समुद्री भोजन प्रोटीन में उच्च और स्वादिष्ट होता है। मछली और शेलफिश को अपने मधुमेह आहार का हिस्सा बनाने के लिए कुछ बातों का मालूम होना जरूरी है। आप डायबिटीज से पीड़ित हैं और सी फूड खाना पसंद करते हैं तो आपको यह फूड जल्दी रिकवर करने में फायदेमंद है। यह पोषण से भरपूर होता है । यह प्रोटीन व हेल्दी फैट्स के लिए एक उत्तम चॉइस है। यह खाने में भी स्वादिष्ट है। परंतु आप को इसे ऐसे बनाना होगा जो आप की डायबिटीज के लिए नुक़सान दायक न हो। आप को कुछ जड़ी बूटियों का प्रयोग करके ओवन में बेक करना चाहिए।
यदि आप को बजट में रहते हुए सीफूड लेना है तो आप डिब्बाबंद टूना के लिए सोच सकते हैं। इसे आप अपनी पेंट्री में कई दिन तक स्टोर करके रख सकते हैं। इसे आप तेल में रखने की बजाय पानी में रख सकते हैं। जिससे इसकी आधी से ज्यादा कैलोरीज़ खत्म हो जाएंगी जो डायबिटीज वाले लोगों के लिए बढ़िया है।
शेलफिश को बनाना और खाना बहुत ही आसान और सिंपल होता है। पकाते समय पानी में नमक डालने से अच्छा आप तेजपात पत्ते का प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के बदलाव करके आप अपने सी फूड को और भी अधिक टेस्टी बना सकते हैं।
ओमेगा 3 के लिए साल्मन (Salmon for Omega-3s)
साल्मन ओमेगा 3 फैटी एसिड्स से भरपूर होती है। इसलिए यह आप को अवश्य खानी चाहिए। आप इसमें कट को ज्यादा मोटा न रखें या फिर इसे ग्रिल करके खाएं। यह ग्रिल करने पर बहुत अधिक स्वादिष्ट लगती है। इसके साथ आप फ्रेश नींबू पानी भी ले सकते हैं।
टॉप स्टोरीज़
प्रोटीन के लिए तिलपिया (Tilapia for Protein)
यह एक लो फैट व हाई प्रोटीन वाली फिश होती है जो आसानी से दोनो रूपों, फ्रेश व फ्रोजन में मिल जाती है। इसे बनाना भी बहुत आसान होता है। इन्हे ज्यादा ओवर कुक न करें। इसे डायबिटीज फ्रेंडली तरीके से बनाने के लिए एक नॉनस्टिक फ्राईंग पैन का प्रयोग करें और फ्राई करने के लिए बहुत कम तेल का प्रयोग करें।
इसे भी पढ़ें: डायबिटीज के मरीज जरूर खाएं ये 3 सब्जियां, जानें इन्हें डाइट में शामिल करने का सही तरीका और फायदे
ग्रिलिंग के लिए कॉड (Cod for Grilling)
यह भी एक सफेद मछली होती है परन्तु यह थोड़ी ज्यादा मोटी होती है। इसलिए इसको ग्रिल करना बेस्ट है। बनाते समय मैरिनेट करना ध्यान रखें। जितनी पतली मैरिनड्स फिलिंग होंगी उतना ही कम समय इसे बनने में लगेगा। ज्यादा शुगर या नमक का प्रयोग न करें।
फैटी एसिड्स के लिए ट्राउट (Trout for Fatty Acids)
ट्राउट एक ऐसी मछली होती है जिसमें ओमेगा 3 व फैटी एसिड्स बहुत अधिक मात्रा में पाएं जाते हैं। आप इसे बेक करके पका सकते हैं और ध्यान रखें कि इसे बनाते समय कम से कम नमक का प्रयोग करें। आप कुछ हर्ब्स का प्रयोग करके इसे टेस्टी बना सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या डायबिटीज के दौरान जूस का सेवन सुरक्षित है? डायबिटीज रोगियों को कौन सा जूस पीना चाहिए
कैलोरी कंट्रोल के लिए झींगा (Shrimp for Calorie Control)
झींगा में बाकी सभी मछलियों के मुकाबले ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होता है। झींगा की 3- से 4 औंस की मात्रा में एक अंडे जितना कोलेस्ट्रॉल होता है। इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोग इसे खाना अवॉइड करते हैं। परंतु झींगा को हफ्ते में एक बार खाने से आप की डायबिटीज पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसमें फैट की मात्रा भी कम होती है जिस वजह से आप की ओवर ऑल कैलोरीज़ भी नियंत्रित रहेंगी।
Read More Articles on Diabetes in Hindi