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20th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

20 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-  
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20th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें


प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह तक महिलाओं की गर्भावस्था का आधा समय पूरा हो चुका होता है। इस समय तक गर्भ में पल रहे बच्चे के अधिकतर अंग बन चुके होते हैं और लगातार उनमें बदलाव हो रहे होते हैं। साथ ही महिलाओं को भी अब कई अन्य तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं।इस समय महिलाओं को हाथ व पैरों में हल्की सूजन देखने को मिल सकती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में महिलाओं को किस तरह के लक्षण महसूस होते है और उनके भ्रूण का विकास कितना होता है? 

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 20th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेग्नेंसी में सप्ताह-दर-सप्ताह गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास निरंतर हो रहा होता है। इस समय महिलाओं को अपने भ्रूण व गर्भाशय की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। कुछ महिलाओं को इस सप्ताह में रात के समय पैरों की पिंडलियों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा भी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में निम्न तरह के कई लक्षण दिखाई देते हैं।

सीने में जलन और पाचन क्रिया में गड़बड़ी होना

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह तक महिलाओं के गर्भ में भ्रूण का विकास तेजी से हो रहा होता है। भ्रूण के आकार में वृद्धि होने की वजह से महिलाओं को पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में हार्मोन्स में होने वाली बदलावों की वजह से आंतों का वाल्व रिलेक्स हो जाता है, जिसकी वजह से पेट का एसिड एसोफेगस नली तक आने लगता है। यही प्रेग्नेंसी में सीने की जलन का मुख्य कारण बनता है। 

इस समस्या से बचने के लिए महिलाओं को रात का खाना खाने के तुरंत बाद लेटना नहीं चाहिए। साथ ही लेटते समय सिर के पीछे तकिये का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ घंटों के अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाने की आदत बनानी चाहिए। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ऐसे आहार खाने से बचना चाहिए जिनको पचाने में ज्यादा समय लगता हो या जिनकी वजह से सीने में जलन की समस्या होती हो। 

हाथ व पैरों में सूजन आना 

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में पानी की मात्रा करीब 8 लीटर तक बढ़ जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को हाथ पैरों और टखनों में सूजन आने लगती है। सामान्यतः रात के समय महिलाओं को सूजन होने लगती है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से महिलाओं के शरीर का पानी नीचे की ओर अधिक इकट्ठा हो जाता है। पैरों को नीचे की ओर अधिक देर तक न लटकाएं। ज्यादा गर्म और उमस भरे मौसम में बाहर जाने से बचें। शरीर में केवल एक ही तरफ सूजन आना समस्या का कारण हो सकता है। सूजन महिलाओं गर्भावस्था से संबंधित अन्य परेशानियों की ओर भी संकेत करती है। यदि महिलाओं को ज्यादा सूजन आ रही हो तो उनको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

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आहार संबंधी पसंद में बदलाव आना 

प्रेग्नेंसी के इस सप्ताह में कई महिलाओं को कुछ विशेष तरह के खाना पसंद आ सकता है। आहार संबंधी पसंद और नपसंद हर महिला को अलग-अलग हो सकती है। इस समय कुछ महिलाओं को खट्टी चीजें पसंद आती हैं तो कुछ महिलाओं को ठंडी चीजे खाने का मन करता है। यदि प्रेग्नेंसी में कुछ अजीब तरह का खाने का मन करें जैसे चॉक या बर्फ के टुकड़े तो इस स्थिति में आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। कई बार खाने की अजीब आदते बनना महिलाओं की अन्य समस्या की वजह बन सकता है। 

वजाइनल डिस्चार्ज होना

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में कुछ महिलाओं को वजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है। इस समय हार्मोनल बदलाव व रक्त प्रवाह में बढ़ोतरी की वजह से हो सकता है। इस सप्ताह में महिलाओं के डिस्चार्ज का रंग हल्का सफेद और गंध लिए होता है। इसके साथ ही डिस्चार्ज का रंग यदि हल्का हरा या पीला रंग का होता है, ये समस्या का कारण नहीं होता है। लेकिन इस समय महिलाओं को ब्लीडिंग हो रही है तो उन्हें अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण 

  • खुजली की समस्या होना
  • गहरी नींद न आना
  • बालों और नाखूनों का तेजी से बढ़ना 
  • कब्ज की समस्या होना। 

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में भ्रूण का विकास -  Fetus Development During 20th Week Of Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह तक गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन करीब 300 ग्राम तक हो जाता है। गर्भ में बच्चा एक तरह की परत से कवर होता है। इस चिकनी परत को वर्निकस कहते हैं। ये परत बच्चे की त्वचा को गर्भ के द्रव (एमनियोटिक द्रव) शुष्क होने से बचाती है। साथ ही डिलीवरी के समय बच्चे के बाहर आने में मदद करती है। इस सप्ताह में बच्चा तेजी से किक करने व गर्भ में घूमने की प्रतिक्रिया को बढ़ा देता है। इसके साथ ही इस समय बच्चे के शरीर में हल्के-हल्के बाल आने लगते हैं। 

विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। 

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प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह में पूछे जानें वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi

20वें सप्ताह की प्रेग्नेंसी में महिलाओं को किस तरह की प्रतिक्रिया महसूस होती है?

प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह तक महिलाओं को गर्भ में पल रहे बच्चे के हिलने की प्रतिक्रिया महसूस हो सकती है। इस प्रतिक्रिया को क्विकनिंग कहा जाता है। इस समय महिलाओं को पेट में बुलबुले या कुछ हिलने की तरह महसूस होता है। सामान्य रूप ये प्रतिक्रिया महिलाएं प्रेग्नेंसी के 16वें से 20वें सप्ताह में महसूस करती हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को ये प्रतिक्रिया कुछ समय पहले व बाद में भी महसूस हो सकती हैं। 

क्या गर्भ में बच्चे सोते हैं?

गर्भ में बच्चे सोते हैं। माना जाता है कि वह पूर्ण रूप से विकसित होने के दौरान करीब 95 फीसदी समय सोते हुए ही बिताते हैं। गर्भ में सोते हुए बच्चे के मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। 

गर्भ में बच्चा तेजी से किक कब करता है?

प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में बच्चा किक करना शुरू करता है। लेकिन जिस तरह से समय बीतता है और गर्भ में बच्चे का विकास तेजी से होता है, वह तीसरी तिमाही की शुरूआती दौर में तेजी से किक करने लगता है। इसके साथ ही उसकी द्वारा किक करने की फ्रिक्वेंसी में भी तेजी आ जाती है। 

क्या गर्भ में बच्चे रोते हैं?

प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में गर्भ में पलने वाला बच्चा बाहर की आवाजों को सुनने लगता है। इसके साथ ही वह गर्भ में रोता भी है। गर्भ में रोते हुए बच्चा आवाज नहीं करता है, साथ ही ये किसी तरह की पेरशानी का कारण नहीं होता है। 

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