आमतौर हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती है। लेकिन कई बार जब एक किडनी खराब हो जाती है या खराब होने की वजह से निकाल दी जाती है तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। हालांकि प्रत्येक किडनी में इतनी कार्यक्षमता रहती है की वह शरीर का सारा जरुरी काम सम्पूर्ण रूप से अकेली कर सकती है। किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए हरेक को सही खानपान, एक्सरसाइज, सही वजन, पर्याप्त पानी पीने और नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करवाने की सलाह दी जाती है। लेकिन जो लोग एक किडनी के साथ जिंदगी जी रहे हैं उनके लिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि इसकी विशेष देखभाल करें।
एक किडनी होने पर किन बातों का ध्यान रखें?
ब्लड प्रेशर
एक किडनी के साथ जीवन बिता रहे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक रहता है। उन्हें अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक करवाते रहना चाहिए और उनसे सलाह लेना चाहिए कि किस प्रकार आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं। ब्लड प्रेशर की दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं कि आपके पास सिर्फ एक ही किडनी है क्योंकि कई दवाएं किडनी की सेहत के लिए अधिक बेहतर होती है।
जीएफआर की क्षमता
ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन रेट द्वारा इस बात का पता लगाया जा सकता है कि यह किस प्रकार किडनी रक्तधाराओं से सही तरीके से अपशिष्ट निकालने का काम कर रही है। एक किडनी होने की स्थिति में यह देखना और भी जरूरी होता है कि वह सही तरीके से काम कर रही है या नहीं। डॉक्टर जीएफआर को व्यक्ति की उम्र, नस्ल, जेंडर और खून में मौजूद वेस्ट के आधार पर कैलकुलेट करते हैं एक बार इसे कैलकुलेट करने के बाद यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को किडनी से जुड़ी बीमारी है या नहीं और वह चरण तक पहुंच चुकी है। इससे सही समय पर समस्या का पता चल जाता है और किस प्रकार क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसकी जानकारी भी हो जाती है।
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प्रोटीन की मात्रा
प्रोटेन्यूरिया ऐसी स्थिति होती है जिसमें काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन रक्त से निकलकर यूरीन में पहुंच जाता है। जो लोग एक किडनी के साथ जिंदगी जी रहे हैं उन्हें प्रोटेन्यूरिया होने का खतरा अधिक रहता है। यदि रक्त से बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन निकल जाए तो उससे फ्ल्यूड और सोडियम जमा होने लगता है, जिससे टखनों या पेट में सूजन होने लगती है। प्रोटेन्यूरिया से बचाव के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए कि कब उन्हें अपनी डाइट से प्रोटीन कम करने की जरूरत है।
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