स्त्रियों के लिए वज़न घटाना क्‍यों है जरूरी

महिला हो या पुरुष वज़न का अधिक होना या मोटापा दोनों के जीवन के लिए ही खतरनाक हो सकता है। लेकिन खासतौर पर महिलाओं को इससे ज्यादा जोखिम होता है। मोटापे से अंगों में वृद्धि होना और फैटी लीवर जैसे रोग घेर लेते हैं । हृदय में जलन और एसिड रिफ्लक्स रोग अधिकांशतः मोटापे के कारण ही होता है।
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स्त्रियों के लिए वज़न घटाना क्‍यों है जरूरी


वज़न का अधिक होना या मोटापा आपके जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। एक स्त्री के लिए खुद को किसी भी गम्भीर बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए, और गर्भावस्था और प्रसव काल को एक आसान प्रक्रिया बनाने के लिए अतिरिक्त वज़न को नष्ट करना बहुत आवश्यक बन जाता है । आइए, हम यह देखें कि मोटापा आपके जीवन को कैसे खतरे में डाल सकता है

 

हृदय रोग

हालांकि स्त्रियों में दिल का दौरा कम सुनाई देता है, लेकिन मोटी स्त्रियाँ खुद को ह्र्दय के रोगों की चपेट में ले आती हैं । ह्र्दय को अधिक रक्त पम्प करना पड़ता है और एक मोटे शरीर को संभालने के लिए अधिक कड़ी मेहनत से कार्य करना पडता है । जिससे कि ह्र्दय समस्याओं के प्रति अति संवेदनशील बन जाता है ।


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उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल सम्बन्धी समस्याएं

अत्यधिक मोटे होने का अर्थ है – अधिक एल-डी-एल स्तर या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल, जो कि आपकी धमनियों पर दबाव डालकर अनेक समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है । अपना अतिरिक्त वजन को घटाने के दौरान आपका एच-डी-एल स्तर या ‘अच्छा’ कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है ।

 

टाइप 2 मधुमेह

मोटापा और मधुमेह के रोग में बेहद नज़दीकी सम्बन्ध हैं। अपने गर्भावस्था के दौरान एक मोटी स्त्री के गेस्टेशनल मधुमेह से पीड़ित होने की अधिक संभावना रहती है और जिससे कि भविष्य में टाइप २ मधुमेह से पीड़ित होने की संभावना और भी अधिक बढ़ जाती है ।

 

कैंसर

प्राकृतिक रूप से मोटी स्त्रियाँ अपनी प्रतिदिन की खुराक में वसा की अधिक मात्रा ग्रहण करती हैं । स्त्रियों में शरीर में अतिरिक्त वसा ब्रेस्ट कैंसर, अंडाशय का कैंसर और सर्विकल कैंसर जैसे कुछ कैंसर को बढ़ावा देती है ।

 

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लीवर समस्या

मोटापे से अंगों में वृद्धि होना और फैटी लीवर जैसे रोग घेर लेते हैं । हृदय में जलन और एसिड रिफ्लक्स रोग अधिकांशतः मोटापे के कारण ही होता है।

 

आर्थ्राइटस (गठिया रोग) 

 

मोटी स्त्रियों में ‘ओस्टियोआर्थ्राइटस’ जैसा रोग अधिक संख्या में पाया जाता है । आपके शरीर के पूरे वज़न को आपके घुटने और हिप्स सहन करते हैं तथा थोड़ा और अधिक पौंड वज़न उन पर पड़ने वाले दबाव और तनाव को अधिक बढ़ा देता है । मोटी स्त्रियाँ जोड़ों के घिसने और टूट फूटने से पीड़ित होती हैं, जिससे कि उनकी हड्डी टूटने की अधिक संभावना होती हैं । श्वसनतंत्र की समस्याएं भी हो सकती हैं।


प्रजनन सम्बन्धी समस्याएं

एक आदर्श वजन को पाने से गर्भाधान की संभावना बढ़ जाती है और प्रजनन सम्बन्धी कोई भी समस्या नहीं उत्पन्न होती हैं । अत्यधिक मोटापे के कारण प्रसव प्रक्रिया में मुश्किलें आती हैं और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं ।

 

मोटापे की वज़ह से खुद की नकारात्मक इमेज बनाना या खुद के प्रति अत्यधिक सचेत रहना जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं ।

 

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