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गर्भावस्था में क्यों जरूरी होता है विटामिन ‘बी6’ लेना? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को डाइट पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। इस लेख में जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को विटामिन बी6 की आवश्यकता होती है?
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गर्भावस्था में क्यों जरूरी होता है विटामिन ‘बी6’ लेना? डॉक्टर से जानें


गर्भावस्था एक महिला के जीवन का विशेष और संवेदनशील समय होता है, जिसमें शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण मां को पोषण की विशेष आवश्यकता होती है, जिससे उसका शरीर गर्भ में पल रहे शिशु की ग्रोथ को सपोर्ट कर सके। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स की आवश्यकता होती है, जिनमें विटामिन B6 को भी शामिल किया जाता है। विटामिन B6, जिसे पाइरिडॉक्सिन (Pyridoxine) भी कहा जाता है, एक आवश्यक वाटर सॉल्यूबल विटामिन है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान देता है। गर्भवती महिलाओं के लिए इसका सेवन न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि यह भ्रूण की ग्रोथ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गर्भावस्था में विटामिन ‘बी6’ की जरूरत क्यों होती है? - Why Is Vitamin B6 Needed During Pregnancy In Hindi 

विटामिन B6 शरीर में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म में मदद करता है।इसके अलावा यह न्यूरोट्रांसमीटर्स (जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन) के निर्माण में भी सहायक होता है। रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने के लिए भी इसी विटामिन की आवश्यकता होती है। साथ ही, यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।

मॉर्निंग सिकनेस को कम करता है

गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में मॉर्निंग सिकनेस यानी मतली और उल्टी की शिकायत बहुत आम है। यह हार्मोनल बदलाव के कारण होती है, और कई बार बहुत ज्यादा परेशान कर सकती है। विटामिन B6 को मॉर्निंग सिकनेस के प्राकृतिक इलाज के रूप में उपयोग किया जाता है। यह ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर्स को संतुलित करता है, जिससे मतली और उल्टी की भावना कम होती है। डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को B6 सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं, विशेष रूप से पहले तिमाही में।

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भ्रूण के ब्रेन और नर्वस सिस्टम के लिए आवश्यक

गर्भ में शिशु का ब्रेन और नर्वस सिस्टम विकसित करने के लिए विटामिन B6 बेहद जरूरी होता है। यह न्यूरोलॉजिकल ग्रोथ में सहायक होता है और भ्रूण के मानसिक और बौद्धिक विकास को सही दिशा देता है।

गर्भावस्था के दौरान थकावट को कम करें

गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को थकान, चिड़चिड़ापन, या अवसाद जैसी समस्याएं होती हैं। विटामिन B6 ब्रेन में सेरोटोनिन के स्तर को नियंत्रित करता है, जो मूड को स्थिर रखने में सहायक होता है। इससे मूड स्विंग्स और डिप्रेशन के खतरे कम होते हैं।

एनीमिया की रोकथाम

विटामिन B6 हीमोग्लोबिन के निर्माण में योगदान देता है। गर्भावस्था के दौरान रक्त की मात्रा बढ़ती है, जिससे आयरन और विटामिन B6 की आवश्यकता भी बढ़ती है। यदि इसकी कमी हो जाए, तो गर्भवती महिला एनीमिया (Anemia) का शिकार हो सकती है। इसलिए B6 का पर्याप्त सेवन एनीमिया से बचाता है।

गर्भपात के जोखिम को कम करता है

कुछ स्टडी से पता चलता है कि विटामिन B6 की कमी गर्भावस्था के शुरुआती समय में गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकती है। इसकी पर्याप्त मात्रा गर्भ को सुरक्षित बनाए रखने और भ्रूण को स्वस्थ रूप से विकसित करने में सहायक हो सकती है।

विटामिन B6 के प्राकृतिक स्रोत

अगर आप प्राकृतिक रूप से विटामिन B6 लेना चाहती हैं, तो यह निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है:

  • केले (Banana)
  • अंकुरित अनाज (Sprouted Grains)
  • सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds)
  • मछली (विशेष रूप से सैल्मन और टूना)
  • चिकन और अंडा
  • पालक, गाजर और शकरकंद
  • दालें और चने

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गर्भावस्था के दौरान विटामिन B6 एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक है। यह मॉर्निंग सिकनेस से राहत देने के साथ-साथ भ्रूण के मानसिक विकास, मूड बैलेंस और एनीमिया से बचाव में भी मदद करता है। एक संतुलित आहार और सही परामर्श से विटामिन B6 की आवश्यक मात्रा को पूरा किया जा सकता है।

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