बढ़ती उम्र में फिट, हेल्दी और एक्टिव रहने के लिए कौन-कौन से याेगासन करना फायदेमंद हाेता है (Yoga Asanas to Stay Fit and Healthy in Growing Age)? बढ़ती उम्र कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है। उम्र बढ़ने पर जाेड़ाें में दर्द, मांसपेशियाें में दर्द, कमजाेरी, थकान जैसी सामान्य समस्याओं के साथ ही गंभीर बीमारियां भी हाे सकती हैं। इन बीमारियाें से बचने के लिए खुद काे फिट, हेल्दी और एक्टिव या सक्रिय रखना बहुत जरूरी है।
आजकल अधिकतर लाेग सीटिंग वर्क कर रहे हैं, जिसमें वे शारीरिक रूप से इतने सक्रिय नहीं रह पाते हैं। यही कारण है कि उम्र बढ़ने पर उन्हें तरह-तरह की बीमारियाें का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है खुद काे स्वस्थ और सक्रिय रखा जाए। इसके लिए आप अपनी जीवनशैली में कुछ आसान याेगासनाें काे शामिल कर सकते हैं। इन्हें राेज करने से आप सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियाें तक अपना बचाव कर सकते हैं। इन 4 याेगासनाें से रखें खुद काे एक्टिव-
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1. पर्श्चोत्तनासन (Parshottanasana to stay active)
पर्श्चोत्तनासन याेग काे करना बेहद आसान है। राेजाना इसके अभ्यास से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं काे दूर किया जा सकता है। बढ़ती उम्र में भी इस याेग काे आसानी से किया जा सकता है। यह रीढ़, हड्डियाें और पैराें के दर्द से राहत दिलाने में भी मदद करता है। यह महिलाओं के लिए भी एक बेहतरीन याेगासन है। इससे स्मरण शक्ति मजबूत हाेगी और आपकी सक्रियता बढ़ेगी। जानें पर्श्चोत्तनासन काे करने का तरीका (Parshottanasana Steps)-
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले किसी शांत वातावरण में एक याेग मैट में सीधे खड़े हाे जाएं।
- अब दाएं पैर काे आगे की तरफ 45 डिग्री पर रखें।
- लंबी गहरी सांस लेते हुए अपने धड़ काे नीचे झुकाएं।
- अपने धड़ काे तब तक झुकाएं, जब तक आपका सीना और सिर, पैर काे पूरी तरह से छू ना लें।
- आप इस अवस्था में 20-30 सेकेंड तक रहें, इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस याेगासन काे करने के लिए सबसे पहले याेग मैट पर खड़े हाे जाएं।
- इसके बाद ताड़ासन की मुद्रा में आ जाएं।
- अब अपने दाेनाें हाथाें काे पीठ के पीछे ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बना लें।
- अब इस अवस्था में 10-15 सेकेंड तक रुकें। इसके बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
- आप इस याेगासन काे अभ्यास 3-5 बार कर सकते हैं।
यह याेगासन बढ़ते उम्र के लाेगाें के लिए काफी अच्छा है। यह कमर, हथेली, शरीर के निचले हिस्से काे मजबूत बनाने में मदद करता है।
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2. अधाेमुखश्वानासन (Adho Mukha Svanasana to stay active)
बढ़ते उम्र के लाेग अधाेमुखश्वानासन का अभ्यास भी राेज कर सकते हैं। इसे करने से वे शारीरिक और मानसिक रूप से हमेशा फिट और एक्टिव रहेंगे। यह आसन आगे की तरफ झुके हुए कुत्ते के समान दिखाई देता है। इस आसन के फायदाें काे पाने के लिए राेजाना इसका अभ्यास करना जरूरी हाेता है। जानें अधाेमुखश्वानासन करने का तरीका-
- इस याेगासन काे करने के लिए सबसे पहले एक याेग मैट बिछा लें।
- इस पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब लंबी गहरी सांस लें। अपने दाेनाें हाथाें और पैराें के बल से शरीर काे उठाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं।
- इसके बाद सांस छाेड़ते हुए धीरे-धीरे हिप्स या कूल्हाें काे ऊपर की तरफ उठाएं।
- इस दौरान अपनी काेहनियाें और घुटनाें काे मजबूत बनाकर रखें।
- इस याेग में आपका शरीर उल्टे V के आकार का नजर आएगा।
- इस अवस्था में अपने कंधाें और हाथाें काे बिल्कुल सीधा रखें।
- इसके बाद गर्दन काे लंबा खींचने की काेशिश करें।
- कुछ देर इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप इस याेगासन काे 4-5 बार दाेहरा सकते हैं।

3. मालासन (Malasana to Stay Fit and Active in growing age)
मालासन, याेग की भाषा में एक तरह का स्क्वाट है। यह कूल्हाें, पैराें और जांघाें के लिए एक काफी अच्छा याेगासन है। इस याेग काे करने से गैस, कब्ज की समस्या दूर हाेती है। यह बवासीर की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं, ताे इस याेगासन काे राेजाना कर सकते हैं। इससे आप हमेशा फिट, हेल्दी और एक्टिव रहेंगे। मालासन मेटाबॉलिज्म, पेल्विक एरिया की मसल्स और पाचन तंत्र काे भी मजबूत बनाता है। मालासन काे करने का तरीका-
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले एक याेग मैट पर सीधे खड़े हाे जाएं।
- अब रीढ़ की हड्डी में खिंचाव महसूस करें और पेट अंदर की तरफ करें।
- कंधाें काे खींचते हुए लंबी गहरी सांस लें।
- अब घुटनाें काे माेड़ते हुए बैठ जाएं। तलवाें काे जमीन पर रखें।
- इसके बाद अपने दाेनाें हाथाें काे जाेड़ लें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। इस स्थिति में आपकी हथेलियां जुड़ी हुई और सीने से लगी हाेनी चाहिए।
- अब इस अवस्था में लंबी गहरी सांस लें और छाेड़ें।
- इस स्थिति या मुद्रा में आप 10-30 सेकेंड तक रुक सकते हैं।

4. पद्म बालासन (Padma Balasana to stay active in growing age)
पद्म बालासन में आपकाे एक साथ दाे आसन पद्मासन और बालासन करना हाेता है। यह पैराें, हाथाें और पेट के लिए एक बेहतरीन याेगासन है। इसके अभ्यास से आप हमेशा फिट और हेल्दी रह सकते हैं। इसे करने थाेड़ा मुश्किल हाे सकता है, लेकिन बढ़ती उम्र में भी इसे किया जा सकता है। जानें पद्म बालासन काे करने का तरीका-
- इसे आसन काे करने के लिए सबसे पहले एक याेग मैट पर पैराें काे सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं।
- अब दाएं घुटने काे बाईं पसली की तरफ उठाएं और पैर काे जांघ के पास ले जाएं।
- इसके बाद दाेनाें पैराें के जांघ काे अंदर की तरफ दबा लें।
- फिर दाेनाें हाथाें काे झुकते हुए जमीन पर ले आएं। इस दौरान आपकी काेहनियां जमीन पर हाेनी चाहिए।
आप भी उम्र बढ़ने पर इन याेगासनाें काे आसानी से कर सकते हैं। लेकिन शुरुआत में किसी याेग गुरु की सलाह पर ही इन आसनाें का अभ्यास करें। साथ ही अगर आपकी हाल ही में काेई सर्जरी हुई है, ताे इन याेगासनाें काे करने से बचें। इतना ही नहीं कमर, घुटनाें, पैराें में दर्द हाेने पर भी इस आसन काे नहीं करना चाहिए।
ये याेगासन आपकाे फिट और हेल्दी रखने में बेहद सहायक साबित हाे सकते हैं। 30-35 की उम्र के बाद हर महिला और पुरुष काे ऊपर बताए गए याेगासनाें काे अभ्यास जरूर करना चाहिए।