हर व्यक्ति उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारियों के करीब जाने लगता है और एक वक्त ऐसा आता है जब बीमारियों उसे अपनी चपेट में ले लेती हैं और वह उन बीमारियों से बचाव के तरीके ढूंढने लगता है। हालांकि तीस की उम्र के बाद ऐसा होना शुरू हो जाता है। वहीं 30 की उम्र के बाद पुरुषों के लिए जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं। यही उम्र होती है जब पुरुष परिवार और करियर के बीच सही सामंजस्य बैठाने की पूरी कोशिशों में जुटे होते हैं और इसी दौरान उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार होने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में उनके लिए जरूरी हो जाता है कि वे समय रहते संभावित स्वास्थ्य खतरों के प्रति सचेत हो जाएं। 30 के बाद अक्सर पुरुषों में बीमारियों दस्तक देने लगती है लेकिन कुछ स्वास्थ्य जांच के जरिए वे खुद को इन खतरों से बचाकर रख सकते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसी कौन सी जांच हैं, जो उन्हें भविष्य के खतरे से बचा सकती है तो हम आपको ऐसी 6 जांच के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर पुरुष को करानी चाहिए।
30 के बाद सभी पुरुषों को करानी ये 6 जांच
डायबिटीज
डायबिटीज कोई आम बीमारी नहीं है, इसके कारण आप कई अन्य समस्याओं का शिका हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार डायबिटीज के ग्रस्त एक चौथाई लोग समय रहते इसका निदान नहीं करवाते। डायबिटीज की इस जांच से यह पता चल जाता है कि क्या आप दिनचर्या में बदलाव लाकर इस बीमारी से बच सकते हैं। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में कहा गया है कि रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम करने और केवल पांच फीसदी वजन कम करने से आप डायबिटीज का खतरा कम कर सकते हैं। इस शोध में कहा गया कि फल, सब्जियां और फाइबर युक्त पदार्थ खाने से आप डायबिटीज के खतरे को 58 फीसदी तक घटा सकते हैं। डायबिटीज की जांच आपको साल में एक बार तो जरूर करानी चाहिए।
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एचआईवी
द टेरेंस हिगिन्स- ट्रस्ट का एक आंकड़ा कहता है कि ब्रिटेन जैसे विकसित जैसे देश में भी एचआईवी संक्रमित 33 फीसदी लोगों को स्वयं के संक्रमित होने का पता ही नहीं है। इसलिए उनकी सलाह है कि भले ही आपने पूरी सुरक्षा बरती हो, लेकिन फिर भी इसकी जांच करवा लेना बुरा नहीं है। एचआईवी/एलिसा को इस जांच के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह एक सामान्य रक्त जांच है। इसके अलावा वेस्टर्न ब्लॉट के जरिये भी इसकी पुष्टि की जा सकती है। इसमें कई तरह की जांच की जा सकती हैं। पुरुषों को हर पांच साल में इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।
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टेस्टिकुलर कैंसर
कैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक 20 से 39 वर्ष के पुरुषों में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी है टेस्टिकुलर कैंसर। अगर इस रोग का समय रहते पता चल जाए, तो यह आसानी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि दर्द ही इसका एकमात्र लक्षण है, तो आपको इसके लिए नियमित स्व-जांच करनी पड़ती है। असामान्य सूजन पर नजर रखें। आप अपने अंगूठे और अनामिका के जरिये गांठ का पता लगा सकते हैं। आमतौर पर यह गांठ मटर के दाने के आकार की होती है। इसके लिए आपको गर्म पानी के शॉवर के बाद अण्डकोश की जांच करनी चाहिए। पुरुषों को हर महीने इसकी जांच करानी चाहिए।
कोलेस्ट्रोल
एलडीएल कोलेस्ट्रोल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को हृदयाघात की बड़ी वजह माना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हृदयाघात के पचास फीसदी मामलों में एलडीएल का स्तर सामान्य होता है। तो अगर आपको हृदय समस्यायें अथवा रक्तचाप की समस्या हो तो आपको अपने दिल की नियमित जांच करवानी चाहिए। इससे आपके दिल की सेहत के बारे में अंदाजा लगता रहेगा। पुरुषों को पांच साल में एक बार अपने कोलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए।
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बीएमआई
मोटापा आजकल एक बड़ी बीमारी बन चुका है। दुनिया भर में करोड़ों लोग इससे पीडि़त हैं। मोटापे के कारण उच्च रक्त चाप, डायबिटीज, दिल की बीमारियां और कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। बीएमआई वह जांच होती है, जिसमें कद के अनुसार आपके लिए सही वजन का पता लगाया जा सकता है। इस जांच से पता चलता है कि कहीं आपका वजन अधिक तो नहीं या आप खतरे के करीब तो नहीं। 18.5 से 24.9 के बीच का बीएमआई सही माना जाता है। यदि आपका बीएमआई से अधिक है, तो यह इस बात का संकेत है कि आपको वजन कम करने की जरूरत है। पुरुष हर तीन साल में या फिर वजन बढ़ने पर इसकी जांच करा सकते हैं।
दांतों की जांच
दांतों की समस्या और हृदय रोग के बीच सीधा कनेक्शवन होता है। जब मुंह में मौजूद बैक्टीरिया रक्त के जरिये शरीर में घूमता है, तब वह हृदय तक रक्त ले जाने वाली धमनियों में सूजन का कारण बन सकता है। अच्छी बात यह है कि मसूड़ों की समस्या को अगर समय रहते पकड़ लिया जाए, तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। पुरुषों को साल में दो बार इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।
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