा में लौट जाएं।
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मंडूकासन योग करने का तरीका (Mandukasana is Beneficial for Hydrocele)
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए बैठ जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को सामने की ओर लाते हुए दोनों अंगूठों को अपनी हथेली पर रखें।
- अब अपनी उंगलियों से अंगूठों को दबाते हुए हाथों की मुट्ठी बंद कर लें।
- बंद हुई मुट्ठियों की उंगलियों को आपस में मिलाएं और इसे अपने पेट की नाभि के पास ले जाएं।
- अब अपनी सांस को छोड़ते हुए मुट्ठी से अपने पेट को दबाते हुए आगे की ओर झुकें।
- जब आप आगे की ओर झुकने लगे, तो अपने सांस को रोकने की कोशिश करें और एक सीध में देखें।
- इस मुद्रा में कुछ सेकंड्स के लिए रुकें और बाद में अपनी स्थिति में वापस आ जाएं।
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