कहते हैं खाने का एक एक दाना बहुमूल्य है। इसकी बर्बादी ठीक नहीं। क्योंकि हम में से कई लोग हैं, जो खाना बर्बाद करने से पहले सोचते नहीं, और कई लोग ऐसे भी हैं, जो खाने के एक एक दाने के लिए तरसते हैं। खाना बर्बाद ना हो, इस अहमियत को समझते हुए इसका ख्याल भी हमें ही रखना होगा। जीरो वेस्ट कुकिंग (Zero Waste Cooking) की बात हो तो ये सवाल भी जायज है कि, ये हमारी सेहत के लिए कितनी सही है। आपको बता दें ये हेल्थ के साथ पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद है।
असल में जब बचे हुए खाने को आप फेंकते हैं तो यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करने लगता है। इस वजह से निकली गैसों से गर्मी बढ़ने लगती हैं, जो कि वातावरण में मिलकर ग्लोबल वार्मिंग कारण बनती है। जीरो वेस्ट कुकिंग (Zero Waste Cooking) एक ऐसी प्रक्रिया है, जो आजकल बड़े होटलों में काफी ट्रेंड कर रहा है। वो बचे हुए खाने को नई दिशा देकर काफी इंट्रेस्टिंग बना देते हैं। आप इसे अब घर पर भी आजमा सकते हैं। बस जरूरत है तो थोड़ी सी टेक्निक की और थोड़ी सी प्रैक्टिस की जीरो वेस्ट कुकिंग (Zero Waste Cooking) के लिए।
क्या है जीरो वेस्ट (What Is Zero Waste Cooking)
जीरो वेस्ट नाम से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, खाने की बिकुल भी बर्बादी ना हो। खाना बनाते और खाते समय जितना संभव हो उतना कम लें जरूरत पड़ने पर फिर से इस्तेमाल करें। इसके लिए आपको निम्न तीन चरण का भी ख़ास ख्याल रखना है।
1. कंट्रोल (Control)
जी हां ये जीरो वेस्ट कुकिंग का पहला चरण है। आप इसमें अनावश्यक चीजों का इस्तेमाल करने से बचें। साथ ही जितनी जरूरत हो सिर्फ उतना ही चीजों का इस्तेमाल करें।
2. फिर से करें यूज़ (Reuse)
बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय उसका फिर से इस्तेमाल करें। आप इसके लिए फिर से प्रयोग कर सकें ऐसे कंटेनरों का इस्तेमाल करें।
3. बचे हुए खाने को करें रीसाइकिल (Recycle)
जी हां जीरों वेस्ट कुकिंग का आखिरी और तीसरा चरण है कि आप अपने बचे हुए खाने को कम्पोस्ट करें। आप उतना ही समान खरीदें जो बर्बाद ना हो।
कितना सम्भव जीरो वेस्ट कुकिंग
बचे हुए खाने को कचरे के डिब्बे तक पहुंचाने से बचाना हर बार सम्भव नहीं है। कभी कभी खाने की ज्यादा मात्रा इस काम में मुश्किल खड़ी कर सकता है। लेकिन अगर इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की आदत बना ली जाए तो ये सरासर गलत है। इसे रोकने के लिए सबसे पहले आपको खाने की सही माप का अंदाजा होना चाहिए। आपको जब तक इसका अंदाजा नहीं होगा तब तक खाना इसी तरह बर्बाद होता रहेगा।
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फायदे भी हैं अनगिनत
जीरो वेस्टेज कुकिंग काफी इंट्रेस्टिंग है। आप इसमें कई तरह की अपनी रचनात्मक सोच को जोड़ सकते हैं। आप इससे अपने परिवार, दोस्तों और ऑफिस ग्रुप को इम्प्रेस कर पाएंगी। इसमें आपको दो फायदे मिलेंगे। पहला टेस्ट और दूसरा खाने को बर्बाद होने से रोकना। आप कुछ भी खरीदने से पहले एक बार अपने फ्रिज में नजर जरुर डाल लें। ताकि फ़ालतू के खर्चे से बचा जा सके।
कैसे करें शुरुआत (How to Start)
जीरों वेस्ट कुकिंग की शुरुआत आपके लिए मुश्किल भरी जरुर हो सकती है, लेकिन ये नामुमकिन बिलकुल भी नहीं है। घर में जितने सदस्य उनके खाने के तरीके और समय भी अलग अलग होते हैं। इसकी शुरुआत के लिए सबसे पहले प्राथमिकता को समझना जरूरी है। इसके लिए योजना की जरूरत है। इसके अलावा क्या कुछ कर सकते हैं आइये जानते हैं।
- फ्रिज में खराब होने वाले खाने का जल्दी इस्तेमाल करें।
- हर रोज इस्तेमाल होने वाली चीजों को थोक में खरीदें।
- कई खाने में एक ही सामग्री का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
- बाहर का खाना खाने से बचें।
- बचे हुए खाने का पुनः इस्तेमाल करें।
- बाहर से खाना लाने की योजना बना रहे हैं तो उसे भी एक बार सोचें। क्योंकि इस तरह से खाना ज्यादा ऑर्डर होता है और उसका काफी भाग बर्बाद होता है।
- बचे हुई बोन्स, मीट और वेजी स्क्रैप का प्रयोग कर शोरबा बनायें।
- किसी भी शरबत या ठंडे पर में डालने के लिए बीजों को भुने और जार में भरकर रखें।
- अंडे या कॉफी बींस के छिलकों को खाद के रूप में प्रयोग करें।
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प्रिजर्व करें (Preserve Your Food)
चीजों को आप घर में प्रिजर्व भी करके रख सकते हैं जैसे खीरा, गाजर, हरी बीन्स, स्क्वैश, जैम, जेली, सेब की चटनी, टमाटर सॉस, मक्का, सेब, आड़ू, फलियां, अनाज आदि।
जीरो वेस्ट कुकिंग आज के समय में काफी जरूरी हो गयी है। ये कुछ ऐसी टिप्स हैं जिनका इस्तेमाल करने से आप खाने की बर्बादी को रोक सकते हैं। साथ ही बचे हुए खाने को रचनात्मक ढंग से आप परोसकर कई लोगों से तारीफें भी बटोर सकती हैं।
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