मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के एक अस्पताल में 23 वर्षीय महिला ने दो सिर और तीन हाथों वाले लड़के को जन्म दिया है। जन्म के दिन, यानी 25 नवंबर को इस बात की जानकारी अस्पताल के एक अधिकारी ने मीडिया को दी तो ये खबर वायरल हो गई। हालांकि, ऐसी घटनाएं पहले भी देखने और सुनने को मिली हैं। इस प्रकार की घटना को बहुत से लोग चमत्कार मान बैठते हैं। वहीं कुछ लोग इसे विज्ञान के नजर से देखते हैं। मगर इसके पीछे की सच्चाई क्या है, यह समझना थोड़ा जटिल है। मगर यहां हम इसे समझने की कोशिश कर कर रहे हैं।
दरअसल, विदिशा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन संजय खरे ने जानकारी देते हुए बताया था कि शनिवार को बबीता अहिरवार ने 23 नवम्बर को बच्चे का प्रसव कराया, जिसका वजन 3.3 किलोग्राम था, इसके अलावा दो सिर, तीन हाथ और चार हथेलियां थीं।
उन्होंने बताया कि, महिला की हालत बिगड़ने पर उन्हें भोपाल के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे उनकी सही देखभाल हो सके। फिलहाल महिला और शिशु की हालत सामान्य बताई जा रही है।
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क्या है एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट डॉ. रीता बक्शी, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ एक्सपर्ट, इंटरनैशनल फर्टिलिटी सेंटर का कहना है कि "मध्य प्रदेश के विदिशा में पैदा होने वाला बच्चा एक 'कोन्जॉइंड ट्विंस' (CONJOINED TWINS) का केस है जिस में कि ट्विन्स सही समय पर अलग नहीं हो पाते जो कि भूर्ण की असामान्य विकृति में विकसित होता है। इस परिस्थिति में एम्ब्रीयो की प्रतिबंधित वृद्धि होती है जो कि केवल दो शिशुओं को बनाने के लिए आंशिक रूप से ही केवल अलग हो पाती है। यह बच्चों में विकृतियां प्राकृतिक रूप से घटित होती है और इसका कोई ठोस कारण नहीं बताया जा सकता।"
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