World Elder Abuse Awareness Day: कोरोना महामारी के दौरान बढ़े बुजुर्गों पर अत्याचार और गलत व्यवहार के मामले

WHO के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के दौरान बुजुर्गों के साथ अत्याचार के मामले बढ़ गए हैं। जानें किस-किस तरह से बुजुर्गों के साथ अत्याचार हो रहे हैं।
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World Elder Abuse Awareness Day: कोरोना महामारी के दौरान बढ़े बुजुर्गों पर अत्याचार और गलत व्यवहार के मामले


आज World Elder Abuse Awareness Day है। ये दिन बुजुर्गों के खिलाफ होने वाले अत्याचार और अभद्र व्यवहार के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का दिन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गों के प्रति अत्याचार, हिंसा और गलत व्यवहार के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। दरअसल कोरोना वायरस का शिकार होने के बाद बुजुर्गों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो रही है। ऐसे में आए दिन तमाम तरह की फोटोज और वीडियोज इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं, जिनमें दिखाया जा रहा है कि आम लोग, पुलिस, अस्पताल प्रशासन या परिवार के सदस्य बुजुर्गों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसे लोगों के खिलाफ है और इसी अत्याचार को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने के हेतु आज वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे मनाया जा रहा है।

किन तरीकों से हो रहा है बुजुर्गों पर अत्याचार

बुजुर्गों पर अत्याचार के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। दुनिया के तमाम हिस्सों में बुजुर्गों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। हम सभी के अपने परिवार और समाज के बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ नम्रता से पेश आना चाहिए। लेकिन देखा जाता है कि अलग-अलग तरह से बुजुर्गों को न सिर्फ परेशान किया जाता है, बल्कि उनका शोषण और अत्याचार भी किया जाता है। इसके कई तरीके हैं-

 

 

 

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Today is World Elder Abuse Awareness Day. Violence against older people, who are already bearing the brunt of this pandemic, has risen sharply since the beginning of the #COVID19 pandemic and imposition of lockdown measures.

A post shared by World Health Organization (@who) onJun 14, 2020 at 11:34pm PDT

शारीरिक हिंसा

बुजुर्गों का शरीर युवाओं की अपेक्षा कमजोर होता है और उनके शरीर में शक्ति भी कम होती है। इसलिए कई बार युवा गुस्से या आवेश में आकर बुजुर्गों पर हाथ उठा देते हैं। इस तरह की शारीरिक हिंसा किसी भी स्थिति में सही नहीं कही जा सकती है। इसलिए बुजुर्गों के साथ शारीरिक हिंसा की घटनाएं बंद होनी चाहिए।

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मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक हिंसा

दुनियाभर में बहुत सारे बुजुर्गों को मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से परेशान किया जाता है। बहुत सारे बच्चे अपने पैरों पर खड़े होने के बाद बुजुर्गों को किनारे कर देते हैं या वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं। इससे बुजुर्ग भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा परेशान होते हैं। दुनिया का हर शख्स अपने बच्चों को इसलिए बड़ा करता है ताकि वो एक अच्छा जीवन जी सके और समय आने पर उसका साथ दे सके। लेकिन बहुत सारे लोग घर-परिवार के बुजुर्गों को बोझ समझने लगते हैं, जो कि गलत भावना है।

सेक्शुअल हिंसा

बुजुर्गों के साथ सेक्शुअल हिंसा के मामले भी बहुत दर्ज होते हैं। इसके पीछे भी एक बड़ा कारण यह है कि बुजुर्गों का शरीर कमजोर होता है और शक्ति भी कम होती है, जिससे युवा के लिए उन्हें काबू करना आसान होता है। मगर इस तरह की हरकतें न सिर्फ निंदनीय हैं, बल्कि कानूनी रूप से दंडनीय भी हैं। दुनिया के हर देश और देश के हर नागरिक को अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।

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आर्थिक कारणों से हिंसा

अर्थ यानी पैसा दुनियाभर में पारिवारिक कलह का एक बड़ा कारण है। अक्सर बुजुर्गों के साथ अत्याचार, हिंसा और अभद्रता के मामले के मूल में पैसा ही कारण होता है। एक व्यक्ति अपने पूरे जीवन में काम करके और जोड़-जोड़ कर जो कुछ भी इकट्ठा करता है, कई बार उसके बच्चे या आसपास मौजूद लोग ही उसे छीनने और हड़पने के चक्कर लग जाते हैं। इसलिए आर्थिक कारणों से हिंसा बुजुर्गों के साथ अत्याचार का सबसे बड़ा कारण है।

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नजअंदाज करना

कई बार घर के सदस्य बुजुर्गों को फालतू और बेकार समझने लगते हैं, जिसके कारण उन्हें नजरअंदाज किया जाता है। ये भी एक तरह की मानसिक प्रताड़ना ही है। बुजुर्गों को अकेला छोड़ना, उनकी देखभाल न करना और उनकी मदद न करना भी एक तरह की हिंसा ही मानी जाती है।

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