डब्ल्यूएचओ - नीतिगत और असफल नियोजन के कारण बढ़ा जीका का संकट

डब्ल्यूएचओ न कहा है कि दुनिया में बढ़ता जीका वायरस का संकट खुद इंसानों द्वारा दी गई है। आज का जीका वायरस सत्तर के दशक में मच्छर पर नियंत्रण को लेकर रही नीतिगत असफलता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
डब्ल्यूएचओ - नीतिगत और असफल नियोजन के कारण बढ़ा जीका का संकट


दुनिया में दिन पर दिन जीका वायरस का संकट बढ़ते जा रहा है। जीका वायरस के खिलाफ सारी चिकित्सा और सावधानी धरी रह जा रही है जिसको देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे सभी की विफलता बताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख मार्गेट चान ने कहा कि नीति विफलता और परिवर नियोजन सेवाओं की कमजोर और गरीबों तक पहंच नहीं पाने के कारण जीका का संकट बढ़ा है।


मार्गेट ने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ दुनिया की मदद करना चाहता है लेकिन दुनिया के अन्य देशों ने जीका वायरस से लड़ने में कोई दिलचस्पी ना दिखाते हुए किसी भी देश ने पैसे नहीं दिए। साथ ही देशों में जीका के खिलाफ सही तरीके से नीतियां भी लागू नहीं की।

 

मच्छरों पर नहीं किया नियंत्रण

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जीका विषाणु को लेकर फैले संकट की वजह मच्छरों पर नियंत्रण को लेकर दशकों से नीतिगत विफलता और परिवार नियोजन सेवाओं तक कमजोर पहुंच है। आज का जीका वायरस सत्तर के दशक में मच्छर पर नियंत्रण को लेकर रही नीतिगत असफलता है।

 

Read more Health news in Hindi.

Read Next

दिल के लगभग एक-तिहाई मरीज नहीं लौटते हैं वापस काम पर

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version