Why is the Age of Menopause Decreasing in Indian women : भारत में पिछले कुछ सालों में महिलाओं में कम उम्र के मेनोपॉज के मामले देखने को मिल रहे हैं। पहले मेनोपॉज की उम्र 47 से 50 साल के बीच मानी जाती है। लेकिन समय के साथ 40 से 42 साल की उम्र में ही महिलाओं को मेनोपॉज की परेशानी हो रही है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, जब किसी महिला को लगातार 12 महीनों प्रेग्नेंसी या अन्य किसी कारण से पीरियड्स नहीं होते हैं, तो ओवरी (अंडाशय) के कार्य धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी वजह से शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है।
यह पूरी प्रक्रिया मेनोपॉज कहलाती है। लेकिन भारतीय महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र क्यों घट रही है, यह जानना जरूरी है, ताकि इससे राहत पाने के लिए सुनिश्चित कदम उठाए जा सकें।
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1. जीवनशैली में करें बदलाव
एलांटिस हेल्थकेयर दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर, इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मनन गुप्ता (Dr. Mannan Gupta, Obstetrician, Gynecologist and Infertility Specialist, New delhi) का कहना है कि एक दशक में भारतीय महिलाओं की जीवनशैली में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अनियमित जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच नींद कम लेना, काम का तनाव, डेस्क जॉब और एक्सरसाइज की कमी के जैसी चीजें हार्मोन असंतुलन का कारण बन रही है।
एक दौर था जब हार्मोन असंतुलन की परेशानी 40 के बाद देखी जाती थी, लेकिन अब यह 20 साल की उम्र में हो रही है। कम उम्र में हार्मोन बदलावों की वजह से भारतीय महिलाओं को मेनोपॉज की परेशानी जल्दी हो रही है।
2. प्रदूषण और केमिकल्स का असर
मेनोपॉज में वातावरण के प्रदूषण, कीटनाशक, कॉस्मेटिक्स और रोजमर्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल की भी अहम भूमिका है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि वातावरण में मौजूद विषैले रसायन और एंडोक्राइन डिसरप्टिंग मिकल्स (EDCs) महिलाओं के हार्मोनल सिस्टम पर विपरित प्रभाव डालते हैं, जिससे महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र कम हो रही है।
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3. खाने में पोषण की कमी
बाजार में मिलने वाले गेहूं, चावल, हरी सब्जियों और फलों को उगाने के लिए यूरिया और अन्य प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके कारण खाने में पोषण की कमी देखी जा रही है। इसके साथ ही, फास्ट फूड, जंक फूड और पोषण की कमी वाले आहार से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे प्रजनन प्रणाली कम उम्र में ही प्रभावित हो रही है।
4. शराब का सेवन
इन दिनों सिर्फ पुरुष ही महिलाएं भी धूम्रपान और शराब का सेवन बड़ी मात्रा में कर रही हैं। धूम्रपान के लिए इस्तेमाल होने वाली सिगरेट में मौजूद निकोटीन और अन्य रसायन अंडाशय की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, शराब का सेवन महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन की मात्रा को घटाता है, जिसकी वजह से मेनोपॉज कम उम्र में ही शुरू हो जाता है।
5. मानसिक तनाव
काम और परिवार के कारण होने वाला मानसिक तनाव भी महिलाओं के शरीर में हार्मोन को संतुलन बिगाड़ती है। डॉ. मनन गुप्ता का कहना है कि मानसिक तनाव से कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है। यह हार्मोन शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन को प्रभावित करता है। इसकी वजह से मेनोपॉज कम उम्र में शुरू हो सकता है।
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निष्कर्ष
भारतीय महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र घटने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। मेनोपॉज को कम उम्र में होने से रोकने के लिए संतुलित खानपान और सही जीवनशैली को अपनना जरूरी है। अगर आपको खुद में मेनोपॉज का कोई लक्षण नजर आता है या कम उम्र में पीरियड्स संबंधी परेशानी नजर आ रही है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।