मैमोग्राफी की किसे होती है जरूरत

मैमोग्राफी एक्स -रे की एक श्रृंखला है जो कि स्तन के कोमल टिशू के चित्र को दिखाता है। यह एक मूल्यवान स्क्रीनिंग प्रक्रिया है, जिससे स्तन कैंसर की पहचान आसानी से हो सकती हैं। यह एक्स-रे गांठ महसूस होने से दो वर्षों तक किया जा सकता है।
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मैमोग्राफी की किसे होती है जरूरत


ब्रेस्‍ट कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी की जरूरत पड़ती है। जो महिलाएं स्‍तन कैंसर से प्रभावित हैं उनको  की जरूरत होती है। सामान्‍यतया यह उम्रदराज महिलाओं के लिए है लेकि‍न अनियमित लाइफस्‍टाइल के कारण 40 साल से भी कम उम्र की महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं।

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मैमोग्राफी में स्तन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग परीक्षण किया जाता है। हर स्क्रीनिंग में कैंसर की पुष्टि होना निश्चित नहीं है। स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए हर महीने अपने स्तनों की जांच करवाएं। मैमोग्राफी की मदद से स्पष्ट कर सकते हैं कि स्तन में कैंसर है या नही। लेकिन यदि आप अपने स्‍तनों में गांठ महसूस कर रहे हैं तो निश्चित नही है कि वह ट्यूमर ही हो।


मैमोग्राफी क्‍या है

स्तन के टिशूज में असामान्य वृद्धि या परिवर्तन की पहचान करने के लिए विशेष प्रकार की एक्स रे को मैमोग्राफी कहा जाता है। इसमें एक मशीन और स्तन टिशू के लिए निर्मित एक्सरे फिल्म का उपयोग होता है। एक टेक्‍नीशियन स्तन दबाकर कम से कम दो एंगल से इसके चित्र लेता है। दोनों स्तनों के अलग अलग छवि के सेट बनाये जाते है। इस सेट को मैमोग्राम कहते हैं। स्तन टिशू सफेद, अपारदर्शी और फैटी टिशू की अपेक्षाकृत गहरे और ट्रान्सल्यूसेंट दिखते हैं। मैमोग्राम की स्क्रीनिंग में स्तन को ऊपर से नीचे और बाजू से बाजू तक एक्स रे लिया जाता है।

 

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मैमोग्राफी की जरूरत

  • जरूरी नही कि मैमोग्राफी सिर्फ वही महलायें करायें जो ब्रेस्‍ट कैंसर से जूझ रही हैं या फिर जिनको ब्रेस्‍ट कैंसर होने की आशंका है। यह सामान्य भौतिक जांच का एक हिस्सा होता है या किसी प्रकार की स्तन की असामान्यता की जांच मैमोग्राम द्वारा हो जाती है।
  • अगर स्‍तनों में कोई समस्‍या जैसे - गांठ या सूजन है, तो चिकित्‍सक मैमोग्राफी करके निश्चित कर लेते हैं कि यह किस प्रकार की समस्‍या है। भौतिक परीक्षा में अत्यंत छोटी गठान प्रतीत नहीं हो सकती जबकि मैमोग्राम द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।


मैमोग्राफी का मकसद स्तन कैंसर का पता लगाना है। समय पर स्तन कैंसर का पता लगने पर कैंसर से बचा जा सकता है और प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगने पर इससे बचना बहुत ही आसान है

Image Courtesy : Getty Images

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