भारत और चीन विश्व के उन देशों में है, जहां कि जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। जनसंख्या में असामान्य वृद्धि इन देशों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बनती जा रही है। वहीं इस बीच एक बड़ी खबर आई है कि दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन तैयार हो गया है। खास बात ये है कि ये इंजेक्शन भारत में क्लीनिकली प्रूव हो गया है और अगले छह महीने के भीतर बाजारों में उपलब्ध हो सकता है। जनसंख्या के लिहाज से ये भारत के लिए बड़ी खबर है। इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन को पुरूषों को लगए जाने पर कुछ पॉलिमर्स रिलीज होंगे, जो स्पर्म (शुक्राणु) को ब्लॉक करके फर्टिलाइजेशन के वक्त टेस्टीकल्स (अंडकोष) को बाहर निकलने से रोक देगा। वहीं वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि एक बार यह इंजेक्शन लगवाने के बाद बर्थ कंट्रोल का यह तरीका 13 सालों तक प्रभावी रहेगा। आइए हम आपको इससे जुड़ी अन्य बाते बताते हैं।
ICMR के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है इंजेक्शन
चाहे गर्भनिरोधक गोलियां हों, कॉन्ट्रैसेप्टिव रिंग लगवाना हो, आईयूडी लगवाना हो या फिर इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव गोली हो, हर बार गर्भनिरोधक की बात आते ही हर बार इसकी जिम्मेदारी महिलाओं पर ही आ जाती है। ऐसे में अब पुरुष भी गर्भनिरोध में बराबर की जिम्मेदारी निभा पाएंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया ये इंजेक्शन अब पुरूषों में गर्भनिरोध को बढ़ाने में मदद करेगा। इस मेल कॉन्ट्रसेप्टिव इंजेक्शन का 3 राउंड में क्लीनिकल ट्रायल किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा। वैज्ञानिकों का दावा है कि क्लीनिकल ट्रायल के तहत इसे 300 मरीजों पर ट्राई किया गया, उन सभी में ये सफल रहा।
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क्लीनिकल ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा-
क्लीनिकल ट्रायल के तहत, जिन लोगों को ये इंजेक्शन दिया गया उन सभी में इसके कोई भी साइड इफेक्ट नहीं दिखे। कई रिपोर्ट की मानें तो, वैज्ञानिकों का दावा है कि एक बार लगवाने के बाद यह इंजेक्शन 13 साल तक प्रभावी रहेगा। वहीं इस ट्राइल इसका सक्सेस रेट 97% गया है। इस इंजेक्शन को सीधे पुरुषों के ग्रोइन (groin)यानी पेट और जांघ के बीच का हिस्सा, जिसे पेड़ू कहते हैं में लगाया जाएगा। इस तरह फर्टिलाइजेशन के वक्त ये आराम से काम करता रहेगा।
भारतीय रेग्युलेटरी बॉडी से अप्रूवल मिलने का है इंतजार -
फिलहाल इस इंजेक्शन को भारतीय रेग्युलेटरी बॉडी से अप्रूवल मिलने का इंतजार है जिसमें करीब 6 से 7 महीने का वक्त लग सकता है। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाए तो ये भारातीय बाजारों में भी उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद भारत में भी यह बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन नसबंदी का बेहतर विकल्प साबित हो पाएगा। वहीं आईसीएमआर के सीनियर वैज्ञानिक डॉ आर एस शर्मा ने का कहना है कि 'हमारा प्रॉडक्ट तैयार है और सरकार से अप्रूवल का इंतजार है। अच्छी बात ये है कि फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल में 303 मरीज शामिल थे, जिनका सक्सेस रेट 97.3 प्रतिशत है और किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहा। इस तरह हम इसे भारत में भी ला सकते हैं।'
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पुरूषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां -
वहीं पुरूषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियों पर भी काम चल रहा है। हालांकि इस काम को पूरा होने में लगभग 10 साल और लग सकते हैं। गर्भनिरोधक गोली, जिसे 11-बीटा-एमएनटीडीसी कहा जाता है, एक संशोधित टेस्टोस्टेरोन है, जो एक पुरुष हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन के कार्यों को जोड़ती है। महिला गर्भनिरोधक गोली की तरह, गर्भधारण की संभावना को कम करने के लिए दिन में एक बार 11-बीटा-एमएनटीडीसी लिया जाता है। इस गोली को मनुष्यों और चूहों दोनों का परीक्षण किया गया है, और जब पूरी तरह से ये सफल हुआ है। हालांकि आमतौर पर महिला साथी पर गर्भनिरोधक उपाय करने की जिम्मेदारी होती थी पर अब ऐसा नहीं होगा। इस तरह के इंजेक्शन और गर्भनिरोधक दावइयों को आ जाने से पुरूषों के लिए भी ये काम आसान हो जाएगा। पहले बाजार में कंडोम के अलावा पुरुष विकल्पों की कमी थी पर अब धीरे-धीरे चीजें बदल रही हैं। वहीं एक सर्वेक्षण के अनुसार, एक तिहाई पुरुष गर्भनिरोध गोली लेने के लिए तैयार होंगे। ऐसा इसलिए भी कि महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधक गोलियां लेने से उन्हें कई अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का खतरा होता है। सही वक्त पर पीरिएड्स का न आना और अवसाद जैसी गंभीर बीमारियां भी गर्भनिरोधक पिल्स और उपायों के कारण बढ़ रही है।
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