
क्या आपकी भी नींद अक्सर आधी रात में टूट जाती है और फिर दोबारा सोना मुश्किल हो जाता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। यह समस्या लाखों लोगों को परेशान करती है, जिसे मेडिकल भाषा में 'Middle of the Night Insomnia' कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति अचानक नींद से जाग जाता है और फिर दोबारा चैन से सो नहीं पाता, जिससे अगला दिन थकावट, चिड़चिड़ापन और फोकस की कमी से भर जाता है। इस समस्या के पीछे कई वजह हो सकती हैं, जैसे तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अनियमित दिनचर्या, नींद से पहले मोबाइल या लैपटॉप चलाना, कैफीन का ज्यादा सेवन या कोई शारीरिक समस्या जैसे स्लीप एपनिया या हार्मोनल असंतुलन। कई बार यह उम्र के साथ भी बढ़ जाती है।
जब नींद रात में बार-बार टूटती है, तो शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक भी गड़बड़ा जाती है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। कुछ आसान उपायों और आदतों को अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानिए, आधी रात में नींद टूटने पर तुरंत क्या करना चाहिए और कब डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
रात को नींद खुल जाए तो क्या करें? - What To Do For Middle Of The Night Insomnia
अगर आपकी नींद रात में टूट जाए, तो सबसे जरूरी है शांत रहना और खुद पर दबाव न बनाना। घड़ी की ओर बार-बार देखना या क्यों नींद नहीं आ रही सोचते रहना चिंता को और बढ़ाता है। ऐसे में गहरी सांसें लें और रिलेक्सिंग टेक्निक्स जैसे 4-7-8 ब्रीदिंग या मेडिटेशन का सहारा लें। आपके सोने का माहौल नींद को गहरा या बाधित कर सकता है। कमरे का तापमान न ज्यादा ठंडा हो, न बहुत गर्म। रोशनी कम हो और शोर न हो तो बेहतर नींद आती है। अरोमा थेरेपी जैसे लैवेंडर ऑयल का उपयोग भी नींद में सहायता (insomnia remedies in hindi) कर सकता है।
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- बिस्तर पर लेटे हुए धीरे-धीरे गहरी सांस लें। अपना ध्यान सांसों पर टिकाएं।
- डॉक्टर के अनुसार, अगर 20 मिनट तक नींद न आए तो बेड से उठ जाएं और कोई एक्टिविटी करें जैसे किताब पढ़ना या हल्का म्यूजिक सुनना।
- मोबाइल, टीवी या लैपटॉप को छूने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे नींद आने में और देर होती है।
- रात के समय कैफीन, शराब, भारी और ऑयली भोजन से बचें। यह आपकी नींद खराब कर सकता है।
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दिनचर्या में बदलाव - Lifestyle Changes to Improve Sleep
- समय पर सोना और जागना जरूरी है, हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें, इससे बॉडी क्लॉक सही रहती है।
- योग, ध्यान, प्राणायाम जैसी तकनीकें तनाव कम करती हैं और नींद में सुधार लाती हैं।
- सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का उपयोग बंद कर दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकी नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के प्रोडक्शन को रोकती है।
- दिन में हल्की एक्सरसाइज शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद होती है, जिससे नींद बेहतर होती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें? - When to Consult a Doctor
अगर इन सभी उपायों के बाद भी आपको आधी रात की अनिद्रा की समस्या बनी रहती है और आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। कुछ स्थितियों में यह समस्या मानसिक रोग, डिप्रेशन, अनिद्रा या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है।
निष्कर्ष
आधी रात को नींद खुल जाना आज के समय में एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही दिनचर्या, तनाव मैनेजमेंट और हेल्दी खानपान से इसे काफी हद तक रोका (middle of the night insomnia treatment) जा सकता है। अगर जरूरत हो तो डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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FAQ
आधी रात को बार-बार नींद क्यों खुल जाती है?
इसका मुख्य कारण तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अनियमित नींद की दिनचर्या, देर रात खाना या कैफीन का सेवन हो सकता है। कुछ मामलों में हार्मोनल बदलाव या मेडिकल समस्याएं जैसे थायराइड या पेशाब की समस्या भी इसका कारण बनती हैं।क्या मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल भी रात को नींद टूटने का कारण हो सकता है?
जी हां, मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के लेवल को कम करती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है और आधी रात को नींद खुल सकती है।क्या आयुर्वेद में मिडनाइट इनसोम्निया का कोई इलाज है?
हां, आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी जैसे हर्ब्स से मानसिक शांति मिलती है और नींद की क्वालिटी बेहतर होती है। लेकिन किसी भी दवा को लेने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श जरूरी है।
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