
संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है। एलोपैथी में जहां हर बीमारी से बचाव के लिए आपको दवाएं पकड़ा दी जाती हैं, वहीं आयुर्वेद में ऐसा नहीं है। भारतीय आयुर्वेद हजारों सालों से प्रचलित है और पुराने ऋषियों-मनीषियों के द्वारा बताए गए नियमों और औषधियों को ही मानता है। आयुर्वेद के अनुसार सही खानपान के द्वारा आप हर मौसम में हर बीमारी और शारिरिक परेशानी से बच सकते हैं। इस समय गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है और कोरोना वायरस का कहर भी जारी है। लॉकडाउन के कारण सभी लोगों की जीवनशैली काफी बदल गई है। ऐसे में बीमार होने, मोटा होने या फिटनेस के खराब होने का खतरा सभी को है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं खाना बनाने और खाने के आयुर्वेद के कुछ खास नियम, जिन्हें अगर आप अपनाएंगे, तो आपकी आधी बीमारियां तो ऐसे ही दूर हो जाएंगी।
सब्जियों को ज्यादा न पकाएं, उबाल कर खाना ज्यादा फायदेमंद
बहुत सारे लोग सब्जी बनाते समय इसे देर तक पकाते रहते हैं, ताकि सब्जी स्वादिष्ट बने। लेकिन आपको बता दें कि सब्जियां इसलिए हेल्दी मानी जाती हैं क्योंकि इनमें ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं। और आयुर्वेद के अनुसार ये पोषक तत्व तेज आग में नष्ट हो जाते हैं। इसलिए सब्जियों को बहुत देर तक पकाने या रोस्ट करने से अच्छा यह है कि आप भाप में पकी या उबली हुई सब्जियां खाएं। वहीं कुछ सब्जियों को कच्चा खाया जा सकता है लेकिन सभी सब्जियों को नहीं। इसलिए ध्यान रखें कि खाना बनाते समय तापमान कम रखें और तेल का इस्तेमाल कम करें। इससे खाने के पोषक तत्व नष्ट नहीं होंगे।
इसे भी पढ़ें: हजारों साल के आयुर्वेदिक ज्ञान से मिले इन 5 नियमों को अपनाकर आप भी रहें स्वस्थ, जानें दोषों के लक्षण और उपचार
रोटी बनाने के लिए चोकर सहित करें आटे का इस्तेमाल
कुछ लोग रोटी बनाने से पहले आटे को छलनी से छान लेते हैं। इससे आटे का चोकर निकल जाता है और रोटी ज्यादा मुलायम बनती है। मगर आयुर्वेद के अनुसार आटे के चोकर सहित बनाई हुई रोटियां आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होती हैं। दरअसल इस चोकर में फाइबर होता है, जो पाचन के लिए अच्छा होता है। मिल में पिसा हुआ आटा बहुत महीन होता है, जिससे कि इसकी रोटियां सफेद और मुलायम जरूर बनती हैं, मगर सेहत के लिए अच्छी नहीं होती हैं। इसलिए अगर संभव है तो आटा अपने आसपास की चक्की पर पिसवाएं और थोड़ा सा मोटा ही पिसवाएं।
खाने में सही मसालों का करें प्रयोग
आजकल लोग खाने में बाजार के मिक्स मसालों का प्रयोग करने लगे हैं, जिनमें स्वाद तो होता है, लेकिन पोषक तत्व नहीं होते। आयुर्वेद में बताए गए भारतीय मसाले शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो थोड़ी मेहनत करें। बाजार से साबुत मसाले लाएं और उन्हें घर पर पीसकर खुद ही स्वादिष्ट मसाले बनाएं। आपको अपने रोजाना के खाने में हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च, धनिया, प्याज, लहसुन, अदरक, तेज पत्ता, हींग, जीरा, अजवाइन आदि का प्रयोग जरूर करें। ये सभी मसाले आपको हेल्दी रखेंगे और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाएंगे।
इसे भी पढ़ें: आयुर्वेद के अनुसार गर्म तासीर वाले हैं ये 7 आहार, गर्मियों में इनका ज्यादा सेवन हो सकता है नुकसानदायक
ठंडा खाना न खाएं, ठंडा पानी न पिएं
फ्रिज में देर से रखे हुए खाने को ठंडा ही न खाएं। इसके अलावा खाना खाने के बाद ठंडा पानी भी न पिएं। इससे खाना ठीक से पचता नहीं है और आपको पेट की समस्याएं भी होनी शुरू हो जाती हैं। आयुर्वेद तो यहां तक कहता है कि आपको भोजन हमेशा गर्म और ताजा खाना चाहिए और खाने के बाद कम से कम 45 मिनट तक पानी नहीं पीना चाहिए। साथ ही अगर आप खाना खाने के बाद 15 मिनट टहलते हैं, तो ये आपके लिए और भी अच्छा है।
सीजन वाली चीजें खाएं, पेट रहेगा स्वस्थ
आपको हमेशा सीजनल फल और सब्जियां खाते रहना चाहिए। गर्मी के मौसम में इन दिनों लौकी, तोरई, करेला, कद्दू आदि सब्जियां आ रही हैं आप इन्हें खा सकते हैं। इसके अलावा सलाद में आप प्याज, मूली, टमाटर, गाजर, चुकंदर और खीरा को कच्चा ही खा सकते हैं, ये फाइबर की जरूरत भी पूरी करते हैं और पेट को ठंडा भी रखते हैं। इसके अलावा आप फलों में तरबूज, खरबूजा, अनार, अंगूर, सेब, मौसमी, संतरा, पपीता आदि खा सकते हैं। इनसे आपके शरीर की पानी की कमी पूरी होगी और पेट स्वस्थ रहेगा।
Read More Articles on Ayurveda in Hindi