Mpox public health emergency in Hindi: एमपॉक्स के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में इसके नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं, जो बेहद खतरनाक और संक्रामक बताए जा रहे हैं। एमपॉक्स का कहर दुनियाभर में जारी है। हालांकि, कुछ दिनों पहले इसके मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन वह भी कोई ज्यादा नहीं थी। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी एमपॉक्स को लेकर अलर्ट हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एमपॉक्स अभी भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है। इसके बढ़ते मामलों को देख इसे अभी भी इमरजेंसी की श्रेणी में ही रखा गया है।
कांगो में लगातार बढ़ रहे हैं एमपॉक्स के मामले
कांगो में एमपॉक्स की लगातार बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के साथ लोगों को भी चिंता में डाल दिया है। कांगो में जनवरी से नवंबर तक एमपॉक्स के कुल 47 हजार मामले देखे जा चुके हैं। इस वायरस का क्लेड 1b वायरस तेजी से फैल रहा है और काफी संक्रामक है। कांगो के साथ-साथ यूरोप, एशिया, अफ्रीका आदि में भी एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने बच्चों को एमपॉक्स से बचाने के लिए एक वैक्सीन को मंजूरी दी है। जल्दी ही यह वैक्सीन मार्केट में उपलब्ध कराई जा सकेगी।
कांगो में एमपॉक्स से 900 लोगों की गई जान
हाल की ही एक रिपोर्ट की मानें तो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो में एमपॉक्स के कारण अबतक कुल 900 लोगों की मौत हो चुकी है। इन्हीं कारणों को देखते हुए WHO द्वारा इसे अभी भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है। एमपॉक्स का क्लेड 1 स्ट्रेन ज्यादातर सेंट्रल ईस्ट अफ्रिका में फैल रहा है। इससे पहले अगस्त में इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था। हालांकि, भारत में इसके मामले पहले से कम हैं। पिछले कुछ दिनों से भारत में इस वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।