एक जनवरी 2020 यानी की साल का पहला दिन, जिस दिन लोग नए काम काम या कुछ अच्छे करने का संकल्प लेते हैं उस दिन चीन में एक नया घातक वायरस जन्मा और देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले गया। चीन के वुहान राज्य के मांस बाजार से फैला ये वायरस 100 दिनों में इस कदर हावी हो गया है कि यह महज कोई वायरस नहीं बल्कि वैश्विर महामारी के रूप में तब्दील हो गया है। आज इस वायरस, जिसे नोवल कोरोना वायरस का नाम दिया गया, को जन्में 100 दिन पूरे हो चुके हैं और दुनिया भर में इसके मरीजों की संख्या 13 लाख को पार कर चुकी है और 80 हजार से ज्यादा लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी कोरोना वायरस के सौ दिन पूरे होने की पुष्टि की है।
कैसे हुई थी शुरुआत
स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में 31 दिसंबर 2019 को निमोनिया के कई मामले सामने आए, जो इतने बिगड़ गए कि इन्हें अलग श्रेणी में रखा गया और इस बीमारी को कोरोनावयरस कहा जाने लगा। चीन से शुरु हुए इस वायरस के फैलने का क्रम इस कदर बढ़ गया कि पूरी दुनिया में लगातार फैलता ही गया। दुनिया के ज्यादातर देश इसकी चपेट में हैं और लगभग सभी देशों में रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। हैरत की बात ये है कि सौ दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इसकी वैक्सीन तक तैयार नहीं हो पाई है और न ही कोई कारगर दवा है, जिसके जरिए इसससे निपटा जा सके।
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क्या है डब्लूएचओ का कहना
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक टेड्रोस ऐडहॉनम गीब्रियेसस ने कोरोना के 100 पूरे होने पर कहा कि ये सौ दिन मील का पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
Today marks 100 days since @WHO was notified of the first cases of what we now call #COVID19 in ����
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) April 9, 2020
Over 1.3M people have been infected & almost 80K have lost their lives.
This pandemic is much more than a health crisis. It requires a whole-of government & society response. pic.twitter.com/QGMQn5KqSj
वहीं संक्रमित देशों में सामाजिक ढांचा भी अव्यवस्थित हो चुका है। गीब्रियेसस का कहना है कि यह महामारी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है इसलिए इससे निपटने में सिर्फ़ किसी एक वर्ग या समुदाय की नहीं बल्कि पूरे सरकारी तंत्र और समाज को आगे आने की जरूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। टेड्रोस का कहना है कि बीते सौ दिनों में कोरोना ने हमें ये दिखाया है कि धनी और विकसित देश भी महामारी से अछूते नहीं हैं। उन्हें इस संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
थमने का नाम नहीं ले रहा कोरोना का तूफान
वैश्विक महामारी के रूप में वृगीकृत हो चुके कोरोना वायरस (कोविड-19) को अभी तक फैलने से नहीं रोका जा सका है। डब्लूएचओ के मुताबिक, विश्व के ज्यादातर देशों (205 देश) में फैल चुके इस संक्रमण से अब तक 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 13 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि दुनियाभर में 3.53 लाख लोग इस वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। बात करें भारत की तो यहां भी कोरोना का कहर दिन ब दिन बढ़ रहा है। भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 5709 हो गई है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी 199 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के देश में 5709 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 503 लोग पूर्ण रूप से ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं देश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं, जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 1586 हो गई है और सर्वाधिक 97 लोगों की मौत हो चुकी है।
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अगले 100 दिन ज्यादा भारी
जिस तरीके से शुरुआत में कोरोना की रफ्तार थी उससे देखकर ये अंदाजा लगाया गया था कि इसे रोका जा सकता है लेकिन इंसानों से इंसानों में फैलने वाले इस वायरस को रोकना नामुमकिन साबित हुआ और आलम ये है कि विकसित देश सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं। हालांकि अब संकेत मिल रहे हैं कि इटली और स्पेन में संक्रमण के मामलों में कमी आनी शुरू हो गई है। यहां रोजाना आने वाले संक्रमण के मामलों की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। वहीं ब्रिटेन और अमेरिका में मरीजों की संख्या का बढ़ना अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। भारत में भी संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है और भारत के लिए भी खतरे की घंटी बढ़ती दिखाई दे रही है। दुर्भाग्य की बात ये है कि अभी तक इस बीमारी का सटीक इलाज या फिर वैक्सीन की खोज नहीं हो सकी है। हालांकि मौजूदा वक्त में कोरोना को लेकर दुनियाभर में 40 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले100 दिनों में वैक्सीन मिल जाए। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि वैक्सीन बनने में 12 से 18 महीने तक का समय लग सकता है।
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