मालिश कराने का चलन हमारे देश में काफी पुराना है। लोगों को मालिश या मसाज काफी पसंद भी होती है। और हो भी क्यों ना, मसाज एक बेहतरीन हीलर की तरह काम करती है। यह मांसपेशियों का दर्द दूर करती है और मस्तिष्क और शरीर को तनाव मुक्त बनाती है। आम धारणा है कि बॉडी मसाज कराने से तनाव से छुटकारा मिलता है। अधिकांश लोग तनाव से राहत पाने के लिए ही बॉडी मसाज करवाते हैं। जबकि सच यह है कि बॉडी मसाज से पूरे शरीर को फायदा होता है। यदि आप भी मसाज करवाना पसंद करते हैं तो आपको जानकर थोड़ी हैरान भी होगी और खुशी भी, कि मसाज आपके दिल और धमनियों को स्वस्थ और युवा रखने में भी मदद करती है। तो चलिए जानते हैं कैसे मसाज रखती है शरीर के साथ-साथ दिल को भी स्वस्थ।
मसाज के सामान्य लाभ
- मसाज को पुराने समय से ही एक बेहतरीन हीलर माना गया है। मसाज मांसपेशियों के दर्द को दूर करती है।
- आधुनिक अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि मसाज के बाद ऊत्तकों की मरम्मत का काम तेज होता है।
- मसाज मांसपेशियों को फुलाने वाले रसायन साइटोकाइनेस के निर्माण को कम करती है।
- इससे मांसपेशियों, उतकों और लिगामेंट्स में रक्त का संचार बढ़ता है।
- मसाज तनाव को कम कर क्रोध, हताशा और अवसाद को भी कम करती है।
- अप्रत्यक्ष रूप से सिरदर्द, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी समस्याओं को रोकने में भी मददगार होती है।
- पाचन तंत्र संबंधी गड़बड़ियां, अल्सर, आदि की तकलीफ से बचाने में भी मदद करती है मसाज।
- इससे शरीर का पोश्चर सुधरता है और शरीर सीधा रहता है।
- इससे मानसिक शांति मिलती है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
- अगर अच्छी गुणवत्ता के तेल और लोशन उपयोग किए जाएं तो त्वचा की रंगत और स्वास्थ्य सुधरता है।
मसाज के दिल को लाभ पर शोध
हाल ही में हुए कई अध्ययन भी इस ओर इशारा करते हैं कि मसाज चिकित्सा दिल को दुरस्त करने में मदद करती है। वर्ष 2008, में शोधकर्ताओं ने 263 वोलिंटियर्स पर 45 से 60 मिनट के लिए मसाज कर अध्ययन किया था। उन्होंने पाया कि इसके एक उपचार के बाद ही इन लोगों का औसत रक्तचाप 10 मिलीग्राम पारे तक और धड़कन की दर प्रति मिनट 10 धड़कन तक गिर गयी। यह लभभग उतना था जितना कि जीवन के लिए नयी रक्तचाप की दवा, 'प्रेस्क्रिबिंग' करती है।
इससे एक वर्ष पहले, हल्के से ऊंचे रक्तचाप वाले 50 लोगों ने एक हफ्ते में तीन बार, 10 सत्र 15 मिनट तक ये मसाज ली थी। जबकि ठीक इसी रक्तचाप वाले एक दूसरे समूह ने इतने समय के लिए सिर्फ आराम किया। बाद में देखा गया क् मसाज कराने वाले समूह का रक्तचाप सत्र के अंत में गिर गया और कई दिनों के लिए कम बना रहा।
गत वर्ष एक और अध्ययन हुआ जिसमें उच्च रक्तचाप वाली 8 महिलाएं जिन्होंने चार सप्ताह के लिए प्रत्येक सप्ताह एक घंटे तक मासाज ली थी। अंत में देखा गया कि उनका रक्तचाप में 12 मिमी Hg सिस्टोलिक तक तथा रक्त दबाव में तेजी से गिरावट हुई।
संबंधित शोध
कुछ समय पूर्व डॉक्टरों ने ऐसे पैर मसाज की पद्धति विकसित की थी जिसमें ब्लड प्रेशर मशीन की मदद से अतिरिक्त रक्त की आपूर्ति होती है और रोगी को आराम मिलता है। दरअसल लुधियाना के अस्पताल में चिकित्सकों ने पैर की मसाज से हृदय रोग में राहत का दावा किया।
इस पद्धति में पैरों को बांध दिया जाता है और ब्लड प्रेशर मशीन की मदद से अतिरिक्त रक्त की आपूर्ति की जाती है। इनहांस एक्सटर्नल काउंटर पल्सेशन (ईईसीपी) थेरेपी का आमतौर पर चीन जैसे देशों में प्रयोग किया जाता रहा है। इस पद्धति में पैर के बांधने से हृदय बेहतर पोषण के लिए वाहिकाओं से अतिरिक्त दबाव के साथ रक्त का संचारण करता है। इस पद्धति में मरीज को लगता है कि वो मसाज करा रहा है। ईईसीपी उन मरीजों के लिए विकल्प उपलब्ध कराता जो कई कारणों से बाइपास सर्जरी नहीं कराना चाहते।
इस पद्धति को यूएस फूड एंड ड्रग एडनिस्ट्रेशन ने भी 1995 में मान्यता दी थी। अमरीका में 5 से 7 हफ्ते के ईईसीपी कराने का खर्च सात हजार से नौ हजार डॉलर के बीच आता है जो कि बाइपास सर्जरी में होने वाले खर्च का दसवां हिस्सा है। भारत में यह थेरेपी 30 से अधिक केंद्रों पर उपलब्ध है और इस पर औसतन खर्च 80 हजार रुपये के करीब आता है।