12 अक्टूबर के दिन हर साल वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया जाता है, इस दिवस का उद्देश्य है लोगों तक अर्थराइटिस से जुड़ी जानकारी को पहुंचाना। अर्थराइटिस के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों में दर्द या सूजन की समस्या होने लगती है। ये समस्या शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करती है जिसमे से एक है स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी। अर्थराइटिस का असर रीढ़ की हड्डी पर भी पड़ता है जिसके कारण बैक पेन, सूजन, सुन्न होने की शिकायत होने लगती है। इस समस्या से बचना ही इसका उपाय है इसलिए इस लेख में हम ये जानेंगे कि स्पाइन को अर्थराइटिस किस तरह से प्रभावित करता है और इससे बचने के लिए किन उपायों को अपनाया जा सकता है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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स्पाइन पर अर्थराइटिस का क्या असर पड़ता है? (How arthritis can affect spine)
अर्थराइटिस का असर बॉडी के किसी भी हिस्से में पड़ सकता है पर बहुत से लोगों को अर्थराइटिस का असर स्पाइन पर भी देखने को मिलता है। स्पाइन छोटी हड्डियों से मिलकर बनता है जिसे वेर्टेब्रा कहते हैं। इन वेर्टेब्रा से स्पाइन को सपोर्ट मिलता है। अगर आपको अर्थराइटिस है तो स्पाइन में दर्द महसूस हो सकता है जो ज्यादातर गर्दन या लोअर बैक के हिस्से में महसूस होता है। कई केस में अर्थराइटिस के कारण स्पाइन की सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है। अर्थराइटिस के कारण ज्वॉइंट्स में दर्द और सूजन हो सकती है। चार तरह के अर्थराइटिस स्पाइन को प्रभावित कर सकता है जिसमें फेसट ज्वॉइंट सिंड्रोम (facet joint syndrome), स्पाइनल स्टेनोसिस (spinal stenosis), ऑस्टिओअर्थराइटस (osteoarthritis) और रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) शामिल है।
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स्पाइन को चार तरह से प्रभावित करता है अर्थराइटिस
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- इस कंडीशन में हड्डी और स्पाइन के बीच मौजूद ज्वॉइंट्स के टूट जाने से बीमारी होती है जिसे हम फेसट ज्वॉइंट सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इसमें गर्दन और बैक में पेन हो सकता है। नसों में दर्द होना भी इसी सिंड्रोम के लक्षण हैं।
- दूसरा प्रकार है ऑस्टिओअर्थराइटिस जिसमें ज्वॉइंट में दर्द होता है जो स्पाइन के साथ-साथ घुटने, हिप्स, लोअर बैक, हाथों में भी हो सकता है, अगर आपके ऑस्टिओअर्थराइटिस है तो आपको सुबह हड्डियों में दर्द महसूस हो सकता है जो 30 मिनट या उससे कम समय के लिए बना रहेगा।
- जिन लोगों को अर्थराइटिस होता है उन्हें स्पाइनल स्टेनोसिस हो सकता है जिसमें स्पाइन में नई हड्डी विकसित होने लगती है जिससे दर्द और नस सुन्न होने का अहसास होता है। इस बीमारी में भी तेज दर्द का अहसास हो सकता है।
- अर्थराइटिस का चौथा प्रकार है रूमेटाइड अर्थराइटिस जिसमें खराब इम्यून सिस्टम का असर ज्वॉइंट्स पर पड़ता है जिसके कारण हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। जिन लोगों को रूमेटाइड अर्थराइटिस होता है उन्हें दर्द के साथ-साथ सूजन भी होती है और ये समस्या स्किन, आंखें, फेफड़े, हार्ट, स्पाइन को प्रभावित कर सकती है।
किन लोगों की स्पाइन हो सकती है बीमार? (Who is at risk for arthritis and spinal pain)
जिन्हें अर्थराइटिस होता है उनको स्पाइनल अर्थराइटिस होने की आशंका बढ़ जाती है यानी अर्थराइटिस होने के कारण स्पाइन प्रभावित हो सकती है। ये समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जिनकी उम्र 50 पार है। ज्यादा उम्र में भी अर्थराइटिस का खतरा बड़ा होता है, इसके अलावा जिन लोगों का वजन ज्यादा है उन्हें भी अर्थराइटिस के कारण बीमार स्पाइन की समस्या हो सकती है। वजन ज्यादा होने से ज्वॉइंट्स पर जोर पड़ता है। जिन लोगों के घर में पहले किसी को अर्थराइटिस हुआ है तो उनको भी ये बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है। जिन लोगों की स्पाइन में पहले कोई इंजरी हुई हो उनकी स्पाइन भी बीमार पड़ सकती है। अगर आपको डायबिटीज है तो हो सकता है कि अर्थराइटिस के कारण स्पाइन पर असर पड़े। जो लोग किसी तरह की स्पोर्ट्स एक्टिविटी से जुड़े हुए हैं उन्हें भी बीमार स्पाइन की समस्या हो सकती है। पुरुषों के मुकाबले ये समस्या महिलाओं को ज्यादा होती है।
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स्पाइन को अर्थराइटिस से कैसे बचाएं? (How to prevent arthritis affecting spine)
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1. वजन कम करें (Weight loss)
स्पाइन को अर्थराइटिस से बचाने के लिए वजन कम करने के उपाय अपनाएं और अपना वजन मेनटेन रखें, वजन ज्यादा होगा तो ज्वॉइंट्स पर दबाव पड़ेगा और परेशानी बढ़ सकती है, वजन कम करने के लिए आप डाइट और कसरत दोनों को रूटीन में शामिल करें।
2. रोजाना कसरत करें (Exercise)
आपको अर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए रोजाना कसरत करनी चाहिए। कसरत करने से बॉडी लचीली रहेगी और गंभीर रोगों से बचाव मिलेगा। रोजाना कम से कम 40 मिनट कसरत करें जिसमें योगा, एक्सरसाइज, वॉक आदि शामिल हो।
3. डाइट में बदलाव करें (Diet changes)
स्पाइन को अर्थराइटिस से बचाने के लिए आपको मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए, मीठी चीजें खाने से वजन बढ़ता है इसके अलावा आपको ट्रांस फैट का सेवन भी अवॉइड करना है। फास्ट फूड में ट्रांस फैट मौजूद होता है।
4. विटामिन डी का सेवन करें (Vitamin D)
स्पाइन को अर्थराइटिस से बचाने के लिए आपको विटामिन डी युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए, सुबह की धूप में कुछ देर बिताएं क्योंकि सूरज की किरणों से आपको विटामिन डी मिलता है वहीं आपको दूध से बनी चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
5. शराब या एल्कोहॉल से दूर रहें (Avoid alcohol)
अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित है तो डॉक्टर आपको शराब यानी एल्कोहॉल से दूर रहने की सलाह देंगे नहीं तो ज्वॉइंट्स में दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। आपको तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि चीजों का सेवन पूरी तरह से अवॉइड करना है।
6. लाइफस्टाइल में बदलाव करें (Lifestyle changes)
अर्थराइटिस होने पर स्पाइन को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने होंगे जैसे बॉडी को एक्टिव रखना, गलत पोजिशन में न बैठना, ज्यादा समय के लिए एक ही पोजिशन में बैठे रहना आदि।
7. इम्यूनिटी बढ़ाएं (Boost immunity)
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से आप स्पाइन को अर्थराइटिस जैसी बीमारी से बचा सकते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आपको विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें सबसे मुख्य है संतरे का सेवन, इसके अलावा आप जरूरी हर्ब जैसे तुलसी, अश्वगंधा का सेवन करके भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
अगर आपको अर्थराइटिस है और बैक पेन, शरीर का हिस्सा सुन्न होने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और जल्द से जल्द इलाज शुरू करवाएं।
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