Pranayama For Mental Health: योग और प्राणायाम के कई स्वास्थ्य लाभ हैं; कब्ज को दूर करने से लेकर तंत्रिका संबंधी विकारों के उपचार तक। आप शायद जानते होंगे कि योग आपके मन को शांत करने में मदद कर सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राणायाम आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है। इस लेख को पढ़ें और जानें कि प्राणायाम आपकी मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बढ़ावा दे सकता है और चिंता और तनाव को दूर करने में आपकी कैसे मदद कर सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, प्राणायाम का अभ्यास बेहतर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए है। यह स्वीकार्य, सुलभ होने के साथ आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करता है। प्राणायाम एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला अभ्यास है जो एकल रूप से या समूहों में किया जा सकता है। प्राणायाम को कार्यस्थलों, स्कूलों और अन्य समूहिक जगहों पर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
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योग और प्राणायाम मानसिक बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने का कोई सिद्ध उपचार नहीं है, लेकिन जो लोग नियमित रूप से इसे करते हैं, उन लोगों के लिए आंतरिक शांति की अधिक समझ को बढ़ावा देता है और मानसिक रोगों के लक्षणों को कम करता है। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर हम आपको 3 ऐसे प्राणायामों के बारे में बता रहे हैं जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, साथ ही यह आपका मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद को कम कर शांति प्रदान करेंगे।
न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम के लिए प्राणायाम कैसे उपयोगी है इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं- योग गुरू अमित सिंह।
ॐ का उच्चारण- Om Chanting
ॐ (ओम) शब्द तीन अक्षरों से बना है। यह मस्तिष्क के साथ शरीर के सभी अंगों के लिए प्रभावी माना जाता है। इसे पद्मासन, सुखासन और वज्रासन करने के साथ ॐ का जाप कर सकते हैं। इससे दिमाग के ऊपर भंवरे की तरह कंपन्न होने लगता है, ऑक्सीजन लेवल ठीक होने लगता है और स्मरण शक्ति का विकास होता है। ऐसा आप 3,5 या 7 बार करें। इस संख्या को बढ़ा सकते हैं! (एक्सरसाइज से मानसिक स्वास्थ्य में होते हैं ये 5 सुधार, जानें क्या हैं ये)
भ्रामरी प्राणायाम- Bhramari Pranayama
ये प्राणायाम मस्तिष्क के विकास के लिए है। योग गुरू अमित सिंह के मुताबिक, अब तक कई बच्चों की याददाश्त भ्रामरी प्राणायाम के माध्यम से बेहतर किया गया है। अपने अंगूठों से कान को बंद करते हुए बाकी उंगलियों से आंखें बंद करें। इसके बाद गहरी सांस लीजिए और सांस छोड़ते हुए भंवरे की गूंज की ध्वनि कीजिए। इस क्रिया को लगातार कर सकते हैं, इसे 10, 15 या 20 बार कर सकते हैं।
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म् का उच्चारण
इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले आंखों को बंद करेंगे और सांस अंदर लेंगे और सांस छोड़ने के साथ म् का उच्चारण करेंगे। इसके बाद पूरे शरीर को आराम देंगे। इसे भी आप नियमित रूप से कर सकते हैं। इन प्राणायामों के बारे में विस्तार से जानने के लिए वीडियो को देखें। (प्राणायाम के पीछे छिपे हैं ये वैज्ञानिक रहस्य)
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