
आमतौर पर माना जाता रहा है कि पुरुष महिलाओं से ज्यादा बुद्धिमान होते हैं और उनकी याददाश्त की क्षमता महिलाओं से बेहतर होती है लेकिन एक हालिया स्टडी ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया है। इस स्टडी में पाया गया कि मिडिल-एज महिलाओं ने याददाश्त के हर पैमाने में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि स्टडी में ये भी कहा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ खासकर मेनोपॉज स्टेज में पहुंचने के बाद महिलाओं की याददाश्त की क्षमता घटती है। उस दौर में महिलाओं में भूलने की समस्या भी बढ़ जाती है। इस वजह से महिलाओं में याददाश्त खोने और भूलने की बीमारी होने का खतरा पुरुषों से ज्यादा होता है।
स्टडी में ये भी पाया गया कि प्री मेनोपॉज वाली महिलाओं ने हर मामले में पोस्ट मेनोपॉज वाली महिलाओं को याददाश्त के महत्पवूर्ण मामलों में पीछे छोड़ दिया। पोस्टमेनोपॉज महिलाओं में एस्ट्राडियोल लेवल्स का घटना प्रारंभिक चीजों को सीखने की दर में कमी और पहले से अर्जित की गई जानकारी को याद रखने में कमी से संबंधित था, जबकि ऐसी महिलाओं की मेमोरी स्टोरज की क्षमता वही थी।
यह स्टडी नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (NAMS) के जर्नल में प्रकाशित की गई है। NAMS के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने इस स्टडी के बारे में कहा कि ब्रेन फॉग (कंफ्यूजन, भूलना, फोकस में कमी) और मेमरी से संबंधित शिकायतों को बहुत गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये स्टडी और बाकी अध्ययन दिखाते हैं कि ये शिकायतें याददाश्त में कमी से संबंधित हैं।
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