रात में कितनी बार पेशाब करना होता है सामान्य? जानें एक्सपर्ट की राय

- ज्यादा पेशाब आने से थकान और कमजोरी महसूस होती है।
- दो बार से ज्यादा बार पेशाब जाना अस्वस्थ होने का कारण है।
- नोक्टूरिया डायबिटीज और हार्ट फेलियर का लक्षण भी हो सकता है।
कुछ लोगों की शिकायत होती है कि वह रात को या शाम होने के बाद अधिक पानी नहीं पीते हैं इसके बावजूद उन्हें बिस्तर में जाने के बार बार बार पेशाब आने की समस्या होती है। यह समस्या एकआध लोगों को नहीं बल्कि एक बड़ी मात्रा में लोगों को होती है। इससे नींद खराब तो होती ही है साथ ही इससे इंसान थकान और कमजोरी भी महसूस करता है। डॉक्टर्स का कहना है कि रात को दो बार से ज्यादा बार पेशाब जाना अस्वस्थ होने का कारण हो सकता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो उनके साफ कहा होता है कि रात को 1 या 2 बार पेशाब जाना सामान्य बात होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे ज्यादा बार जाता है कि तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। दिल्ली के सर्जन डॉक्टर दिलीप पाण्डेय का कहना है कि बार बार पेशाब जाना डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, प्रोस्टेट कैंसर और अन्य बड़ी बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। लंदन में यूरोपीय सोसायटी ऑफ युरोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत अध्ययन के अनुसार, अगर खान-पान में बदलाव किया जाए तो इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं बार बार पेशाब जाने के कारण और इससे बचने के उपाय।
क्या हैं कारण
रात के वक्त बहुत ज्यादा तरल आहार लेने से अक्सर ऐसी समस्या हो जाती है। लेकिन नोक्टूरिया डायबिटीज और हार्ट फेलियर का लक्षण भी हो सकता है। डायबिटीज में, सारी अतिरिक्त शुगर किडनी अवशोषित नहीं कर पाती और यूरीन में मिल जाती है। हार्ट फेलियर में आपको बाथरूम जाने की इच्छा होती है क्योंकि इससे रात में आपकी किडनी में बहुत अधिक तरल पदार्थ पहुंच जाता है जिससे बाथरूम जाना पड़ता है। नोक्टूरिया तब भी हो जाता है जब हाल फिलहाल में आपको यूरीन इंफेक्शन हुआ हो।
क्या करें नोक्टूरिया में
अगर आप नोक्टूरिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो रात को तरल आहार लेना कम कर दें। साथ ही, रात को खाने के बाद कैफीन, अल्कोहल और मसालेदार आहार लेने से परहेज करें। पेल्विक फ्लोर मसल्स और ब्लैडर को मजबूती देने वाली एक्सरसाइज करें। इसके अलावा, आपका डॉक्टर इस समस्या के लिए कुछ दवाइयां भी दे सकता है। लेकिन इन दवाइयों के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जैसे कि मुंह सूखना, कब्ज या फिर धुंधला दिखना।
पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
- एक आंकड़े के मुताबिक 40 की उम्र के बाद ज्यादातर पुरुष प्रोस्टेट की समस्या से परेशान होते हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड को पुरुषों का दूसरा दिल भी माना जाता है। पौरूष ग्रंथि शरीर में कुछ बेहद ही जरूरी क्रिया करती है। जैसे यूरीन के बहाव को कंट्रोल करना और प्रजनन के लिए सीमेन बनाना। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह ग्रंथि बढ़ने लगती है। इस ग्रंथि का अपने आप में बढ़ना ही हानिकारक होता है और इसे बीपीएच (बीनीग्न प्रोस्टेट हाइपरप्लेसिया) कहते हैं।
- इन 5 रोगों में आती है बार बार पेशाब
- ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने की स्थिति को ही डायबिटीज कहते हैं। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज में शरीर जरूरत के अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र मार्ग से बाहर निकालने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब होता रहता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान यूरेटस बड़ा होने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है। इसलिए इस दौरान महिला को बार-बार पेशाब आना शुरु हो जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के दौरान जो दवाएं दी जाती हैं, वो किडनी पर अतिरिक्त लिक्विड को बाहर निकालने का दबाव बनाती हैं। इसी वजह से इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल से भी व्यक्ति को बार-बार पेशाब होने लगता है।
- ज्यादा पानी पीने से ज्यादा मात्रा में मूत्र निर्माण होता है इसलिए इस वजह से भी बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक है।
- कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है।

ये है इससे बचने का उपाय
- कच्चे सीताफल के बीज में काफी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जैसे आयरन, फॉस्फोरस, टि्रप्टोफैन, कॉपर, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन के, प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल। ये बीज जिंक के बेहतरीन स्रोतों में से एक माने जाते हैं। हर दिन 60 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रोस्टेट से जूझ रहे मरीजों में बेहद फायदा पहुंचाता है और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। इन बीजों में बीटा-स्टिोसटेरोल भी होता है जो टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टेरोन में बदलने नहीं देता। जिससे इस ग्रंथि के बढ़ने की संभावना न के बराबर हो जाती है।
- सीताफल के बीज कच्चा या भून कर या फिर दूसरे बीजों के साथ मिलाकर खा सकते हैं। इसे अपने हर दिन के खाने में शामिल किया जा सकता है। इसे सलाद में मिलाकर भी खाया जा सकता है। पोहा में मिलाकर या सूप में डालकर भी खा सकते हैं। सीताफल के बीज नट्स के साथ एक बेहतरीन नाश्ता हो सकते हैं। दस ग्राम तक यह बीज हर दिन लेने से प्रोस्टेट को काबू किया जा सकता है।
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Jan 23, 2019
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