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PCOS से पीड़ित महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होता है प्रोटीन? जानें इसके फायदे

पीसीओएस से जुड़ी परेशानी को कम करने के लिए डाइट में बदलाव करना चाहिए। आगे जानते हैं इसके फायदे
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PCOS से पीड़ित महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होता है प्रोटीन? जानें इसके फायदे


महिलाओं को ओवरी और गर्भाशय से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बना रह सकता है। इन बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं। शहरी माहौल में अधिकतर महिलाओं को पीसीओएस की समस्या हो रही है। यह महिलाओं को अंडाशय यानी ओवरी से जुड़ी हुई समस्या है। इस बीमारी में महिलाओं की ओवरी में छोटी-छोटी गांठे हो जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है। आज के दौर में अनियमित खानपान और लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह मानी जाती है। लेकिन, डाइट में बदलाव कर महिलाएं इस समस्या को आसानी से कम कर सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस समस्या में महिलाओं को प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इस लेख में डायटीशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि पीसीओएस में प्रोटीन युक्त आहार का सेवन कैसे फायदे मंद होता है।

पीसीओएस में प्रोटीन की आवश्यकता क्यों होती हैं? Why Is Protein Necessary During PCOS In Hindi

प्रोटीन शरीर को कैलोरी प्रदान करने और मांसपेशियों, हड्डियों, त्वचा के लिए बिल्डिंग ब्लॉक प्रदान करने का कार्य करता है। इसके अलावा प्रोटीन पाचन क्रिया और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में सहायक होता है। इससे एस्ट्रोजन के साथ ही, अन्य हार्मोन के बैलेंस में मदद करता है। इस समस्या में टेस्टोस्टेरोन और इंसुलिन बाधित होती है। इस दौरान महिलाओं को कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट का कम सेवन करना चाहिए। इस दौरान महिलाएं डायटीशियन की मदद से डाइट प्लान कर सकती हैं। हेल्दी डाइट से पीसीओएस से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है।

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पीसीओएस में प्रोटीन के फायदे - Benefits Of Protein During PCOS In Hindi

मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करें

पीसीओएस में प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करने से महिलाओं का मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे भोजन द्वारा लिया जाने वाला फैट तेजी से कम होने लगता है। दरअसल, मेटाबॉलिज्म कैलोरी को बर्न करता है, जिससे मोटापा दूर होने लगता है। पीसीओएस में महिलाओं का मोटापा तेजी से बढ़ता है। लेकिन, आहार में प्रोटीन शामिल कर आप मोटापे से बच सकती हैं।

शुगर को करें कंट्रोल

इस समस्या में प्रोटीन युक्त चीजों के सेवन से ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। प्रोटीन को धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर पर इसका प्रभाव कम होता है। इसके अलावा, कार्बोहाइड्रेट सीधे ग्लूकोज में मिल जाते हैं, जबकि प्रोटीन अमीनो एसीड में मिलते है। इनको ग्लूकोज में बदलने में समय लगता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है।

भूख को नियंत्रित करें

प्रोटीन युक्त आहार धीमी गति से पचते हैं, जो आपकी भूख को कंट्रोल करते हैं। इससे आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती है, जिससे मोटापा कंट्रोल में रहता है।

इंसुलिन की प्रतिक्रिया को कम करें

प्रोटीन ग्लूकागन (glucagon) हार्मोन को बूस्ट करता है। ग्लूकागन एक तरह का हार्मोन है जो ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाता है और इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करता है।

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किन आहारों में होता है प्रोटीन

आप आहार से प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। प्रोटीन प्राप्त करने के लिए आप दही, बादाम, चिकन, दूध, अंडों और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, डायटीशियन की मदद से डाइट चार्ट भी बनवा सकती हैं।

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