आयुर्वेद में योग को स्वस्थ जीवन का आधार बताया गया है। लेकिन आज के समय ना सिर्फ आयुर्वेद बल्कि बड़े बड़े डॉक्टर और एक्सपर्ट भी योग को स्वस्थ जीवन का आधार और कई बीमारियों का काल मानते हैं। खुशी की बात ये है कि योग की ताकत अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशी लोग भी मान रहे हैं। हाल ही में एक भारतीय युवा द्धारा विदेश में योग सिखाने की बात सामने आई है।
हरिद्वार के एक युवा योगा शिक्षक द्धारा अफगानिस्तान के लोगों को योग सिखाने और योग का महत्व बताने की खबर सामने आई है। ये युवा लोगों को शरीर, दिमाग और आत्मा के लिए योग का महत्व बता रहा है। 30 साल की उम्र के आसपास के गुलाम असकरी जैदी ने एक छोटे-सी अवधि में खुद को उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थापित कर लिया है।उन्होंने युवाओं और अन्य अफगानी महिलाओं और पुरुषों के बीच योग को मशहूर बनाने में मदद की है।
लखनऊ के रहने वाले जैदी को एक साल पहले भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने अफगानिस्तान भेजा था। अफगानिस्तान ओलंपिक समिति की जोनल इकाई द्वारा और भारतीय वाणिज्य दूतावास ने साथ मिलकर मजार-ए-शरीफ में योग फाउंडेशन स्थापित किया, जिसमें जैदी भी शामिल हो गए। यह क्षेत्र कभी तालिबान विरोधी उत्तरी गठबंधन का केंद्र रहा था।
उन्होंने कहा कि अब अफगानिस्तान के ना सिर्फ युवाओं और बुजुर्गों में बल्कि हर वर्ग में योग सीखने को लेकर उत्साह है। जैदी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग, विशेषकर युवा योग को लेकर उत्साहित हैं। लोग योग की तरफ इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ आध्यात्मिक भलाई भी इसमें दिखी है।
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