
World Mental Health Day In Hindi: 2017 में प्रकाशित, विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, 20% भारतीय अवसाद से पीड़ित होने की संभावना जताई थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) द्वारा प्रकाशित 2016 के एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि लगभग 14% भारतीयों में मानसिक स्वास्थ्य विकार हैं। इसी सर्वेक्षण में यह भी अंदाजा लगाया गया कि कम से कम 10% आबादी को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। साइंस मेडिकल जर्नल लैनसेट की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 10 जरूरतमंद लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति को डॉक्टरी मदद मिलती है।
ये आंकड़े बताते हैं कि, भारत में मानसिक रोगों के प्रति लोगों में गंभीरता नहीं दिखती है। यहां तक कि मानसिक रोगों से ग्रसित व्यक्ति को भावनात्मक रूप से सपोर्ट करने के बजाए उसे और ज्यादा चोट पहुंचाया जाता है।
गौतमबुद्ध युनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रताप सिंह कहते हैं कि, "समाज में मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति को 'पागल' या 'मंद बुद्धि' की उपमा दी जाती है, किसी को ऐसी संज्ञा देना एक सभ्य समाज के लिए कलंक है। वह कहते हैं कि, भारत में जागरूकता की कमी मानसिक रोगों का सबसे बड़ा कारण है, बाकी बीमारियों की तरह मानसिक विकारों को भी अगर गंभीरता से लिया जाए तो आत्महत्या के साथ-साथ तमाम तरह की आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है"
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आत्महत्या का कारण बन रहे हैं मानसिक रोग?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), साउथ-ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर पूनम छेत्रपाल सिंह का कहना है कि, आत्महत्या एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या कर अपनी जान दे देते हैं। ये आंकड़े समय में विभाजित किए जाएं तो हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति सुसाइट करता है। आत्महत्या 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं में मृत्यु का प्रमुख कारण है। लगभग 79% आत्महत्याएं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। मेंटल डिसऑर्डर इसकी प्रमुख वजह है। (मानसिक रोगों से दूर रहने के लिए रोजाना करें ये 3 प्राणायाम, तनाव और अवसाद से मिलेगी मुक्ति)
डॉक्टर पूनम छेत्रपाल का कहती हैं कि, "विश्व मानसिक दिवस आत्महत्या की रोकथाम पर जोर देता है। इसे मीडिया संस्थानों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। आत्महत्या के लिए प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशकों और अन्य सयंत्रों को बैन करना चाहिए। आत्महत्या की रोकथाम के लिए शासन को मजबूत किया जाना चाहिए। आत्महत्या की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय नीतियों अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानवाधिकार सम्मेलनों के अनुरूप विकसित और कार्यान्वित किया जाना चाहिए। ऐसा करने में मदद करने के लिए, उचित बजट आवंटित किया जाना चाहिए, और संस्थागत, कानूनी और सेवा व्यवस्था को उचित रूप से समायोजित किया जाना चाहिए।"
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सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य विकार क्या हैं?
पांच सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य विकारों में अवसाद (depression), चिंता (anxiety), खाने के विकार (Eating disorders), मादक द्रव्यों के सेवन (Substance abuse) और अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर (ADHD) शामिल हैं।
दुनिया भर में लाखों लोग इन विकारों से पीड़ित हैं। कई लोग जो इन विकारों में से एक या अधिक से पीड़ित होते हैं वे अक्सर अकेला महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कि वे अकेले ही संघर्ष कर रहे हैं। उपचार से इस कलंक को खत्म करने में मदद मिल सकती है।
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