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ताजी या सूखी: कौन-सी मिर्च की तासीर होती है ज्यादा गर्म? आयुर्वेदाचार्य से जानें

भोजन को तीखा और स्वादिष्ट बनाने के लिए लोग ताजी और सूखी मिर्च का इस्तेमाल करते हैं। यहां जानिए, सूखी और ताजी में कौन सी मिर्च ज्यादा गर्म होती है?
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ताजी या सूखी: कौन-सी मिर्च की तासीर होती है ज्यादा गर्म? आयुर्वेदाचार्य से जानें


भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए लोग ज्यादा मिर्च और मसालों का उपयोग करते हैं, जिससे भोजन तो स्वादिष्ट हो जाता है लेकिन कई बार लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। दरअसल, ज्यादा मिर्च और मसालों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और मसालों का विशेष महत्व है। मिर्च भी इनमें से एक है, जिसे आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन मिर्च का सेवन लोगों को अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि मिर्च का सेवन पित्त दोष वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि ताजी मिर्च या सूखी मिर्च में कौन की ज्यादा गर्म और तीखी होती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की है।

ताजी या सूखी, कौन-सी मिर्च की तासीर होती है ज्यादा गर्म?

डॉक्टर ने बताया कि आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए मिर्च का उपयोग किया जाता है। मिर्च का उपयोग ताजे और सूखे दोनों रूपों में होता है। हरी और सूखी मिर्च के अपने-अपने गुण और फायदे होते हैं, जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इसका उपयोग लोगों को अपने शरीर के दोषों के अनुसार करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि हरी मिर्च और सूखी मिर्च दोनों की ही तासीर गर्म होती है, ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के शरीर में पित्त दोष बढ़ा है तो उसके लिए हरी और सूखी दोनों ही तरह की मिर्चों का सेवन हानिकारक हो सकता है। 

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ताजी मिर्च

ताजी हरी या लाल मिर्च में तीखापन ज्यादा होता है, इसमें विटामिन C और विटामिन A के साथ अन्य जरूरी पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। हरी मिर्च का नियमित सेवन पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है, भूख बढ़ाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक हो सकते हैं।

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सूखी मिर्च

सूखी मिर्च ताजी हरी मिर्च से कम तीखी होती है और इसमें विटामिन C की मात्रा भी सुखाने के बाद कम हो जाती है। कम मात्रा में मिर्च का प्रयोग लाभदायक हो सकता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति ज्यादा मात्रा में मिर्च का सेवन करता है तो इससे नुकसान हो सकता है। 

मिर्च के फायदे

1. सूखी मिर्च पाचन तंत्र को एक्टिव करने में सहायक हो सकती है। इससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

2. मिर्च में मौजूद तत्व मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं, जिससे कैलोरी बर्न करना आसान हो सकता है। इसका सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है।

3. ताजी मिर्च में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह शरीर को सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, मिर्च का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए ताकि इसके फायदे प्राप्त किए जा सकें। लेकिन जिन लोगों की पित्त प्रकृति होती है उन्हें ताजी या सूखी मिर्च की जगह सीमित मात्रा में काली मिर्च का सेवन करना चाहिए।

All Images Credit- Freepik

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