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मूड स्विंग होता है तो रोजाना करें ये 3 योगासन, मिलेगा फायदा

हार्मोनल इंबैलेंस के कारण अक्सर महिलाओं को मूड स्विंग की स्थिति से गुजरना पड़ता है। यहां जानिए, मूड स्विंग कंट्रोल करने के लिए कौन सा योगासन करें?
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मूड स्विंग होता है तो रोजाना करें ये 3 योगासन, मिलेगा फायदा

आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। ज्यादातर वर्किंग वुमन यानी काम करने वाली महिलाएं इतना बिजी रहती हैं कि उनकी लाइफस्टाइल भी इससे प्रभावित होती है। जिसके कारण हार्मोनल इंबैलेंस जैसी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं। हार्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाओं को मूड स्विंग जैसी दिक्कतें होती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए यूं तो आपको डॉक्टर कई दवाएं लिख सकते हैं लेकिन इनका असर तब ही सही से होता है जब आप अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करेंगे और नियमित रूप से योग और प्राणायाम का अभ्यास करेंगे। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश शर्मा मूड स्विंग को कंट्रोल करने (What is the best remedy for mood swings) के लिए 3 योगासन बता रहे हैं, जिनका नियमित अभ्यास करने से मूड स्विंग की समस्या कम हो सकती है और हार्मोनल इंबैलेंस में भी सुधार हो सकता है।

मूड स्विंग कंट्रोल करने के लिए योगासन - Which Yoga Is Best For Mood Swings

मूड स्विंग को कम करने के लिए कुछ योगासन हैं जो आपको तनाव से राहत देने में मदद कर सकते हैं। यहां 3 ऐसे योगासनों के बारे में बताया जा रहा ह, जो मूड स्विंग को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

1. भुजंगासन - Bhujangasana

हार्मोनल इंबैलेंस को सुधारने और मूड स्विंग को कंट्रोल करने के लिए रोजाना भुजंगासन का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है। इस आसन का अभ्यास करने से मन शांत होता है और शरीर को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही भुजंगासन (Bhujangasana) का नियमित अभ्यास आपके मूड को भी बेहतर कर सकता है। भुजंगासन महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में सुधार (Improve reproductive system) करने के लिए भी फायदेमंद होता है। 

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2. पश्चिमोत्तानासन - Paschimottanasana

रोजाना पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने से आपको मूड स्विंग की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास मस्तिष्क को शांति प्रदान करने के साथ-साथ पीठ को मजबूत करता है। जिन लोगों को तनाव और डिप्रेशन की शिकायत रहती है उनके लिए इस आसन का अभ्यास करना फायदेमंद होता है।

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3. उत्तानासन - Uttanasana

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उत्तानासन का नियमित अभ्यास मूड स्विंग को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। उत्तानासन मानसिक तनाव को कम कर सकता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। यह आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ ही इस आसन के अभ्यास से पाचन सिस्टम भी बेहतर हो सकता है, जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।

योग प्राकृतिक रूप से शरीर और मस्तिष्क को संतुलित करता है और मूड स्विंग को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यदि आप किसी शारीरिक या मानसिक समस्या से पीड़ित हैं, तो इन आसनों को करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

All Images Credit- Freepik

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