दुनिया में दिन पर दिन जीका वायरस का संकट बढ़ते जा रहा है। जीका वायरस के खिलाफ सारी चिकित्सा और सावधानी धरी रह जा रही है जिसको देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे सभी की विफलता बताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख मार्गेट चान ने कहा कि नीति विफलता और परिवर नियोजन सेवाओं की कमजोर और गरीबों तक पहंच नहीं पाने के कारण जीका का संकट बढ़ा है।
मार्गेट ने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ दुनिया की मदद करना चाहता है लेकिन दुनिया के अन्य देशों ने जीका वायरस से लड़ने में कोई दिलचस्पी ना दिखाते हुए किसी भी देश ने पैसे नहीं दिए। साथ ही देशों में जीका के खिलाफ सही तरीके से नीतियां भी लागू नहीं की।
मच्छरों पर नहीं किया नियंत्रण
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जीका विषाणु को लेकर फैले संकट की वजह मच्छरों पर नियंत्रण को लेकर दशकों से नीतिगत विफलता और परिवार नियोजन सेवाओं तक कमजोर पहुंच है। आज का जीका वायरस सत्तर के दशक में मच्छर पर नियंत्रण को लेकर रही नीतिगत असफलता है।
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