बच्चे को जन्म देने के बाद का समय मां के लिए बेहद अहम होता है, इस दौर में मां और बच्चे दोनों की सेहत का ख्याल रखा जाना चाहिए। बच्चों को जन्म देने के बाद मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती है और ऐसे समय में मां का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भरपूर पोषण और मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने की जरूरत होती है। बच्चों के लिए मां का दूध वरदान है, बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है कि उसे पर्याप्त मात्रा में मां का दूध मिल सके। स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रसव के बाद से ही कई शारीरिक और मानसिक बदलाव से गुजरती हैं तो ऐसे में उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके स्वास्थ्य की वजह से बच्चों पर कोई असर न पड़े। स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए योग का नियमित अभ्यास उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से फिट व स्वस्थ रखता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कुछ ऐसे योगासन हैं जिनका नियमित अभ्यास कर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकती हैं बल्कि इससे स्तन के दूध को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। आइये जानते हैं इन योगासनों के बारे में।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए योग (Yoga for Breastfeeding Mom)
नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं योगासनों का अभ्यास कर प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बढ़े फैट को भी नियंत्रित कर सकती हैं। इसके अलावा इन योगासनों का अभ्यास आपको स्तनपान की वजह से होने वाले गर्दन और पीठ के दर्द को भी कम करने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुबह का समय योगासनों का अभ्यास करने के लिए सबसे सही माना जाता है। खाली पेट रोजाना इन 3 योगासनों का अभ्यास न सिर्फ आपको मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और हेल्दी रखेगा बल्कि इसके नियमित अभ्यास से स्तनपान की वजह से होने वाली दिक्कतों में भी फायदा मिलेगा।
1. भद्रासन (Bhadrasana or Gracious Pose)
2. त्रिकोणासन (Trikonasana or Triangle Pose)
3. चक्रासन (Chakrasana or Wheel Pose)
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कैसे करें इन योगासनों का अभ्यास (How to Do These Yoga Poses)
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इन योगासनों का अभ्यास नियमित रूप से खाली पेट सुबह के समय करना चाहिए। आइये जानते हैं इन योगासनों के अभ्यास का तरीका।
भद्रासन (Bhadrasana or Gracious Pose)
भद्रासन या ग्रेसियस पोज 'वज्रासन' योग मुद्रा का हिस्सा है। इसका नियमित अभ्यास वज्रासन के समान ही फायदा देता है। पैरों को ढीला करने और मानसिक शांति के लिए इस योगासन का अभ्यास बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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भद्रासन करने का तरीका (How to Do Bhadrasana?)
- - भद्रासन करने के लिए सबसे पहले आप किसी समतल जगह पर चटाई या योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
- - इसके बाद अब भद्रासन की मुद्रा में आने के लिए आप वज्रासन में बैठें।
- - वज्रासन में बैठने के बाद अब अपने पैरों के दोनों घुटनों को जितना हो रहे उतनी दूरी में फैलाएं।
- - अपने पैरों की उंगलियों को जमीन पर रखें और कूल्हों को दोनों पैरों की एड़ियों के बीच रखें।
- - इस स्थिति में आने के बाद अपने दोनों हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखें।
- - इस दौरान शरीर को स्थिर रखें और कमर व गर्दन को एकदम सीधा रखें।
- - अपनी नजर को नाक पर केंद्रित करते हुए आराम से सांस को अंदर व बाहर लें।
भद्रासन के फायदे (Bhadrasana Benefits)
भद्रासन का नियमित अभ्यास कमर, रीढ़ और गर्दन के लिए लाभदायक होता है और इसके साथ ही इसके अभ्यास से आध्यात्मिक और मानसिक शांति भी मिलती है। भद्रासन से होने वाले प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं।
- - पैरों के लिए फायदेमंद
- - पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में उपयोगी
- - सिरदर्द, गर्दन और कमर के दर्द में उपयोगी
- - मन और मस्तिष्क को शांत रखने में उपयोगी
त्रिकोणासन (Trikonasana or Triangle Pose)
त्रिकोणासन का अर्थ शरीर को त्रिकोण (Triangle) की स्थिति में ले जाना होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इस आसन का नियमित अभ्यास बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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त्रिकोणासन करने का तरीका (How to Do Trikonasana?)
- - त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों के सहारे सीधे खड़े हो जाएं।
- - दाहिने पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 15 डिग्री पर रखें।
- - अब शरीर को मोड़ते हुए नीचे की तरफ ले जाएं और अपने दाहिने हाथ को नीचे जमीन पर रखें और बाएं हाथ को ऊपर की तरफ हवा में उठायें।
- - शरीर पर थोड़ा तनाव देते हुए बाएं हाथ को बाएं पैर के साथ नीचे तब तक स्लाइड करें जब तक कि आपकी उंगलियां आपके टखने पर न हों।
- - लगभग 30 सेकंड इसी स्थिति में रहने के बाद इसी प्रक्रिया को दाहिनी तरफ भी करें।
त्रिकोणासन के फायदे (Trikonasana Benefits)
- - शारीरिक और मानसिक शांति के लिए फायदेमंद
- - पैर, घुटने और हाथों के लिए फायदेमंद
- - पीठ के दर्द को कम करने में उपयोगी
- - पाचन को बेहतर करने में फायदेमंद
चक्रासन (Chakrasana or Wheel Pose)
चक्रासन या व्हील पोज का नियमित अभ्यास स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। इसे उर्ध्व धनुरासन भी कहा जाता है। यह एक बैकबेंडिंग आसन है जो छाती, जांघ, पेट और बाहों को टोन करने और शरीर की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
चक्रासन करने का तरीका (How to Do Chakrasana?)
- - सबसे पहले आप समतल जगह पर योगा मैट या चटाई बिछाकर पीठ के सहारे लेटें।
- - इसके बाद अब अपने पैरों को घुटने से मोड़ लें।
- - अब अपने हाथों को सिर के पीछे ले जाकर जमीन के सहारे रखें।
- - अब अपने कूल्हे और कमर को कंधे के सहारे धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं।
- - अब चक्र जैसी आकृति बनाने के बाद पुनः वापस उसी स्थिति में आएं।
चक्रासन के फायदे (Chakrasana Benefits)
- - रीढ़ की हड्डी व कमर के लिए बेहद फायदेमंद
- - चेस्ट के विकास के लिए बेहद उपयोगी
- - कई बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, बांझपन, अस्थमा आदि में फायदेमंद
- - पाचन तंत्र के लिए बेहद उपयोगी
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इन योगासनों का नियमित अभ्यास बेहद फायदेमंद होता है। इनका नियमित अभ्यास करने से मां के दूध के निर्माण में सहायता मिलती है और इसके साथ ही स्तनपान की वजह से होने वाली दिक्कतों में भी फायदा मिलता है। इनके अलावा आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी कर सकते हैं। अगर आपके पास स्तनपान और गर्भावस्था को लेकर कोई सवाल है तो आप उसे हमें कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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