
हर महीने जब भी मेरी डेट आने वाली होती है, तो मुझे टेंशन हो जाती है। क्योंकि उन दिनों मुझे व्हाइट डिस्चार्ज भी काफी होता है। पता ही नहीं चलता कि वह व्हाइट डिस्टार्ज है या मेरी डेट आ गई है। हालांकि मेरी डेट होने वाले महीने की तारीक से चार से पांच दिन पहले आती है। फिर भी पता नहीं क्यों मुझे टेंशन होती है। टेंशन होती है कपड़े गंदे होने की, पेट के नीचे दर्द होने की, बूब्स में दर्द होने की, वजन बढ़ने की आदि। कई बार मेरे पेट का निचला हिस्सा इतना फूल जाता है कि मुझे मेरे कपड़े भी नहीं आते हैं और रोज इस सोच से लड़ती हूं कि ऑफिस में या बाहर क्या पहनकर जाऊं? जिससे मेरा पेट दब जाए या ढक जाए। सिर्फ एक यही परेशानी नहीं होती, कई बार तो मुझे रात में ठीक से नींद भी नहीं आती, जिसकी वजह से मेरी आंखों के नीचे के काले घेरे दो गुने हो जाते हैं। लोग मेरे से कई सवाल करने लगते हैं जैसे कि काम का प्रेशर ज्यादा है क्या या ऑफिस से लेट जा रही हो या रात में सोई नहीं हो आदि।
हम सभी ने एक कहावत तो सुनी ही है कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। और सच कहूं तो मेरा बिलकुल मन नहीं करता ऐसे लोगों को जवाब देने का, जो मुझसे, मेरे से जुड़े सवाल पूछें। यहां तक की डेट आने के टाइम पर मेरा मूड भी बदलता रहता है, जिसे मूड स्वींग कहते हैं। छोटी-छोटी चीजों पर मैं नराज हो जाती हूं और लड़ने लगती हूं बिना यह सोचे कि क्या मुझे ऐसा करना चाहिए था या नहीं।
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ये सभी चीजें केवल मैं ही महसूस नहीं करती हूं, शायद कई और भी लड़कियां है, जो ऐसा ही महसूस करती हैं। यहां तक की कई लड़कियां डेट आने के एक हफ्ता पहले सैनेट्री नैपकिन का इस्तेमाल करना शुरू कर देती हैं, जो वेस्टेज तो है ही, साथ ही पैसे की बर्बादी भी। इस डर से कि कहीं कपड़े न खराब हो जाए या अगर ऑफिस में हूं, तो सबके सामने मैं सैनेट्री नैपकिन कैसे अपने बैग से निकालकर लेकर जाऊंगी।
जब डेट आ जाती है, तब मैं काफी चिढ़चिढ़ी और बेआराम भी फील करती हूं। किसी काम में मन नहीं लगता। यहां तक की कहीं घर से बाहर निकलने का भी दिल नहीं होता। पेट में बर्दाश न करने वाला दर्द सहना पड़ता है। लेकिन अब इन सभी चीजों की आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप अपनी डेट को एंजॉय कर सकते हैं और खुद को खुश रखते हुए सुखद महसूस कर सकते हैं।
ओजोन ग्रूप की चीफ मार्किटिंग ऑफिसर नीता अग्रवाल का कहना है कि “पीरियड्स होना सामान्य बात है। करीब 50 प्रतिशत आबादी को ये नैचरली होता है। पीरियड्स कई बार आपको स्ट्रेस फील कराते हैं, लेकिन इसे लेकर आपको खुश होना चाहिए, क्योंकि पीरियड्स का रेगुलर आना मतलब आपकी बेहतर हेल्थ की ओर इशारा करना है। आपकी बॉडी में बनने वाले नए हार्मोन्स को यह नॉर्मल रखने में मदद करता है। इसलिए इन दिनों खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग रखते हुए चीजों को संभालें। ऐसे दिनों में खुद को पैंपर या संतुष्ट करने के लिए आप घर के पास के सलॉं में फेशल या मेनिक्योर या हॉट बबल बाथ सिटिंग बुक करा सकते हैं। साथ ही खुद का डेली वर्क पूरा करते हुए शरीर को हाइड्रेट रखें”।
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वर्ल्ड मेन्सट्रूअल डे पर ओजोन1एम ने एक कैंपेन चलाया, जिसका नाम #Thatsmydate था। इस कैंपेन को इवेंट के समय सच्ची सहेली संग लॉन्च किया गया। साथ ही इस कैंपन के द्वारा उन्होंने सभी महिलाओं को पीरियड्स के दौरान खुश रहने और एंजॉय करने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को आत्मविश्वास रखते हुए उन्हें पीरियड्स के दिनों में अपने प्राइवेट पार्ट को साफ रखने के लिए भी प्रेरित किया।
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