
बारिश के मौसम में बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। यही एक बड़ी वजह है कि बरसात के दिनों में पेट में दर्द, फ्लू, उल्टी और दस्त के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। इस दौरान बैक्टीरियल इंफेक्शन स्किन को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान वातावरण में मौजूद प्रदूषण बारिश के साथ मिलकर स्किन को डार्क कर सकता है। इसके अलावा, मानसून में कभी नमी तो कई बार ड्राइनेस होने से स्किन पर रुखापन बढ़ सकता है, जो डार्कनेस को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस लेख में डॉ विजय सिंघल, सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट से जानते हैं कि बारिश में स्किन पर कालापन होने के क्या कारण हो सकते हैं और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।
बारिश के मौसम में त्वचा के काले पड़ने के मुख्य कारण - Causes Of Skin Get Dark During Rainy Season in Hindi
स्किन को पोर्स बंद होना
मानसून में नमी अधिक बढ़ जाती है, जिससे हमारी त्वचा में पसीना अधिक आने लगता है। ऐसे में पसीना और गंदगी मिलकर स्किन के पोर्स बंद होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। इसके कारण त्वचा बेजान और डल हो जाती है। जब स्किन पर डेड स्किन सेल्स जमा हो जाते हैं, तो त्वचा का रंग गहरा दिखने लगता है।

प्रदूषण और धूल के कारण स्किन प्रभावित होना
बारिश की पहली बारिश के साथ वातावरण में मौजूद धूल, मिट्टी और प्रदूषण के हानिकारक तत्व नीचे आने लगते हैं। जब ये तत्व त्वचा के संपर्क में आते हैं, तो त्वचा पर रिएक्शन होने की संंभावना बढ़ जाती है, जिससे पिग्मेंटेशन, जलन और रंगत में बदलाव आता है।
सूर्य की यूवी किरणें
भले ही बारिश में धूप कम नजर आती है, लेकिन यूवी किरणें बादलों के पार भी त्वचा तक पहुंच सकती हैं। लोग इस मौसम में सनस्क्रीन लगाना भूल जाते हैं, जिससे यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाकर मेलानिन उत्पादन बढ़ा देती हैं। इससे त्वचा का रंग डार्क हो सकता है।
नेचुरल नमी में असंतुलन
मानसून में कभी अधिक नमी तो कभी अचानक ड्रायनेस त्वचा की प्राकृतिक नमी को प्रभावित करती है। इससे त्वचा की ऊपरी परत कमजोर हो जाती है, और डलनेस के साथ काले धब्बे दिखने लगते हैं।
बारिश में त्वचा को कालेपन से कैसे बचाएं?
- बारिश के दिनों में लोगों को स्किन की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। ऐसे में किसी भी तरह के इंफेक्सन से बचने के लिए दिन में कम से कम दो बार फेसवॉश करें। साथ ही, स्किन को एक्सफोलिएट करें।
- मानसून में बादल होने के बावजूद भी सूर्य की यूवी किरणें स्किन को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में आप एसपीएफ 30 सनस्क्रीन जरूर लगाएं। ऐसे में आप दिन में दो से तीन बार सनस्क्रीन का उपयोग अवश्य करें।
- इस मौसम में स्किन में रुखापन भी हो सकता है। ऐसे में स्किन के कालेपन से बचने के लिए आप हाइड्रेटिंग मॉइश्चारइजर का इस्तेमाल करें।
- इस मौसम में स्किन के कालेपन को दूर करने के लिए नेचुरल फेस पैक जैसे कि गुलाब और चंदन के फेस मास्क और नींबू-शहद के मिश्रण के फेसपैक का उपयोग कर सकते हैं।
- इस दौरान स्किन की समस्याओं से बचाव के लिए आप विटामिन सी युक्त आहार का सेवन अधिक करें। इसके अलावा, बाहर का तला भूना और जंक फूड को डाइट से बाहर करें।
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बारिश के दिनों में स्किन की देखभाल के लिए आप स्किन को सुखाने के लिए तौलिये से ज्यादा न रगड़ें। इसके अलावा, यदि आप कभी भीग जाते हैं तो ऐसे में कपड़ों को तुरंत बदलें इससे फंगल इंफेक्शन का जोखिम कम होता है। साथ ही गंदे हाथों को बार-बार चेहरे पर न लगाएं। इस मौसम में स्किन पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में स्किन की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
FAQ
क्या मानसून में केवल ऑयली स्किन वाले लोगों को ही त्वचा का रंग काला पड़ता है?
नहीं, मानसून में ड्राय और सेंसिटिव स्किन वाले लोग भी प्रभावित होते हैं। नमी, गंदगी और सूरज की छुपी किरणें सभी स्किन टाइप्स को प्रभावित करती हैं।क्या बारिश में भी सनस्क्रीन लगाना जरूरी है?
हां, बारिश में भी यूवी किरणें आपकी त्वचा तक पहुंचती हैं। इसलिए SPF वाला सनस्क्रीन लगाना जरूरी है, चाहे धूप हो या बादल।त्वचा का रंग वापस पहले जैसा कैसे लाया जा सकता है?
नियमित स्किन केयर, हेल्दी डाइट, पर्याप्त पानी और घरेलू पैक्स जैसे बेसन-हल्दी या चंदन-गुलाबजल से त्वचा को फिर से निखारा जा सकता है। जरूरत पड़ने पर डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह भी लें।
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