क्यों आती है हिचकी, क्या आपने कभी जानना चाहा है...?

हमारे यहां हिचकी को लेकर असंख्य अंधविश्वास जुड़े हुए हैं। कोई कहता है कि किसी के याद करने से हिचकी आती है तो कोई कहता है चोरी करके कुछ खाने से हिचकी आती है।
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क्यों आती है हिचकी, क्या आपने कभी जानना चाहा है...?


हमारे यहां हिचकी को लेकर असंख्य अंधविश्वास जुड़े हुए हैं। कोई कहता है कि किसी के याद करने से हिचकी आती है तो कोई कहता है चोरी करके कुछ खाने से हिचकी आती है। लेकिन विज्ञान इन बातों को नहीं मानता। इसके उलट उसके पास हिचकी आने के अन्य तर्क हैं। विज्ञान की मानें तो छाती और पेट के बीच मौजूद डायफ्राम नामक मांसपेशी होती है। यह इन्हें दो अलग-अलग हिस्सों में बांटती है। सांस लेने के दौरान डायफ्राम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी वजह से यदि डायफ्राम सिकुड़ती है, तो फेफड़े तेजी से हवा अंदर खींचते हैं जिससे सांस लेने में परेशानी आने लगती है। इसी वजह से हिचकी शुरू हो जाती है। हालांकि यह भी सच है कि अब तक हिचकी आने की असली वजह को जाना नहीं गया है। अतः जो भी तथ्य हिचकी से जुड़े हैं या हिचके आने की वजह माना गया है, वे पूर्णतया अनुमानों पर आधारित है। आइए जानते हैं कि हिचकी किन अनुमानित वजहों के कारण आती है-

hiccups

जल्दी-जल्दी खाने से

यदि आप बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाती हैं तो इससे खाना गले में फंसने का खतरा रहता है। इसके साथ ही यदि आप जल्दी-जल्दी में पानी से खाना पेट के अंदर धकेलने की कोशिश करती हैं तो इससे हिचकी आने लगती है। इसके अलावा यदि आप बहुत ज्यादा मसालेदार या स्पाइसी खाना खा लेती हैं तो भी हिचकी आने की आशंका बनी रहती है।

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ज्यादा खाने

अगर आप जल्दी नहीं भी खा रही हैं लेकिन बहुत ज्यादा खा रही हैं बल्कि खाती जा रही हैं तो इससे भी हिचकी आने की आशंका में इजाफा होता है। इसके साथ ही अध्ययनकर्ता ये भी कहते हैं कि यदि आप शराब के अत्यधिक सेवन करती हैं तो भी इससे हिचकी आने का अंदेशा बना रहता है।

गैस्ट्रिक की समस्या

कई बार पेट में दर्द या गैस्ट्रिक की समस्या के कारण भी हिचकी आती है। विशेषज्ञों की मानें तो रक्तस्राव या खून की कमी भी हिचकी का कारण हो सकते हैं। ऐसी समस्या हो तो हिचकी को हल्के में लेने की बजाय तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि हिचकी खतरनाक बीमारी में तब्दील हो सकती है।

दवाइयों का असर

मेरीसहेलीडाटकाम के मुताबिक हर समय शारीरिक बदलाव के कारण ही हिचकी नहीं आती बल्कि कई बार दवाईयों के साइड इफेक्ट के रूप में भी हिचकी आ सकती है। हालांकि ऐसा कम देखने को मिलता है। लेकिन यदि आपको कोई भी दवा खाने से हिचकी आने लगती है तो सबसे पहले उस दवा विशेष को बंद करें और उसके बाद डाक्टर से अपनी बीमारी के बारे में संपर्क करें।

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किसी बीमारी की वजह से

मेरीसहेलीडाटकाम की मानें तो हिचकी किसी पुरानी बीमारी के कारण भी आ सकती है। वैसे यह भी बता दें कि इस तरह के लक्षण सभी मरीजों में देखने को नहीं मिलते। लेकिन यदि आपको हिचकी शुरू हुई है और खत्म नहीं हो रही है तो किसी पुरानी बीमारी को इसकी वजह समझी जा सकती है। लेकिन बिना किसी डाक्टर के सपंर्क में अंतिम नतीजों पर पहुंचना बेवकूफी होगा।

हिचकी के खतरे

यूं तो हिचकी कुछ ही सेकेंडों में रुक जाती है। लेकिन यदि किसी कारणवश आपकी हिचकी घंटों न रुक रही हो तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। वरना यह एक खतरानाक स्थिति तक भी पहुंच सकती है। कई मरीजों में ऐसा भी देखने को मिला है कि दवा लेने के बाद भी हिचकी दो-तीन दिनों तक लगातार बनी हुई है।

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