गर्भधारण महिला के लिए जहां एक बहुत ही अनोंखा अनुभव है, वहीं ढेरों परिवर्तनों से भी भरा है। गर्भधारण के कुछ अंदरूनी तो कुछ बाहरी परिवर्तन महिलाओं में होना शुरू हो जाते हैं। लेकिन गर्भधारण के शुरूआती हफ्ते काफी महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि इस दौरान महिलओ के हार्मोन्स में तेजी से बदलाव होता है। ऐसे में महिलाओं में गर्भधारण के शुरूआती समय में थकान, बुखार, सिर दर्द और हाथ-पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए यह ऐसा समय होता है, जब से कि महिला को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। आइए यहां हम आपको बताएंगे कि गर्भधारण के दूसरे हफ्ते से महिला को किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए और उसका खानपान कैसा होना चाहिए।
गर्भावस्था के दूसरे हफ्ते में दिखते हैं ये लक्षण
- गर्भावस्था के प्रारंभिक दौर में ओवरी में बने अंडे का दूसरे सप्ताह में बाहर आने का समय हो जाता है। इसलिए इस समय पेट में ऐंठन व दर्द के साथ हाथ पैरो में दर्द होना आम है।
- यदि महिला को यदि जुड़वा बच्चे होने की संभावना होती है, तो ओवरी में दो अंडे बनेंगे और दोनों एक साथ इस समय में बाहर आ सकते हैं। जिसकी वजह से महिला को पेट में दर्द बढ. सकता है।
- गर्भावस्था के शुरूआती समय में उल्टी, मतली, खाने की सुगंध से परेशानी होना आम बात है।
- इसके अलावा, गर्भावस्था के लक्षणों में यदि गर्भवती महिला की बच्चेदानी बढ़ने लगती है और पेशाब की थैली पर दबाव बढ़ने से ज्यादा पेशाब आने लगती है।
- शुरूआती समय में महिला को अपना विशेष ध्यान रखना होता है , क्योंकि लापरवाही से गर्भपात होने की आशंका बनी रहती है।
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गर्भावसथा के दूसरे सप्ताह कैसा हो आपका खानपान?
स्मोकिंग और एल्कोहल को कहें बाय
अगर आप स्मोकिंग या शराब पीती हैं, तो गर्भावसथा के दौरान इनसे दूरी बना लेना ही बेहतर है। क्योंकि सिगरेट या शराब जैसी नशीली चीजें आपकी प्रेग्नेंसी को प्रभावित कर सकती हैं। जिससे कि मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ जाता है।
प्रतिदिन 300 कैलोरी लें
यह तो सब ही जानते हैं, कि गर्भावस्था के समय आपकी डाइट अचछी होनी चाहिए। लेकिन हम आपको बताते हैं कि आपको प्रेग्नेंसी में प्रतिदिन 300 कैलोरी लेनी चाहिए। जिसमें आप दूध, दूध से बनी चीजें, हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें। ध्यान रखें ठंडा या कच्चा दूध न पिएं।
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फ्रीज किए या प्रोसेस्ड फूड्स से बचें।
गर्भवस्था के दौरान आप फ्रीज किए या प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचें। इसके अलावा, बासी खाना न खाएं, क्योंकि यह सब फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है और बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है।
रोजाना व्यायाम करें
गर्भावस्था की जटिलता को कम करने और बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए आप व्यायाम को अपने दिन का हिस्सा बनाएं। लेकिन ध्यान रखें हल्के व्यायाम करें और कोई भी कठिन व्यायाम या प्रेग्नेंसी नजदीक होने पर डाक्टर की सलाह से व्यायाम करें।
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