
कोलेस्ट्राल एक मुलायम चिपचिपा पदार्थ होता है जो रक्त शिराओं व कोशिकाओं में पाया जाता है। शरीर में कोलेस्ट्राल का होना एक सामान्य बात है। यह शरीर के लिए आवश्यक होता है। हमारे शरीर में लगभग अस्सी प्रतिशत कोलेस्ट्राल, लीवर द्वारा बनाया जाता है और बाकी कोलेस्ट्रॉल हमारे द्वारा लिए गए भोजन से आता है। कोलेस्ट्राल एचडीएल (हाई डेन्सिटी लाइपो प्रोटीन्स) तथा एलडीएल (लो डेन्सीटी लाइपो प्रोटीन्स) दो प्रकार के होते हैं। एचडीएल को गुड कोलेस्ट्राल तथा एलडीएल को बैड कोलेस्ट्राल भी कहते हैं। आइये जानें क्या होते हैं गुड़ और बैड कोलेस्ट्रोल और हमारे शरीर में इनकी क्या भूमिका होती है।
गुड कोलेस्ट्रॉल या HDL (Good Cholesterol)
खून में पाये जाने वाले कोलेस्ट्राल का पच्चीस से तीस प्रतिशत हिस्सा गुड कोलेस्ट्राल यानी हाइ डेन्सिटी कोलेस्ट्राल (एचडीएल) का होता है। इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है। एचडीएल को गुड कोलेस्ट्राल इसलिए भी कहते हैं क्योंकि शरीर में इसकी अधिकता दिल के दौरे से बचाती है। डॉक्टरों का मानना है कि यह धमनियों से बैड कोलेस्ट्राल को हटाने में मदद करता है जिससे वे ब्लॉक न हो पाएं।
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बैड कोलेस्ट्राल या LDL (Bad Cholesterol)
बैड कोलेस्ट्राल अथवा एलडीएल (लो डेन्सिटी लाइपो प्रोटीन्स) का शरीर में बढ़ना नुकसानदायक है। इसमें प्रोटीन की मात्रा कम और फैट अधिक होती है। जब इसकी खून में मात्रा बढ़ जाती है तो यह हृदय और मस्तिष्क की धमनियों को ब्लॉक कर देता है। ऐसे में दिल का दौरा, धमनियों में रुकावट या स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसी स्थिति में इसको नियंत्रित करना जरूरी होता है।
कोलेस्ट्राल से होने वाली ज्यादार समस्याएं लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल से होती हैं। इन समस्याओं को खत्म करने के लिए एचडीएल कोलेस्ट्राल यानी गुड कोलेस्ट्राल वाला भोजन खाना चाहिए। भोजन में कुछ जरूरी चीजों को शामिल करके, गुड कोलेस्ट्राल को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मोटापे और दिल के रोग जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। बादाम, बीन्स और दलहन बीन्स शरीर में गुड कोलेस्ट्राल की मात्रा को बढ़ाते हैं जो शरीर में फैट और बैड कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करता है।
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कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें कंट्रोल (How to Control Cholesterol)
कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखने में हमारी जीवनशैली और खानपान की अहम भूमिका होती है। एलडीएल (लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन) सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। वे लोग जो अपनी डाइट में सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करते हैं, उनमें एलडीएल कोलेस्ट्राल बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
- अगर आप एलडीएल कोलेस्ट्राल को रोकना चाहते हैं तो सबसे पहले सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और हाई कोलेस्ट्राल वाले भोजन को अपनी खुराक से हटा दें।
- तले-भुने भोजन, फास्ट फूड आदि में भी इस तरह के फैट ज्यादा मात्रा में पाये जाते हैं इसलिए इनका कम से कम सेवन करें।
- अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम करें।
- जहां तक संभव हो रेशेदार (फाइबर) भोजन को प्राथमिकता दें।
- लो एचडीएल (हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन) को नियंत्रित करने के लिए सुस्त जीवन शैली और एक्सरसाइज ना करने की आदतों को बदलें।
- एचडीएल का उचित स्तर बनाए रखने के लिए आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए।
- मछली या मछली के तेल में ओमेगा-3 भरपूर होता है जो एचडीएल को बढ़ाता है। आप इसका भी सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा ताजी सब्जियों, फल, सोयाबीन आदि का सेवन भी लाभदायक होता है। इन बातों का ध्यान रख कर आप एलडीएल और एचडीएल को संतुलित कर सकते हैं।
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