तले-भुने भोजन को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इस भोजन से मोटापा और दिल की कई बीमारियां भी हो सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि सेचुरेटेड फैट के कारण दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां बंद हो जाती हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका काफी बढ़ जाती हैं। इन बीमारियों के कारण व्यक्ति की असमय मौत भी हो सकती है। ज्यादातर डॉक्टर दिल के लिए फायदेमंद लो सेचुरेटेड फैट आहार लेने की सलाह देते हैं। लेकिन, अब इस प्रचलित धारणा को चुनौती दी जा रही है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी का शोध
एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन में छपे हालिया शोध में कहा गया है कि वसा उतनी भी बुरी नहीं है जितना कि दावा किया जाता है। इस रिपोर्ट के लिए 50 हजार से अधिक लोगों पर शोध कर उन्हें दिल की बीमारियां होने के खतरे की जांच की गयी। इस शोध के परिणाम बेहद चौंकाने वाले थे। क्रैंबिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वसा और दिल की बीमारियों के संबंधों के बारे में शोध किया था। हम यह जानते हैं कि दिल की बीमारियों के कारण हर बरस लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं, यह जानकारी पूरी दुनिया के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। इस शोध में वसा उपभोग के आधार पर दिल की बीमारियों जैसे हदयाघात और धमनियों में थक्का जमना आदि के बारे में भी चर्चा की गयी।
पचास हजार से ज्यादा लोगों पर किया गया शोध
53525 लोगों को इस शोध में शामिल किया गया। इनमें से आधे से अधिक सेचुरेटेड फैट का सेवन करते थे। इसके बाद सामने आये डाटा में दोनों ग्रुप में हृदय समस्याओं के खतरे में कोई अंतर नहीं पाया गया। यानी जिन लोगों ने संतृप्त वसा का अधिक सेवन किया था और जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया था, दोनों में दिल की बीमारियों का संभावित खतरा बराबर ही देखा गया। इस जानकारी के आधार पर कहा जा सकता है कि तला हुआ भोजन इतना भी बुरा नहीं है, जितना कि माना जाता रहा है।
ट्रांस फैट है अधिक खतरनाक
इसके साथ ही इस शोध में वसा की अन्य श्रेणियों के बारे में भी बात की गयी। इसमें पता चला कि ट्रांस-फैट दिल की समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है। हालांकि, इस बात पर जरूर हैरानी व्यक्त की जा रही है कि आखिर इस शोध में मोनोसेचुरेटेड फैट्स और ओमेगा-थ्री फैट्स के दिल पर पड़ने वाले सकारात्मक असर के बारे में कोई खुलासा क्यों नहीं किया गया है।
बदल गयी धारणा
इन आंकड़ों का क्या अर्थ है। बेशक, इनकी विवेचना की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, यह जानकारी हमें 'लो-फैट' के कारणों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है। यहां यह भी सवाल उठता है कि अगर दिल की बीमारियों के लिए मोटापा कारण नहीं है, तो भला फिर क्या है। जिसका जवाब मिलना अभी बाकी है। तब तक यदि कोई आपसे कहे कि सेचुरेटेड फैट दिल को बीमार बना सकता है, आप उसे इस शोध का उदाहरण दे सकते हैं।
कुदरती आहार का विकल्प नहीं
तो, यह ताजा शोध इस बात की ओर इशारा करता है कि सेचुरेटेड फैट आपके दिल के लिए उतना भी बुरा नहीं, जितना आप सोचते चले आए हैं। लेकिन, कई बार देखा गया है कि जो आहार सेचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं, उनमें ट्रांस फैट और शर्करा जैसे अस्वास्थ्यकर तत्व भी मौजूद होते हैं। ऐसे में ये तत्व तो आपके दिल को नुकसान पहुंचा ही सकते हैं। कुदरती आहार अपने प्रोस्टेड रूप के मुकाबले हमेशा सेहतमंद होता है। तो, अगर आप उच्च वसायुक्त आहार चुन ही रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसमें ऊपर से कुछ न मिलाया गया हो। आखिरकार संतुलन बहुत मायने रखता है। कुछ संतृप्त वसा अच्छी हो सकती है, लेकिन यह ताजा फल और सब्जियों का विकल्प नहीं हो सकती।
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