जानें वास्तव में कब होती है एम्बुलेंस की ज़रूरत

मेडिकल एमर्जेंसी कभी भी आ सकती है, और इन मेडिकल एमर्जेंसी के लिये ही एम्ब्युलेंस सेवा होती है। चलिये आज जानने की कोशिश करते हैं कि वास्तव में एम्बुलेंस की ज़रूरत किन परिस्थियों में होती है, और इन परिस्थियों से कैसे निपटना चाहिए।
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जानें वास्तव में कब होती है एम्बुलेंस की ज़रूरत


मेडिकल एमर्जेंसी कभी भी आ सकती है, और इन मेडिकल एमर्जेंसी के लिये ही एम्ब्युलेंस सेवा होती है। लेकिन एक बड़ा सवाल ये है कि वे कौंन सी मेडिकल एमर्जेंसी हैं, जिनके लिए एम्बुलेंस को बुलाना ज़रूरी होता है? चलिये आज जानने की कोशिश करते हैं कि वास्तव में एम्बुलेंस की ज़रूरत किन परिस्थियों में होती है, और इन परिस्थियों से कैसे निपटना चाहिए। -

 

You Need Ambulance in Hindi

कब बुलाएं एम्बुलेंस

आमतौर किसी गंभीर दुर्घटना में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के घायल हो जाने एम्बुलेंस को बुलाया जाता है। लेकिन आमतौर पर घर, दफ्तर या कहीं बाहर होने पर एम्बुलेंस को किस स्थिति में बुलाया जाए, यह लोगों द्वारा पूछा जाने वाला आम सवाल होता है। एक नए शोध के अनुसार दरअसल, यदि एक बच्चे की गर्दन में अकड़न और सामान्य से उच्च बुखार हो या कोई बुजुर्ग व्यक्ति बिना शराब के प्रभाव में बोल पाने में असमर्थ हो तो ये समय एम्बुलेंस को कॉल करने का होता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता है। दिमागी बुखार और स्ट्रोक के ये संकेत एम्बुलेंस बुलाने के काफी होते हैं, लेकिन एक सर्वे के अनुसार अधिकांश लोग ऐसी स्थितियों में एम्बुलेंस को नहीं बुलाते हैं और स्थिति गंभार होने पर खुद ही मरीज को किसी साधन से अस्पताल ले जाते हैं। लेकिन ऐसा करने से कई बार देरी हो जाने व असुविधा के चलते मरीज की रास्ते में ही मौत हो सकती है।  


जानकारी का अभाव

इसके अलावा, खासतौर पर हमारे देश प्रसव के लिए महिला को अस्पताल ले जाने के लिये एम्बुलेंस को नहीं बुलाया जाता है, और ट्रेफिग व खराब रास्तों की वजह से इसके गंभीर परिणाम झलने पड़ते हैं।   

इसका एक मुख्य कारण यह है कि लोगों में एम्बुलेंस की उपयोगिता और इसे कब और कैसे बुलाना है, आदि को लेकर जागरूकता है ही नहीं। इसलिए सरकार और निजी संस्थाओं को चाहिए के लोगों में एम्बुलेंस की उपयोगिता को लेकर जागरूकता लाई जाए। साथ ही डॉक्टरों व अस्पतालों को भी एम्बुलेंस के इस्तेमाल को लेकर लोगों को जानकारी प्रदान करनी चाहिए। साथ ही सरकारों और असपताल प्रशाषन आदि को एम्बुलेंस को आसानी से उपब्धता और इनकी किरायों में कटौती करने की जरूरत है।


एम्बुलेंस केवल मोटरगाड़ियों में ही, बल्कि हवाई जहाजों, हेलिकॉप्टरों से लेकर नावों, घोड़ागाड़ियो, मोटर साइकिलों और साइकिलों पर भी होती हैं। जिससे मरीज़ को तत्काल चिकित्सकीय सहायता मिल पाती है और सुरक्षित तरीके से समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।



Image Source - Getty Images

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