बच्चेदानी में किस साइज की गांठ खतरनाक हो सकती है? जानें डॉक्टर से

Which Size of Uterus Fibroid May Be Dangerous: बच्चेदानी में कितने साइज की गांठ खतरनाक होती है। आइये डॉक्टर से जानते हैं इसके बारे में।
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बच्चेदानी में किस साइज की गांठ खतरनाक हो सकती है? जानें डॉक्टर से


Which Size of Uterus Fibroid May Be Dangerous: कई बार महिलाओं को बच्चेदानी में गांठ की समस्या हो जाती है, जो उनकी शरीर के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक हो सकती है। बच्चेदानी में गांठ होने पर शरीर में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में बार-बार पेशाब आना, पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। बच्चेदानी की गांठ को आम भाषा में रसौली भी कहा जाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि बच्चेदानी में कितने साइज की गांठ खतरनाक हो सकती है। आइये वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इसके बारे में। 

बच्चेदानी में किस साइज की गांठ खतरनाक होती है? 

डॉ. शोभा के मुताबिक बच्चेदानी में गांठ होने को साइज से नहीं नापना चाहिए। अगर गांठ छोटी भी है, तो इसे नजरअंदाज करना आपके लिए आगे चलकर खतरे का सबब बन सकता है। Johns Hopkins Medicine के मुताबिक आमतौर पर 2 मिलीमीटर या उससे ज्यादा साइज की गांठ को खतरनाक मानी जाती है। वहीं, 8 सेंटीमीटर से ज्यादा साइज की गांठ होना शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। हालांकि, इतनी बड़ी गांठ होने पर शरीर आपको कई बार संकेत देती है। 

कितनी पुरानी गांठ खतरनाक होती है? 

डॉक्टर के मुताबिक अगर आपको बच्चेदानी में गांठ की समस्या है और वह 3 महीने से ज्यादा पुरानी हो गई है। तो यह स्थिति शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। गांठ ज्यादा पुरानी होने या उसका आकार बढ़ जाने पर कुछ मामलों में गर्भाशय में डैमेज भी हो सकता है। इसके लिए आपको सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए बच्चेदानी में गांठ होने का पता चलते ही आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

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बच्चेदानी में गांठ का पता कैसे लगता है? 

  • बच्चेदानी में गांठ होने का पता कई तरीकों से लगाया जा सकता है। 
  • इसके लिए डॉक्टर आपको हायस्टेरोस्कोपी और अल्ट्रासोनोग्राफी कराने की सलाह दे सकते हैं। 
  • इसके लिए डॉक्टर आपको लेपारोस्कोपी कराने के लिए कह सकते हैं। जिसमें पेट में कट लगाकर कैमरे के जरिए आंतरिक अंग देखे जाते हैं। 

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