Ways to improve perimenopausal symptoms: आजकल की जीवनशैली, खान पान और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने की वजह से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। जीवनशैली के कारण ही महिलाओं को कम उम्र में पीरियड संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं। लाइफस्टाइल और खानपान के कारण ही महिलाओं को कम उम्र में पेरिमेनोपॉज की समस्या हो रही है। आसान भाषा में कहें तो कम उम्र में महिलाओं के पीरियड्स बंद होना ही पेरिमेनोपॉज कहलाता है। आमतौर पर महिलाओं को शुरुआत में पेरिमेनोपॉज (Perimenopausal Symptoms) के विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिसके कारण उन्हें इलाज कराने में मुश्किल आती है। लेकिन पेरिमेनोपॉज की शुरुआत होने पर कई ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जिनकी अगर वक्त रहते पहचान कर ली जाए, तो भविष्य में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं पेरिमेनोपॉज शुरू होने से पहले दिखाई देने वाले लक्षण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में।
पेरिमेनोपॉज शुरू होने से पहले दिखाई देने वाले लक्षण- Symptoms that appear before pre-menopause begin
गट व हार्मोन हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर पेरिमेनोपॉज शुरू (What is Perimenopausal) होने से पहले महिलाओं को क्या-क्या लक्षण नजर आते हैं, इसकी जानकारी दी है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
- वजन का बढ़ना
- बालों का झड़ना और पतला होना
- रात में पसीना आना
- डिप्रेशन और तनाव महसूस होना
- बात-बात पर गुस्सा आना
- सोने में परेशानी महसूस होना
- यूटीआई
पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को ठीक करने के तरीके- Ways to improve perimenopausal symptoms in Hindi
गट हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा ने अपने पोस्ट में पेरिमेनोपॉज को कैसे मैनेज (How to Manage Perimenopausal) किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी शेयर की है।
1. आलूबुखारा खाएं
पेरिमेनोपॉज को मैनेज करने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट आलूबुखारा खाएं। एक्सपर्ट के अनुसार, महिलाएं रोजाना सुबह खाली पानी में भिगोए हुए 2 आलूबुखारा खाए, तो इससे हॉट फ्लैश को कम करने में मदद मिलती है।
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2. धनिया के बीजों का पानी पिएं
पेरिमेनोपॉज को मैनेज करने के लिए धनिया के बीजों का पानी पिएं। मनप्रीत कालरा के अनुसार, रोजाना थोड़ी मात्रा में धनिया के बीजों का पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर कम होता है। इसकी मदद से पेट में होने वाली जलन, आंतों की सूजन और पेट के दर्द से राहत मिलती है।
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3. चेस्टबेरी चाय पिएं
रोजाना शाम को चेस्टबेरी चाय पीने से भी पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को सुधारने में मदद मिलती है। मनप्रीत कालरा के अनुसार, चेस्टबेर चाय का सेवन करने से पिट्यूटरी ग्लैंड के काम में सुधार आता है। यह हार्मोन को नियंत्रित करने पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों को ठीक कर सकता है। साथ ही, चेस्टबेरी की चाय के सेवन से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
4. मुनक्का पानी पिएं
मुनक्के का पानी पीने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता, जो शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। इसके अलावा मुनक्के के पानी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो आंतों की सूजन को कम करते हैं।
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5. शाम को एक केला खाएं
पेरिमेनोपॉज के दौरान रात को सोते समय अक्सर महिलाओं को पसीना आता है। पेरिमेनोपॉज के इस लक्षण से राहत पाने के लिए शाम को केला खाएं। केले में मौजूद पोटेशियम मूड स्विंग की समस्या को ठीक करता है। साथ ही, यह रात को आने वाले पसीने को भी कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है।
इसके अलावा महिलाएं पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए खाने के बीच में अलसी के बीजों का पानी, अखरोट और सेंधा नमक को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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