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महिलाओं की तुलना में पुरुषों में क्यों अधिक होता है डायबिटीज का जोखिम? जानें कारण

डायबिटीज होने पर पुरुषों को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आगे जानते हैं कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को डायबिटीज का जोखिम अधिक क्यों होता है?
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महिलाओं की तुलना में पुरुषों में क्यों अधिक होता है डायबिटीज का जोखिम? जानें कारण


आज के दौर में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या के रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। डायबिटीज होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। शारीरिक कार्यों में आई कमी और मोटापा डायबिटीज की समस्या का एक मुख्य कारण हो सकती हैं। इसमें पैंक्रियाज के कार्य प्रभावित होते हैं और व्यक्ति को इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है। डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े कई कारक डायबिटीज का कारण बन सकते हैं। जबकि, कुछ रिसर्च से पता चला है कि पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। इसके पीछे फैट डिस्ट्रीब्यूशन को बड़ी वजह माना जा सकता है। पुरुषों के शरीर में ज्यादातर पेट के हिस्से के आसपास फैट जमा होती है, जबकि महिलाओं के शरीर में उनकी जांघों और कूल्हे की मांसपेशियों में फैट जमा होता है। पेट के हिस्से में फैट जमा होने से आंतों के कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है। यह डायबिटीज का एक कारक बन सकता है। इस लेख में आगे श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के इंटरनरल मेडिसिन के सीनियर डॉक्टर दीपक गुप्ता से जानते हैं कि डायबिटीज का खतरा पुरुषों को अधिक क्यों होता है? 

पुरुष में महिलाओं की अपेक्षा डायबिटीज का जोखिम अधिक क्यों होता है? 

मसल्स मास 

पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक मसल्स मास होता है। मांसपेशियों के टिश्यू ग्लूकोज के अवशोषण और उपयोग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। एक्सट्रा मसल्स मास से इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, इसके साथ ही यदि व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि कम हो तो ऐसे में डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। 

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डाइट संबंधी आदतें 

महिलाओं की तुलना में पुरुष अपेक्षाकृत अनहेल्दी खाना खाने की आदत रखते हैं। एक स्टडी से पता चला है कि पुरुष खाते समय उसकी पौष्टिकता पर ज्यादा विचार नहीं करते हैं। पुरुष ज्यादातर रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, शुगर ड्रिंक्स और फास्ट फूड खाते हैं, ये सभी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जबकि, महिलाएं ज्यादा हेल्थ के लिए सावधानी बरतती हैं। 

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य 

तनाव व स्ट्रेस का महिलाएं व पुरुषों पर अलग-अलग तरह का प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक तनाव डाबिटीज का कारक बन सकता है। ज्यादातर पुरुष स्ट्रेस और तनाव होने पर शराब और धूम्रपान का सहारा लेते हैं। इसके अलावा पुरुष तनाव में लोगों से मिलना-जुलना भी कम कर देते हैं। ऐसे में उनको लंबे समय तक स्ट्रेस बना रहता है। यह हार्मोनल बदलाव का कारक बन सकता है और डायबिटीज व उससे जुड़ी समस्याओं की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

शारीरिक गतिविधि

जो पुरुष नियमित रूप से व्यायाम या शरीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं, उनको डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। ऑफिस में डेस्ट जॉब पुरुषों में मोटापे का कारण बन सकती है, जो डायबिटीज की समस्या को बढ़ा सकती है।

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डायबिटीज की वजह से पुरुषों को यौन रोग, किडनी से जुड़ी समस्याएं और नेत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। जबकि, डायबिटीज पुरुषों में हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ा सकती है। ऐसे में पुरुषों को डाइट और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करने की सलाह दी जाती है। रोजाना योग और एक्सरसाइज से डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है। साथ ही, इसके जोखिम को भी कम किया जा सकता है। 

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