ज्यादातर लोगों का मानना है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष जल्द ही बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन हाल ही में हुए शोध में सामने आया है कि व्यस्क महिलाओं में एलर्जी, दमा और स्व-संक्रमित बीमारियों के चपेट में आने की आशंका पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है।
एलर्जिस्ट रे नाटा एंगलर के मुताबकि किशोरावास्था से पहले पुरुषों में दमा,नाक में सूजन और खाने से एलर्जी महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। लेकिन महिलाओं के किशोरावास्था में प्रवेश करते ही यह आंकड़े बदल जाते हैं। एलर्जी की इन बीमारियों से महिलाएं ज्यादा संख्या में प्रभावित होने लगती है।
एंगलर के मुताबिक महिलाओं और पुरुषों के बीच इन अंतरों के पीछे छिपे कारण बहुत जटिल हैं, जो उम्र के साथ बदलते हैं। वह बताती हैं कि टीकाकरण के प्रति आईजीजी प्रतिरक्षी प्रतिक्रियाएं महिलाएं में बेहतर तरीके से काम करती हैं जबकि आईजीए का स्तर पुरुषों में अधिक होता है।
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