40 साल की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, जिसका कारण रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज होता है। ऐसे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड मेनोपॉज डे हर साल 18 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं को मेनोपॉज और इसके कारण भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती ह। इन दिन की पहल अंतर्राष्ट्रीय रजोनिवृत्ति सोसायटी (IMS) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मिलकर की है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है वर्ल्ड मेनोपॉज डे का इतिहास, महत्व और थीम।
वर्ल्ड मेनोपॉज डे 2024 की थीम
वर्ल्ड मेनोपॉज डे 2024 की थीम "मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी" है। अंतर्राष्ट्रीय मेनोपॉज सोसायटी (IMS) ने महिलाओं के बीच मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से इ इस थीम को चुना गया है। मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है, जो मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में हार्मोन थेरेपी इस कमी को पूरा करने में मदद करती है। इस थेरेपी की मदद से हॉट फ्लैश, योनि में सूखापन आदि जैसे लक्षणों से राहत मिल सकता है।
इसे भी पढ़ें: प्रीमेनोपॉज, पेरीमेनोपॉज और मेनोपॉज में क्या अंतर होता है? इन लक्षणों से समझें
वर्ल्ड मेनोपॉज डे का महत्व क्या है?
महिलाओं में मेनोपॉज आमतौर पर 45 से 55 साल की आयु के बीच आता है, जिसके कारण उनके शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। वर्ल्ड मेनोपॉज डे का उद्देश्य मेनोपॉज के बारे में फैले अंधविश्वास को तोड़ने और इसके लक्षणों और इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करना है। मेनोपॉज के बारे में जागरूकता बढ़ाने से न सिर्फ महिलाओं की मदद की जा सकती है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्य, और समाज को इस नेचुरल समस्या को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ें: 40 से 45 साल की उम्र में मेनोपॉज होने पर दिखाई देते हैं ये 6 लक्षण, जरूर दें ध्यान
वर्ल्ड मेनोपॉज डे का इतिहास
वर्ल्ड मेनोपॉज डे पहली बार साल 1984 में अंतर्राष्ट्रीय मेनोपॉज सोसायटी द्वारा WHO के सहयोग से महिलाओं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को मेनोपॉज से जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए शुरू किया गया था। पिछले कुछ सालों में, यह एक विश्वस स्तर पर मनाए जाने वाला दिन हो गया है, जिसमें हर साल मेनोपॉज से जुड़े किसी नए विषय पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे समझने और समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी है कि लोगों के बीच जागरुकता फैलाया जाए। इसलिए इस दिन को महिलाओं और अन्य लोगों के बीच मेनोपॉज के प्रति जागरुता फैलाने के लिए जरूरी माना जाता है।
Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version