
जीवन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो जन्मा है उसका समय के साथ उम्रदराज होना स्वाभाविक है। उम्र के हर पड़ाव के दौरान शरीर में विभिन्न तरह के बदलाव होते हैं। उम्र के प्रत्येक पड़ाव पर खुद को सेहतमंद रखने की जिम्मेदारी आपकी ही है। लेकिन गुजरते वक्त के साथ जब आपकी उम्र आधी बीत जाती है तब उसमें अधिक बदलाव होने लगते हैं, ऐसे में कुछ खास पहलुओं पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि अधेड़ होने यानी उम्र के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद किन-किन बातों पर ध्यान देना अधिक जरूरी हो जाता है।
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हड्डियों पर
आपका शरीर एक ढांचा है जो हड्डियों पर टिका होता है। अगर हड्डियां कमजोर हो जायें तो चलना-फिरना भी दूभर हो सकता है। जब आप 40 की उम्र पार कर जाते हैं तब हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है, ऐसे में हड्डियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं की स्थिति में अधिक बदलाव होता है और पुरुषों की तुलना में उनको अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इस दौरान हड्डियों की बीमारियां खासकर अर्थराइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है। 
इस दौरान कैल्शियम का अधिक सेवन करें, रोज 1200 मिग्रा कैल्शियम लें, इसके लिए डेयरी उत्पादों का अधिक सेवन करें। कोशिश करें कि इस समय आपका वजन बढ़ने न पाये। इसके लिए वजन घटाने वाले व्यायाम नियमित रूप से करें।
दिल का ख्याल रखें
दिल बहुत नाजुक होता है और इसकी धड़कन आपकी जिंदगी है। इसलिए उम्र के इस पड़ाव पर कमजोर हो रहे दिल का ध्यान अधिक रखें। कई शोधों की मानें तो 45 साल के बाद महिलाओं की मौत के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार दिल की बीमारियां हैं। कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने, वजन बढ़ने और शारीरिक गतिविधियां कम करने से दिल कमजोर होने लगता है। और सबसे खास बात आप अपने डायट का ध्यान नहीं देते।
दिल को दुरुस्त रखने के लिए अपने खानपान का ध्यान रखें, खाने में मछली, सोया, फाइबर, ताजे फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें। कोलेस्ट्रॉल का स्तर न बढ़ने दें, और शारीरिक रूप से एक्टिव रहें। धूम्रपान बिलकुल न करें, एल्कोहल का अधिक सेवन न करें।
ब्लड शुगर
आप इसका अहसास नहीं कर सकते और न ही इसका स्वाद ले सकते हैं, लेकिन अगर शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाये तो न केवल दिल की बीमारी, किडनी की बीमारी, याद्दाश्त कमजोर होना, रक्त वाहिकाओं की क्षति के साथ असमय मौत भी हो सकती है। ब्लड शुगर बढ़ने से डायबिटीज भी हो जाता है जो कि सबसे अधिक खतरनाक है।
ब्लड शुगर सामान्य रखने के लिए अपने खानपान का ख्याल रखें, वजन न बढ़ने दें, नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करें। इसके अलावा समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करते रहें।
30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से शरीर की संपूर्ण जांच समय-समय पर कराते रहें।
Image Source : Getty
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