World Stroke Day 2024 Theme History and significance : हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day 2024) को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्ट्रोक (मस्तिष्क आघात) के प्रति जागरूक करना और इसकी रोकथाम के उपायों के प्रति ध्यान आकर्षित करना है। स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल (What is stroke) स्थिति है। स्ट्रोक का इलाज अगर सही समय पर किया जाए, तो व्यक्ति को लंबे समय तक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
लेसेंट की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2021 में 1.25 मिलियन से ज्यादा स्ट्रोक (Stroke Cases in India) के मामले दर्ज किए गए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में स्ट्रोक और मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां बढ़ गई हैं। भारत नहीं दुनिया के तमाम देशों में पिछले कुछ सालों में स्ट्रोक के मामलों में इजाफा देखा गया है। इसलिए वर्ल्ड स्ट्रोक डे को मनाना और भी ज्यादा जरूरी हो गया है। वर्ल्ड स्ट्रोक डे के खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व (World Stroke Day 2024 Theme History and significance) के बारे में।
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे का इतिहास- World Stroke Day 2024 History
इस दिन के इतिहास पर नजर डालें तो इसे पहली बार 2004 में वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन (WSO) द्वारा मनाया गया था। WSO द्वारा वर्ल्ड स्ट्रोक मनाने का उद्देश्य आम लोगों को स्ट्रोक के लक्षणों, जोखिम कारकों और बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक करना था। 2006 में इस दिन को आधिकारिक मान्यता दी गई और तब से हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। विश्व स्ट्रोक दिवस को हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि जागरूकता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके।
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे की थीम- World Stroke Day 2024 Theme
इस साल वर्ल्ड स्ट्रोक डे की थीम "#ग्रेटरथैनस्ट्रोक एक्टिव चैलेंज" रखा गया है। यह थीम स्पोर्ट्स स्ट्रोक के लक्षणों को कैसे कम कर सकता है, इसलिए रखी गई है।
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे का महत्व- Importance of World Stroke Day 2024
स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में मौजूद खून की नलियों में बहाव रूक जाता या खून की नलियां फट जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो स्ट्रोक का इलाज समय रहते न किया जाए, तो यह शारीरिक विकलांगता का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं गंभीर मामलों में स्ट्रोक के कारण इंसान की मौत भी हो सकती है। विश्व स्ट्रोक डे के मौके पर स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर 'FAST' (Face, Arms, Speech, Time) जैसे अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इस अभियान में चेहरा, हाथ, बोलने की क्षमता और समय को ध्यान में रखने पर जोर दिया जाता है।
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स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of a stroke
स्ट्रोक के लक्षणों में नीचे बताए गए हैंः
- एकतरफा कमजोरी या लकवा
- वाचाघात (बोलने की क्षमता में कठिनाई)
- अस्पष्ट या अस्पष्ट बोलना (डिसार्थ्रिया)
- चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों पर नियंत्रण खोना
- धुंधला या दोहरा दिखाई देना (डिप्लोपिया)
- समन्वय की हानि या भद्दापन (एटैक्सिया)
- चक्कर आना या सिर चकराना
- मतली और उल्टी
- गर्दन में अकड़न
- दौरे पड़ना और भ्रम की स्थिति
- भूलने की बीमारी
- सिरदर्द (आमतौर पर अचानक और गंभीर)
- बेहोश हो जाना
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अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण किसी व्यक्ति या अपने आप में नजर आते हैं, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।
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